यूक्रेन: अन्धेरे में रौशनी की एक किरण
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण थमने का कोई संकेत नज़र नहीं आ रहा है मगर, संयुक्त राष्ट्र, उन क्षेत्रों में जहाँ गोलीबारी के कारण बिजली के बुनियादी ढाँचे नष्ट हो गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहाँ मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति लगातार जारी रख रहा है, जिसमें सौर लैम्प (solar lamps) भी शामिल हैं. इससे, विशेष रूप से खिड़की रहित तहख़ानों में स्थित आश्रयों में अन्धेरे से कुछ राहत मिलती है.
यूक्रेन के ख़ार्कीयेव में, 40 वर्षीय नतालिया लगभग लगातार हो रहे हवाई हमलों की वजह से एक अन्धेरे - भीड़भाड़ वाले तहख़ाने में छिपी हुई हैं. वो अपने बेटे, भतीजी, चाचा और माँ के साथ शहर के सबसे ख़तरनाक इलाक़ों में से एक में रहती है. ठण्डे फ़र्श पर, अनेक लोगों की मौजूदगी में सोती हैं और वह कभी-कभी कई दिनों तक खुला आकाश भी नहीं देख पाती हैं.
नतालिया बताती हैं, “हम बहुत भारी गोलाबारी का सामना कर रहे थे. हमारे पास बचने के लिये कोई जगह नहीं थी इसलिये हम आश्रय में चले गए. हमने यहाँ प्रसव, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल और एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने जैस बहुत से घटनाक्रमों का अनुभव किया.”
यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर, ख़ार्कीयेव रूसी संघ के हमले से ग्रस्त है. इस क्षेत्र में मौतों व घायलों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है, इसलिये आश्रयों में रहने वाले लोगों तक, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की ओर से सहायता पहुचाईं जा रही है, जिसमें लोगों को समायोजित करना प्रयासों का हिस्सा नहीं था.
भोजन और दवा जैसी ज़रूरतों के अलावा, वे अपने परिवारों की ओर से समाचार पाने के लिये बेताब हैं.
IOM द्वारा प्रदान किये गए सोलर लैम्प, विस्थापित यूक्रेनी लोगों को अपने मोबाइल फ़ोन चार्ज करने में मदद कर रहे हैं, जिससे वे अपने प्रियजन की आवाज़ एक बार फिर से सुन सकते हैं.
चारों तरफ़ से घिरे हुए शहर को सहायता पहुँचाना
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, फ़रवरी के अन्त से अप्रैल के शुरू तक भारी गोलाबारी के कारण, देश की सबसे उत्तरी क्षेत्रीय राजधानी चेर्निहाइव में, बुनियादी ढाँचे को हुए नुक़सान के कारण, शहर के 70 प्रतिशत हिस्से में बिजली की कमी थी.
शहर की 3 लाख आबादी में से लगभग आधी जनसंख्या, यहाँ से जा चुकी है और सैकड़ों अन्य नागरिक मारे गए हैं. और अब भी, इस अराजक गोलाबारी से क्षेत्र के लोगों के जीवन पर ख़तरा मंडरा रहा है.
आईओएम के साझीदार संगठन "यूक्रेनी प्रिज़्म" के एक कर्मचारी ओल्गा, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सौर लैम्प और अन्य सहायता वितरित कर रहे हैं.
वो बताते हैं, “अन्धेरे में रहना बहुत भयानक था, लेकिन सबसे बुरी बात रिश्तेदारों के साथ सम्वाद की कमी थी.
ओल्गा याद करते हुए कहते हैं, "जब चेर्निहाइव शहर चारों तरफ़ से घिरा हुआ था, हमने स्थानीय लोगों के लिये सबसे महत्वपूर्ण कार्गो के साथ-साथ, आईओएम से सौर लैम्प के (solar lamp) पहला बैच, सर्द देसना नदी के पार, रबर की नावों में पहुँचाया. “
एक अभूतपूर्व अभियान
IOM, युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन के प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक और मौलिक सहायता प्रदान कर रहा है, जिसमें गद्दे, कम्बल, रसोई और स्वच्छता सेट, कण्टेनर और छोटी-मोटी मरम्मत के उपकरण शामिल हैं.
ऐसी वस्तुओं को मानवीय आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो आपदा के दौरान, भोजन, आश्रय, कम्बल, दवाओं और अन्य आवश्यक सामान की निरन्तर वितरण सुनिश्चित करता है.
सोलर लैम्प सबसे अधिक मांग वाली वस्तुओं में से एक बन गए हैं. दो बच्चों की माँ कैटरीना कहती हैं, "ये लैम्प हमारे लिये बहुत उपयोगी हैं - हम इसकी मदद से फ़ोन चार्ज कर सकते हैं और रौशनी के लिये इनका इस्तेमाल करते हैं.”
फ़रवरी में जब युद्ध शुरू हुआ, तो IOM ने एक अभूतपूर्व और बड़े पैमाने पर आपूर्ति श्रृंखला संचालन स्थापित की थी, और यूक्रेन के सबसे अधिक संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में जीवन रक्षक वस्तुएँ लाने के लिये एक जटिल सीमा पार अभियान की स्थापना की.
ये वस्तुएँ पर्यावरण के अनुकूल हैं, और लोगों की तत्काल ज़रूरतों की आपूर्ति के लिये तैयार की गई हैं.