WHO: डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिये, ‘कम से कम एक चीज़’ करने की पुकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को कहा है कि दुनिया भर में, हर साल पानी में डूबने से, दो लाख 36 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो जाती है और ये, एक वर्ष से 24 वर्ष आयु वर्ग में मौत होने के प्रमुख कारणों में से एक है. संगठन ने हर किसी से, ज़िन्दगियाँ बचाने की ख़ातिर, “कम से कम एक चीज़” अवश्य करने की पुकार लगाई है.
Drowning deaths are frequently linked to:🛀 bathing🪣 collecting water for domestic use⛴️ travelling over water on boats or ferries🎣 fishing⛈️ seasonal or extreme weather events like monsoons#DrowningPrevention🏊 https://t.co/t3omSuRLv7 pic.twitter.com/FkK9g9Um6T
WHO
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिये विश्व दिवस के अवसर पर अपील में ऐसी कार्रवाइयाँ गिनाई हैं जो लोग, समूह और सरकारें कर सकते हैं.
साथ ही, कुछ देशों में इस क्षेत्र में पहले से चलाए जा रहे कार्यक्रमों को रेखांकित भी किया है.
ये दिवस हर साल 25 जुलाई को मनाया जाता है.
पानी में डूबने से मौतों की बड़ी संख्या, यानि लगभग 90 प्रतिशत, निम्न व मध्य आय वाले देशों में होती है, और उनमें भी पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये ज़्यादा जोखिम होता है.
मौतों को रोका जा सकता है
इस तरह की मौतें, अक्सर दैनिक गतिविधियों के साथ जुड़ी होती होती हैं, जिनमें स्नान करना, घरों में प्रयोग के लिये पानी एकत्र करना, नावों पर सफ़र करना या मछली पकड़ना शामिल हैं.
वर्षा के मौसम और मौसमी या अत्यन्त चरम की मौसम घटनाएँ भी, इस तरह की मौतों के कारणों में शामिल हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनम घेबरेयेसस का कहना है, “दुनिया भर में हर साल, लाखों लोगों की मौत, पानी में डूबने के कारण हो जाती है."
"इनमें से अधिकतर मौतों को, साक्ष्यों पर आधारित और किफ़ायती समाधानों के माध्यम से, रोका जा सकता है.”
समाधानों पर ध्यान
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये दुनिया भर की अनेक एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है.
स्वास्थ्य संगठन ने डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिये, सबूतों पर आधारित छह उपायों की सिफ़ारिश की है, जिनमें पानी तक पहुँच को रोकने के लिये बाधाएँ स्थापित करना और मौक़े पर मौजूद रहने वाले लोगों को सुरक्षित बचाव की तकनीक में प्रशिक्षण देना शामिल हैं.
स्कूल की उम्र के बच्चों को भी बुनियादी तैराकी और जल सुरक्षा कौशल सिखाए जाने चाहिये, जबकि लड़कों और लड़कियों को स्कूली दिनचर्या के दौरान अकेले नहीं छोड़ा जाना चाहिये.
अन्य उपायों में नावों को सुरक्षित तरीक़े से चलाया जाना, जहाज़ों और बड़ी नौकाओं के सम्बन्धित नियमों को लागू करना और बाढ़ जोखिम प्रबन्धन को बेहतर बनाना शामिल हैं.
जानकारी फैलाएँ
कोई एक चीज़ करने की पुकार के तहत, आम लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वो डूबने की रोकथाम और जल सुरक्षा के बारे में जानकारी अपने परिवारों, मित्रों और सहयोगियों के साथ साझा करें. उनसे तैराकी और जल सुरक्षा के प्रशिक्षण कार्यक्रमों व सत्रों में भाग लेने का भी आग्रह किया गया है.
इस बीच, डूबने की रोकथाम के लिये सक्रिय समूह भी, जल सुरक्षा जानकारी फैलाने के कार्यक्रम आयोजित करके और जल सुरक्षा अभियान चलाकर, अपना योगदान कर सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सरकारी स्तर पर भी कार्रवाई की हिमायत की है जिनमें डूबने की रोकथाम के लिये नई नीतियों का निर्माण या घोषणा, क़ानून निर्माण, निवेश और रोकथाम कार्यक्रमों को समर्थन देना शामिल है, चाहे देश के भीतर या अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर.
देशों के संकल्प
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और उसकी साझीदार एजेंसियाँ, देशों को नए रोकथाम कार्यक्रम बनाने और उन्हें लागू करने में सहयोग व समर्थन कर रही हैं.
बांग्लादेश भी ऐसे देशों में से एक है जहाँ पानी में डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम वाले कार्यक्रमों के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है, और सरकार ने, बच्चों में डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिये तीन वर्षीय योजना शुरू की है.
वियतनाम, यूगाण्डा और घाना को भी, डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिये सहायता व समर्थन मिल रहा है.
