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WHO: व्यक्तियों और समाज के लाभ के लिये मस्तिष्क स्वास्थ्य का पूर्ण अवलोकन ज़रूरी

मनोभ्रंश दुनिया भर में वृद्ध लोगों में विकलांगता और निर्भरता के प्रमुख कारणों में से एक है.
डब्ल्यूएचओ/कैथी ग्रीनब्लाट
मनोभ्रंश दुनिया भर में वृद्ध लोगों में विकलांगता और निर्भरता के प्रमुख कारणों में से एक है.

WHO: व्यक्तियों और समाज के लाभ के लिये मस्तिष्क स्वास्थ्य का पूर्ण अवलोकन ज़रूरी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मनुष्य के जीवन काल में मस्तिष्क स्वास्थ्य के अनुकूलन पर अपना पहला स्थिति पत्र जारी करते हुए कहा है कि जीवन में कभी न कभी, तीन में से एक व्यक्ति, किसी न किसी प्रकार के स्नायु-तंत्रिका विकार का शिकार होते हैं, जोकि विकलांगता का प्रमुख कारण और मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है.

हर साल अनुमानतः 90 लाख लोगों की मौत न्यूरोलॉजिकल विकारों से होती है, जिसमें स्ट्रोक, माइग्रेन, मनोभ्रंश (dementia) और मैनिन्जाइटिस शामिल हैं.

हमारा सबसे जटिल अंग

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यूएन स्वास्थ्य एजंसी ने कहा कि मस्तिष्क स्वास्थ्य एक उभरता हुआ विषय है जिस पर न केवल स्वास्थ्य आयोजनों में, बल्कि बड़े पैमाने पर समाज में चर्चा हो रही है.

इसे, मस्तिष्क के संज्ञानात्मक, सम्वेदी, सामाजिक-भावनात्मक, व्यवहारिक और मोटर सम्बन्धी कार्य करने की स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसके ज़रिये एक व्यक्ति, जीवन के दौरान अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त करता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर रेन मिंगहुई ने स्थिति पत्र की प्रस्तावना में कहा, “मस्तिष्क, मानव शरीर का सबसे जटिल अंग है, जिसके वजह से हम अपने आसपास की दुनिया को समझने, महसूस करने, सोचने, आवाजाही करने और बातचीत करने योग्य होते हैं."

"मस्तिष्क, कार्डियोवैस्कुलर, श्वसन, अन्तःस्रावी व प्रतिरक्षा प्रणाली सहित, हमारे शरीर के कई मुख्य कार्यों को विनियमित और प्रभावित करने में मदद करता है.”

क्षमता की अनदेखी, भविष्य में नुक़सान

WHO में विश्व स्वास्थ्य कवरेज/संचारी और ग़ैर-संचारी रोगों के उप महानिदेशक डॉक्टर रेन ने कहा कि कई कारकों की वजह से, शुरुआत में, बल्कि गर्भधारण से पहले से भी, मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

उन्होंने चेतावनी के अन्दाज़ में कहा, “ इन कारकों से, मस्तिष्क के लिये बहुत बड़ा ख़तरा पैदा हो सकता है, जिससे विकास क्षमता में कमी, वैश्विक बीमारियों का ख़तरा और विकलांगता हो सकती है.”

स्वास्थ्य एजेंसी ने उदाहरण देते हुए बताया कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पाँच साल से कम उम्र के 43 प्रतिशत बच्चे – यानि लगभग 25 करोड़ लड़के और लड़कियों का - अत्यधिक निर्धनता और शारीरिक अवरुद्धता (Stunting) के कारण पूर्ण विकास नहीं हो पाता, जिससे वित्तीय नुक़सान होता है और बड़े होने पर वार्षिक आमदनी में 26 प्रतिशत की गिरावट दिखती है. 

पाँच प्रमुख कारक

यह स्थिति पत्र, मस्तिष्क स्वास्थ्य को समझने के लिये एक रूपरेखा प्रस्तुत करता है और मिर्गी व अन्य तंत्रिका (न्यूरोलॉजिकल) सम्बन्धी विकारों पर अप्रैल में अपनाई गई वैश्विक कार्य योजना का पूरक है.

यह पत्र, मस्तिष्क स्वास्थ्य पर असर डालने वाले निर्धारकों के पाँच प्रमुख समूहों पर अन्तर्दृष्टि प्रदान करता है, जिनमें, शारीरिक स्वास्थ्य, स्वस्थ वातावरण, सुरक्षा, सीखने एवं सामाजिक सम्पर्क की क्षमता और गुणवत्ता सेवाओं तक पहुँच शामिल हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि इन निर्धारकों को सम्बोधित करने से कई लाभ होंगे, जिसमें न्यूरोलॉजिकल, मानसिक और मादक द्रव्यों के सेवन जैसी कई पुरानी स्वास्थ्य बीमारियों के इलाज की कम दर से निपटना भी शामिल होगा.

यह जीवन को बेहतर करने के साथ-साथ, कई तरह के सामाजिक और आर्थिक लाभ भी पहुँचाएगा, जो सर्वजन के कल्याण में योगदान करके, समाज को प्रगति की राह पर ले जाने में मदद करेंगे.