यूक्रेन: ‘अनाज समझौता, राजनय की जीत’ यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को यूक्रेन के लवीव शहर में पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि दुनिया भर में निर्बल हालात वाले लोगों तक खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद के लिये किये गए ऐतिहासिक काला सागर अनाज कार्यक्रम को लागू करने में देखी गई सकारात्मक गति, उन लोगों के लिये राजनय की जीत दर्शाती है जो बढ़ती क़ीमतों के संकट में फँस गए हैं. साथ ही, यूक्रेन के मेहनती किसानों के लिये भी यह एक जीत है.
यूएन प्रमुख ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की और तुर्कीय के राष्ट्रपति रेसेप तैयप अर्दोगान के साथ एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए, इतने कठिन समय में, देश की एक और यात्रा करने के अवसर के लिये आभार व्यक्त किया.
Speaking after trilateral meeting with @zelenskyyUA and @RTErdogan, @antonioguterres calls for demilitarization of the #Zaporizhzhia plant & announces intention to name @GenSantosCruz to head Fact Finding mission on Olenivka detention center.Read 👇👇👇 https://t.co/UtZVVMLFck pic.twitter.com/cjvdoCQkNe
UN_Spokesperson
यूएन प्रमुख ने दोहराते हुए कहा कि वैसे तो कुछ ही सप्ताह पहले काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, मगर यूक्रेन के खाद्य पदार्थों और रूस के खाद्य व उर्वरक उत्पादों तक दुनिया की पूर्ण पहुँच सुनिश्चित किये बिना, वैश्विक खाद्य संकट का कोई समाधान नहीं है.
सहायता रास्ते में है
एंतोनियो गुटेरेश ने बताया कि एक महीने से भी कम समय में, यूक्रेन के बन्दरगाहों से अनाज से भरे 21 जहाज़ रवाना हो चुके हैं, और तुर्कीये के इस्तान्बूल शहर से अनाज व अन्य खाद्य सामग्रियाँ भरने के लिये, 15 जहाज़ यूक्रेन के लिये रवाना हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि बिल्कुल इसी लम्हा जब हम बात कर रहे हैं, यूक्रेन के किसानों द्वारा उत्पादित लगभग 5 लाख 60 हज़ार मीट्रिक टन अनाज और अन्य खाद्य उत्पाद, दुनिया भर के बाज़ारों के लिये रास्ते में हैं.
इस बीच ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दुनिया भर के खाद्य बाज़ारों में कुछ स्थिरता लौट रही है क्योंकि वो समझौता होने के बाद से गेहूँ की क़ीमतों में 8 प्रतिशत तक की कमी आई है.
साथ ही, खाद्य व कृषि संगठन -FAO के खाद्य मूल्य सूचकांक में भी जुलाई महीने में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जो 2008 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है.
वैसे तो अधिकतर खाद्य वस्तुएँ यूक्रेन युद्ध शुरू होने के मूल्य स्तर से नीचे ख़रीदी-बेची जा रही हैं, मगर वो स्तर फिर भी बहुत ऊँचा है.
ये केवल शुरुआत है
एंतोनियो गुटेरेश ने समझौतों की दुर्लभता और लगातार भंगुरता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के समझौतों को लगातार आगे बढ़ाने के लिये सुचारू प्रयासों की ज़रूरत होती है.
उस समझौते के क्रियान्वयन के लिये गठित संयुक्त समन्वय केन्द्र (JCC), खाद्य उत्पादों की सुचारू उपलब्धता के लिये, सद इच्छा में पेशेवर तरीक़े से काम करने में लगा है, ऐसे में, यूएन प्रमुख ने तमाम सम्बद्ध पक्षों से कोई बीच का रास्ता निकालने की भावना के साथ काम करते हुए तमाम बाधाओं को दूर करने और तमाम कठिनाइयों को स्थाई रूप से दूर करने की भी अपील की.
यूएन प्रमुख ने कहा कि खाद्य व उपभोक्ता वस्तुओं के बाज़ारों को स्थिर बनाने और क़ीमतों को नीचे लाने के लिये, भारी मात्रा में यूक्रेन व रूस के खाद्य उत्पादों और उर्वरकों को, अन्य स्थानों पर उपलब्ध कराना बहुत अहम है.
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र, विश्व में कहीं भी मौजूद सहायता के ज़रूरतमन्द लोगों की मदद करने के लिये, यूक्रेन के लोगों व राष्ट्रीय साझीदारों के साथ एकजुटता के लिये लगातार काम करता रहेगा.
युद्ध की समस्या
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि जिस समस्या की जड़ ने हमें आज यहाँ इकट्ठा किया है, वो युद्ध है. उन्होंने दोहराते हुए कहा कि रूसी आक्रमण, “यूक्रेन की क्षेत्रीय अखण्डता का उल्लंघन” है और यूएन चार्टर का भी.
उन्होंने कहा कि युद्ध ने अनगिनत लोगों की मौतें, भारी तबाही, विस्थापन, और मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन किया है. यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के प्रावधानों के तहत, “लोगों को शान्ति की ज़रूरत है”.
परमाणु ख़तरा
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने ज़ैपोरिझझिया में स्थित योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के भीतर और उसके आसपास घटित हो रहे घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

उन्होंने कहा, “परमाणु संयंत्र के भौतिक वजूद, सुरक्षा और संरक्षा को जोखिम में डाल सकने वाली किसी भी कार्रवाई से बचना ही समझदारी होगा.” उस संयंत्र का प्रयोग किसी भी सैन्य गतिविधि के लिये नहीं किया जाए.
युद्ध बन्दी
यूएन महासचिव ने ओलेनिवका स्थित एक बन्दीगृह में हुई एक अस्वीकार्य घटना की जाँच कराने जाने की तरफ़ भी ध्यान खींचा जो 29 जुलाई को हुई थी. उसमें एक रहस्यमयी विस्फोट ने जेल को हिलाकर रख दिया जिसमें सैकड़ों यूक्रेनी लोग बन्दी बनाकर रखे गए हैं.
उन्होंने याद दिलाते हुए कहा, “तमाम युद्ध बन्दियों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत संरक्षण प्राप्त है.” उन्होंने ये भी कहा कि अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस को, उन युद्ध बन्दियों तक निर्बाध पहुँच हासिल होनी चाहिये, चाहे उन्हें जहाँ भी रखा जाए.