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यूक्रेन से अनाज निर्यात के पहले जहाज़ की रवानगी का स्वागत

काला सागर अनाज निर्यात समझौते के प्रावधानों के तहत, यूक्रेन का एक जहाज़ - रज़ोनी अनाज लेकर, ओडेसा बन्दरगाह से रवाना होते हुए.
OCHA/Saviano Abreu
काला सागर अनाज निर्यात समझौते के प्रावधानों के तहत, यूक्रेन का एक जहाज़ - रज़ोनी अनाज लेकर, ओडेसा बन्दरगाह से रवाना होते हुए.

यूक्रेन से अनाज निर्यात के पहले जहाज़ की रवानगी का स्वागत

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने काला सागर से होकर यूक्रेन के अनाज निर्यात पर हाल ही में हुए, यूएन समर्थित अति महत्वपूर्ण समझौते के तहत यूक्रेनी बन्दरगाह ओडेसा से अनाज की खेप लेकर पहले जहाज़ की रवानगी का स्वागत किया है. काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर यूक्रेन, रूस और तुर्कीये ने गत 22 जुलाई को हस्ताक्षर किये हैं.

रज़ोनी नामक इस जहाज़ में 26 हज़ार 527 टन मक्का लदी है और ये 26 फ़रवरी के बाद से अनाज लेकर रवाना होने वाला पहला जहाज़ है. ग़ौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमला 24 फ़रवरी को शुरू हुआ था. 

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इस जहाज़ की मंज़िल भूमध्यसागर में स्थित लेबनान का बन्दरगाह शहर त्रिपोली है, जोकि लीबिया की राजधानी से अलग है.

मानवीय सहायता की अनिवार्यता

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि वैश्विक बाज़ारों में अनाज और खाद्य सामग्री की पहुँच सुनिश्चित करना, इस समय एक मानवीय सहायता अनिवार्यता है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 22 जुलाई को तुर्कीये के इस्तान्बूल शहर में 22 जुलाई को, काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, उसे आशा का एक प्रकाश स्तम्भ क़रार दिया था.

काला सागर अनाज निर्यात समझौते के क्रियान्वयन के लिये, उस पर दस्तख़त करने वाले देशों के प्रतिनिधियों ने, हाल ही में इस्तान्बूल में, संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में, एक संयुक्त समन्वय केन्द्र (JCC) भी स्थापित किया गया है.

इस संयुक्त समन्वय केन्द्र ने एक वक्तव्य में बताया है कि एक सुरक्षित मानवीय सहायता समुद्री गलियारे के लिये, कुछ विशिष्ठ सहमतियाँ हुई हैं और सम्बन्धित विवरण अन्तरराष्ट्रीय संचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप संचारित किया गया है.

वक्तव्य में कहा गया है, “जेसीसी ने तमाम भागीदारों को इस निर्णय के बारे में अपने-अपने सम्बद्ध सैन्य और अन्य प्रासंगिक अधिकारियों को सूचित करने का अनुरोध किया है ताकि जहाज़ की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके.”

इस समझौते के तहत, रूस के खाद्य और उर्वरक उत्पादों के वैश्विक बाज़ारों में पहुँचने का रास्ता भी खुलता है. 

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस सब सामान की उपलब्धता से, दुनिया भर में आसमान छूती महंगाई को कम करने और आने वाले महीनों में करोड़ों लोगों के लिये अकाल जैसे हालात बनने से बचा जा सके.

22 जुलाई को हुए समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से, यूक्रेन के काला सागर बन्दरगाहों से होकर अनाज से भरे जहाज़ों की रवानगी शुरू करने के लिये, तमाम सम्बद्ध पक्ष अथक काम करते रहे हैं.

अनेक में प्रथम

ओडेसा बन्दरगाह से जहाज़ रवाना के तुरन्त बाद जारी किये गए, यूएन महासचिव के वक्तव्य में कहा गया है कि वो जेसीसी की टीम के प्रयासों को अभिवादन करते हैं और प्रभावशाली नेतृत्व दिखाने के लिये, तुर्कीये के शुक्रगुज़ार हैं.

“महासचिव को आशा है कि ये जहाज़, इस समझौते के तहत चलने वाले अनेक व्यावसायिक जहाज़ों में पहला होगा, और इससे, वैश्विक खाद्य सुरक्षा में स्थिरता और राहत मिल सकेगी, जिसकी लम्बे समय से ज़रूरत है, विशेष रूप में बहुत ज़्यादा नाज़ुक हालात वाले मानवीय सहायता सन्दर्भों में.”

वक्तव्य में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र की आपदा खाद्य एजेंसी WFP ने यूक्रेन से शुरू में 30 हज़ार टन अनाज ख़रीदने की योजना बना रखी है. ये एजेंसी यूक्रेन के अनाज की एक बड़ी ख़रीदार ग्राहक है.

अनपेक्षित आयाम

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी – IAEA के महानिदेशक रफ़ाएल मैरियानो ग्रॉस्सी ने यूक्रेन में किस तरह युद्ध ने, परमाणु सुरक्षा के लिये एक नया और अनपेक्षित आयाम खड़ा कर दिया है.

ग्रॉस्सी ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के समय, जिसे अब लगभग छह महीने हो चुके हैं, परमाणु सुरक्षा के लिये सात स्तम्भों वाली एक योजना प्रस्तुत की थी, जिसका बिल्कुल भी उल्लंघन नहीं होना चाहिये था.

इन उपायों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की भौतिक अखण्डता का सम्मान किया जाना, और ये सुनिश्चित करना भी शामिल था कि स्टाफ़, बिना किसी दबाव के अपना कामकाज करना जारी रख सकें.

रफ़ाएल ग्रॉस्सी ने कहा कि इन सभी सात सिफ़ारिशों की या तो अनदेखी की गई है या उनका उल्लंघन किया गया है.