यमन: ऐतिहासिक युद्ध विराम समझौते को आगे बढ़ाने का आग्रह
यमन में संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से हासिल किये गए ऐतिहासिक युद्ध विराम समझौते को लागू हुए लगभग चार महीने पूरे हो गए हैं, और विशेष दूत हैंस ग्रूण्डबर्ग ने गुरूवार को यमन सरकार और हूथी विद्रोहियों से, इस “परिवर्तनकारी” समझौते को आगे बढाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया है, जो 2 अगस्त को ख़त्म हो रहा है.
यमन के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रूण्डबर्ग ने इस युद्ध विराम समझौते के पूर्ण क्रियान्वयन की दिशा में अपनी सक्रियता सघन कर दी है, और तमाम पक्षों से इस समझौते का दायरा बढ़ाने और इसका विस्तार करने के लिये तमाम विकल्प तलाश करने का आग्रह किया है.
UN Envoy Grundberg on truce implementation & prospects of renewal: “The Yemeni people & the international community want & expect the truce to be fully implemented, renewed & strengthened. The parties must rise to the occasion & not miss this opportunity" https://t.co/5qsGeuO5bC
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अवसर का सदुपयोग
विशेष दूत ने कहा, “यमन के लोग और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की चाहत और अपेक्षा है कि इस समझौते को पूरी तरह लागू किया जाए, उसे आगे बढ़ाया जाए और मज़बूत किया जाए.”
उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि सभी पक्ष मेरे प्रयासों में रचनात्मक शिरकत करेंगे और ये समझेंगे कि एक जारी रहने वाला और विस्तारित युद्ध विराम समझौता, यमनी लोगों के लिये क्या-क्या लाभ पहुँचा सकता है.”
“उन्हें इस अवसर का सदुपयोग करना होगा और इस मौक़े के गँवाया नहीं जा सकता.”
ये युद्ध विराम समझौता पहली बार अप्रैल 2022 में दो महीने के घोषित किया गया था, उसके बाद जून में इसे आगे बढ़ाया गया, जोकि सात साल से चले आ रहे इस युद्ध में अभी तक का सबसे लम्बा शान्तिपूर्ण दौर रहा है.
इस दौरान आम लोगों के हताहत होने के मामलों में भी महत्वपूर्ण कमी देखी गई है.
चिन्ताओं में वृद्धि
अलबत्ता दोनों पक्षों ने इस युद्ध विराम समझौते के उल्लंघन और अनेक अग्रिम मोर्चों पर घटनाएँ होने के आरोपों के बारे में चिन्ताएँ उठाई हैं.
हैंस ग्रूण्डबर्ग का कहना था, “आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत युद्धरत पक्षों की ज़िम्मेदारी है. मैं सैन्य भड़काव के बारे में मिलने वाली ख़बरों को बहुत गम्भीरता से लेता हूँ, विशेष रूप में जब उनमें आम लोगों के हताहत होने के मामले शामिल हों.”
उड़ानें और ईंधन
विशेष दूत ने युद्ध विराम समझौते के अन्तर्गत हासिल उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जिनमें राजधानी सना और जॉर्डन की राजधानी अम्मान, और मिस्र की राजधानी काहिरा के बीच व्यावसायिक हवाई उड़ानें शुरू होने के बारे में समझौता.
अभी तक 36 विमानों ने उड़ानें भरी हैं और विशेष दूत का कार्यालय, एक विस्तृत युद्ध विराम समझौते के हिस्से के रूप में, अन्य स्थानों के लिये भी ऐसी व्यावसायिक उड़ानें शामिल करने के विकल्पों पर ग़ौर कर रहा है.