WHO: प्रवासियों व शरणार्थियों को स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने के लिये कार्रवाई की पुकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि दुनिया भर में करोड़ों शरणार्थी और प्रवासी जन, अपने मेज़बान समुदायों की तुलना में कहीं ज़्यादा ख़राब स्वास्थ्य परिणामों का सामना करते हैं, जिससे इन आबादियों के लिये, स्वास्थ्य सम्बन्धी टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति ख़तरे में पड़ सकती है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ये चेतावनी, शरणार्थियों और प्रवासियों के स्वास्थ्य मुद्दे पर इसकी प्रथम रिपोर्ट में जारी की गई है, जो बुधवार को प्रकाशित हुई.
.@WHO media briefing on World report on the health of refugees & migrants, #COVID19 & other global health issues https://t.co/ElIA9XAx0l
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रिपोर्ट में शरणार्थियों और प्रवासियों के लिये ऐसी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कार्रवाई करने की पुकार लगाई गई है जो उनकी ज़रूरतों के अनुसार सम्वेदनशील हों.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडनेहनॉम घेबरेयेसस ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में लिखा है, “चाहे अपनी पसन्द से हो या किसी विवशता के कारण, प्रस्थान में रहना, मानव की फ़ितरत में है और मानव जीवन का एक हिस्सा है.”
“किसी व्यक्ति के क्या प्रेरक कारक हैं या परिस्थितियाँ हैं, उसका मूल स्थान या प्रवासन स्थिति क्या है, इनसे प्रभावित हुए बिना, हमें बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में दोहराना होगा कि स्वास्थ्य, सभी के लिये एक
मानव अधिकार है, और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, तमाम शरणार्थियों व प्रवासियों के लिये भी समावेशी होनी चाहिये.”
चुनौतीपूर्ण दौर
दुनिया भर में इस समय एक अरब से ज़्यादा लोग प्रवासी हैं, यानि हर आठ में से एक व्यक्ति. रोग, अकाल, जलवायु परिवर्तन और युद्ध की स्थितियों ने लोगों को अपने मूल स्थान छोड़ने के लिये विवश किया है, और यूक्रेन में युद्ध ने भी दुनिया भर में विस्थापित लोगों की संख्या वृद्धि में दस करोड़ से ज़्यादा का योगदान किया है, जोकि इतिहास में पहली बार हुआ है.
साथ ही, कोविड-19 महामारी भी, प्रवासियों और शरणार्थियों के स्वास्थ्य व आजीविकाओं को, अनुपात से कहीं अधिक स्तर पर प्रभावित करना जारी रखे हुए है.
अस्वच्छ, ख़तरनाक काम
शरणार्थियों और प्रवासियों के लिये ख़राब स्वास्थ परिणाम, अनेक कारकों के फलस्वरूप होते हैं, जिनमें शिक्षा, आय, और आवास जैसे कारक अहम हैं, जिनमें भाषाई, सांस्कृतिक, क़ानूनी और अन्य बाधाओं से और ज़्यादा जटिलता उत्पन्न होती है.
रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि स्वास्थ्य और बेहत रहन-सहन में प्रवासन व विस्थापन का अनुभव एक महत्वपूर्ण कारक है, विशेष रूप से, जब अन्य कारकों के साथ इसका मिश्रण हो जाए तो.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के पाँच क्षेत्रों में स्थित 16 देशों में, लगभग एक करोड़ 70 लाख लोगों पर हाल ही में किये गए एक आकलन में पाया गया है कि प्रवासी कामगार लोगों के, स्वास्थ्य सेवाओं का प्रयोग करने की सम्भावना बहुत कम थी, और ग़ैर-प्रवासी कामगारों की तुलना में, उन्हें कामकाजी गतिविधियों में चोट लगने की बहुत सम्भावना थी.
उससे भी ज़्यादा दुनिया भर में लगभग 16 करोड़ 90 लाख प्रवासी कामगार ऐसे क्षेत्रों में कामकाज करते हैं जो अस्वच्छ हैं, ख़तरनाक हैं और जिनमें अपेक्षाएँ बहुत ज़्यादा हैं.