इराक़ में अत्यधिक गर्मी के कारण उपयुक्त कामकाजी उपायों की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के अन्तरारष्ट्रीय श्रम संगठन ILO ने कहा है कि वो इराक़ में कामकाजी परिस्थितियों को लेकर लगातार चिन्तित हो रहा है, जहाँ हाल के सप्ताहों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है.
इराक़ में आईएलओ की देश निदेशिका माहा कट्टाआ ने कामगारों की सुरक्षा की पुकार लगाते हुए, अत्यधिक गर्मी में काम करने वाले लोगों के लिये जोखिम कम करने वाले उपाय लागू करने का आग्रह किया है.
ILO Country Coordinator in Iraq, Maha Kattaa, highlights the importance of adequate measures to mitigate some of the risks workers are exposed to due to soaring temperatures in #Iraq. 👉https://t.co/J9LHAqiBu8via @ilonews @kattaa_maha pic.twitter.com/DmW5DDeQfu
UNIraq
हाल ही में श्रम बल में कराए गए एक सर्वे के अनुसार, इराक़ में हर चार में से एक यानि लगभग 25 प्रतिशत श्रमिक निर्माण या कृषि क्षेत्र में काम करते हैं – ये दोनों ही ऐसे क्षेत्र हैं जो दुनिया में सबसे ज़्यादा जोखिम वाले समझे जाते हैं.
यूएन एजेंसी की वर्ष 2019 की एक रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान वृद्धि की वजह से, गर्मी का दबाव एक सामान्य बात बन जाएगी जिससे अच्छे हालात वाले कामकाज की तरफ़ प्रगति जोखिम में पड़ जाएगी.
इस बीच, चूँकि हालात और ज़्यादा ख़राब हो रहे हैं, कामकाजी लोगों की सुरक्षा, उनका स्वास्थ्य और रहन-सहन और ज़्यादा नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा.
माहा कट्टाआ ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में तो कामगारों को अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण, अवकाश दिया गया है, मगर जो लोग अनौपचारिक, अस्थाई, मौसमी और दिहाड़ी स्तरों पर रोज़गार के लिये काम करते हैं, उन्हें भी इसी तरह के संरक्षण दिये जाने की ज़रूरत है, क्योंकि ऐसे लोग एक दिन का काम भी नहीं छोड़ नहीं सकते.
इन राहत उपायों में उपयुक्त कपड़े वग़ैरा मुहैया कराना, पीने पानी और छाँव वाले स्थानों का प्रबन्ध करना, और कुछ ठण्डे घण्टों के दौरान काम करने व नियमित अवकाश लेने के लिये प्रोत्साहित करना भी शामिल है.
इराक़ ने आईएलओ की अनेक सन्धियों पर हस्ताक्षर किये हुए हैं जिनमें तमाम क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों के संरक्षण की ज़रूरत पर ध्यान दिया गया है.
माआ कट्टाआ ने दोहराते हुए कहा कि आईएलओ कामकाजी स्थलों पर सुरक्षा और स्वास्थ्य व श्रम निरीक्षण नीतियों के विकास में, अपने साझीदारों का समर्थन करने के लिये प्रतिबद्ध है.
इनसे मौजूदा प्रणालियों को आधुनिक बनाने और कामकाजी लोगों व उनके नियोक्ताओं के लिये हालात बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि ये उपाय वैसे तो कामकाजी स्थलों पर गर्मी के दबाव तक ही सीमित नहीं है, उनसे देश में तमाम कामगारों के लिये कामकाजी माहौल बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
माहा कट्टाआ ने कहा, “कामकाजी लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य, सबकी ज़िम्मेदारी है.”