हिरोशिमा की धरती से वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जापान के हिरोशिमा में परमाणु बम हमले की 77वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, शनिवार को जापान में ही एक स्मृति कार्यक्रम में ज़ोर देकर कहा है कि परमाणु हथियारों से सम्पन्न देशों द्वारा एक परमाणु युद्ध की सम्भावना की बात कहना बिल्कुल अस्वीकार्य है.
यूएन प्रमुख ने हिरोशिमा शान्ति स्मृति पार्क में हुए एक कार्यक्रम में कहा, “परमाणु हथियार बिल्कुल निरर्थक हैं. इस शहर पर 1945 में मशरूम के आकार में उभरे बादल द्वारा मचाए गए महाप्रलय के तीन चौथाई सदी बाद हमें पूछना होगा, हमने क्या सीखा है.”
In Hiroshima today, I paid tribute to the tens of thousands of people killed by atomic bombs 77 years ago.We cannot forget the lessons of Hiroshima and Nagasaki.We must act in their memory & wipe nuclear weapons off the face of the earth once and for all. pic.twitter.com/taMQFAjD92
antonioguterres
इस कार्यक्रम में 1945 के परमाणु हमले से प्रभावित जन - हिबाकुशा, युवा शान्ति कार्यकर्ता, जापान के प्रधानमंत्री और अन्य स्थानीय अधिकारियों ने शिरकत की.
यूएन महासचिव ने आगाह किया कि एक नई हथियार दौड़ तेज़ हो रही है और अनेक देशों के नेता अरबों-खरबों डॉलर की रक़म की क़ीमत पर, हथियारों का भण्डार एकत्र कर रहे हैं.
इस समय दुनिया भर में लगभग 13 हज़ार परमाणु शस्त्र भण्डारों में भरे हुए हैं.
उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा, “गम्भीर परमाणु धमकियों वाले संकट तेज़ी से बढ़ रहे हैं – मध्य पूर्व से लेकर कोरिया प्रायद्वीप तक, यूक्रेन पर रूसी हमले तक भी... मानवता बारूद से भरी बन्दूक से खेल रही है.”
एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में हो रहे – परमाणु अप्रसार सन्धि के समीक्षा सम्मेलन को, आशा की एक किरण क़रार दिया.
उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा, “आज मैं इस पवित्र स्थल से इस सन्धि के सदस्यों को ऐसे हथियारों के भण्डारों को नष्ट करने की पुकार लगाता हूँ जो हमारे भविष्य को ख़तरे में डाल रहे हैं.”
“सम्वाद, राजनय और आपसी समझ की बातचीत को मज़बूत करें, और विनाश के इन उपकरणों को नष्ट करके, मेरे निरस्त्रीकरण एजेण्डा को समर्थन दें.”
उन्होंने कहा कि जिन देशों के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं, उन्हें इनके प्रयोग की पहल अपनी तरफ़ से नहीं करने के लिये संकल्प व्यक्त करना होगा, और अन्य देशों को ये आश्वासन देना होगा कि वो उनके विरुद्ध इन परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करेंगे और ना ही प्रयोग करने की धमकी देंगे.
यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें हिरोशिमा की विभीषिकाओं को हर समय अपनी यादों में रखना होगा, और ये पहचानना होगा कि परमाणु ख़तरे का केवल एक ही समाधान है: परमाणु हथियारों बिल्कुल मौजूद ही ना हों.”
एंतोनियो गुटेरश ने ज़ोर दिया कि विश्व के नेतृत्वकर्ता अपनी ज़िम्मेदारियों से मुँह नहीं छुपा सकते.
उन्होंने कहा, “परमाणु हथियारों को, सबकी भलाई की ख़ातिर बिल्कुल नष्ट कर दें. ये समय शान्ति को बढ़ावा देने का है. हिबाकुशा का सन्देश सुनें: हिरोशिमा जैसे हमले अब और नहीं. नागासाकी जैसे हमले अब और नहीं.”
ध्यान रहे कि अगस्त 1945 में जापान के आसमान में दो परमाणु हमनों मौत के घने बादल फैला दिये थे इनमें हिरोशिमा पर 6 अगस्त को और नागासाकी पर 9 अगस्त के हमले शामिल हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने युवाजन को भी अपने सन्देश में इनसे आग्रह किया कि वो हिबाकुशा द्वारा शुरू किये गए काम को आगे बढ़ाएँ.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि दुनिया को ये कभी नहीं भूलना होगा कि 1945 में क्या हुआ था. उन हमलों में मारे गए लोगों की स्मृतियाँ और जीवित बचे लोगों की विरासत – कभी भी व्यर्थ नहीं होगी.”
यूएन महासचिव इस सप्ताहन्त जापान में हैं जहाँ वो देश के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाक़ात करेंगे, जिनमें प्रधानमंत्री फ़ूमियो किशिदा भी हैं.
यूएन प्रमुख हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु हमलों में जीवित बचे लोगों के एक समूह से भी मुलाक़ात करेंगे, और युवा कार्यकर्ताओं के साथ एक सम्वाद में भी शिरकत करेंगे.
ये युवा कार्यकर्ता परमाणु निरस्त्रीकरण, परमाणु अप्रसार और अन्य वैश्विक मुद्दों पर अनेक कार्यक्रमों व अभियानों की अगुवाई कर रहे हैं.