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यूक्रेन: युद्ध के कारण, विकलांगता वाले बच्चे अनुपात से अधिक प्रभावित

यूक्रेन में यूएनडीपी के कुछ लोग, विकलांगता वाले एक व्यक्ति के साथ मुलाक़ात करते हुए.
UNDP, Yulia Samus
यूक्रेन में यूएनडीपी के कुछ लोग, विकलांगता वाले एक व्यक्ति के साथ मुलाक़ात करते हुए.

यूक्रेन: युद्ध के कारण, विकलांगता वाले बच्चे अनुपात से अधिक प्रभावित

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त चार स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गुरूवार को कहा है कि यूक्रेन पर रूसी हमले से शुरू हुए युद्ध के कारण उपजे मौजूदा मानवीय संकट से, विकलांगता वाले व्यक्तियों पर अनुपात से अधिक असर पड़ रहा है, विशेष रूप से संस्थानों में मौजूद बच्चों पर.

इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है, “युद्ध की भयावह त्रासदी ने अतीत में अपनाए गए उन ऐतिहासिक नीति विकल्पों को उजागर किया है जिन्होंने विकलांगता वाले बच्चों को बुरी तरह प्रभावित किया है.”

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स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि यूक्रेन को युद्ध समाप्त होने के बाद, उसकी बहुत सी सामाजिक और आर्थिक प्रणालियों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने का विशाल कार्य करना होगा.

अलार्म

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने विकलांगता वाले बच्चों के लिये अपर्याप्त सेवाओं और अति महत्वपूर्ण सेवाओं पर युद्ध के प्रभाव की तरफ़ विशेष ध्यान अकृष्ट किया – यूक्रेन के भीतर और आसपास के क्षेत्र दोनों जगह.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि विकलांगता वाले बहुत से ऐसे बच्चों को उनके मूल स्थानों पर, ये सुनिश्चित किये बिना ही भेज दिया गया है कि वहाँ माहौल सुरक्षित है या नहीं.

उन्होंने आगाह भी किया कि ऐसा करने से युवा जोखिम में पड़ सकते हैं, जिसमें उनके साथ दुराचरण होने व उनकी तस्करी किये जाने का भी जोखिम है.

उससे भी ज़्यादा, बड़ी संख्या में बच्चों की स्वदेश वापसी से, उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य परिस्थितियों के लिये होने वाला इलाज अधूरा छूट गया है.

संस्थानों में बच्चे

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया कि जो बच्चे देश में ही अनेक संस्थानों में रहे हैं, उन्हें एक स्थान से अन्य स्थान पर ले जाया जाता रहा है, जिसके कारण उन्हें अपने स्वास्थ्य और बेहतर रहन-सहन में गिरावट का अनुभव करना पड़ रहा है.

भविष्य की ओर

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आशा व्यक्त की है कि जब यूक्रेन में पुनर्निर्माण और भविष्य विकास के लिये धन का प्रबन्ध करने पर विचार किया जाएगा, ऐसे सामुदायिक समर्थन व सहायता ढाँचे के निर्माण के लिये भी संसाधन आबण्टित किये जाएंगे जिनसे विकलांगता वाले बच्चों को अपने परिवारों के साथ, और संस्थानों में रहने के बजाय परिवार जैसे माहौल में फलने-फूलने का मौक़ा मिल सके.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “हमें ये पूरी आशा है कि यूक्रेन, ख़ुद को विकलांगता वाले व्यक्तियों के बेहतर भविष्य के लिये संकल्पित करेगा, विशेष रूप से विकलांगता वाले बच्चों के लिये. हमारी तरफ़ से यूक्रेन को इस मामले में, हम अपनी सलाह, एकजुटता और समर्थन मुहैया कराने के लिये सदैव तैयार हैं.”

मानवाधिकार विशेषज्ञ

ये वक्तव्य जारी करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों के नाम जानने के लिये यहाँ क्लिक करें.

विशेष रैपोर्टेयर और स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, जिनीवा स्थित यूएन मानवाधिकार परिषद द्वारा, किसी विशेष मानवाधिकार मुद्दे या देश की स्थिति की जाँच-पड़ताल करने और रिपोर्ट सौंपने के लिये नियुक्त किया जाते हैं. ये पद मानद होते हैं और मानवाधिकार विशेषज्ञों को उनके काम के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.