एक बेहतर दुनिया के लिये नेलसन मण्डेला की जंग का जश्न
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने सोमवार को यूएन मुख्यालय स्थिति सभागार में एकत्र होकर, नेलसन मण्डेला दिवस मनाया. ये समारोह हर किसी को अपने समुदायों में बदलाव लाने के लिये प्रेरित करने और कार्रवाई करने का एक मौक़ा है.
दक्षिण अफ़्रीका के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रथम राष्ट्रपति और देश के प्रथम काले नेता नेलसन मण्डेला का 95 वर्ष की आयु में दिसम्बर 2013 में निधन हो गया था.
In times of turmoil, Madiba’s life teaches us to choose dignity over humiliation, to speak up during injustice, and to forgive rather than hate.My remarks at Informal Meeting to Commemorate Nelson #Mandela International Day 👉https://t.co/Un4t6Mdbru#MandelaDay pic.twitter.com/P9Wvg0p6cS
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शान्ति व स्वतंत्रता की संस्कृति में उनके योगदान को मान्यता देने के लिये, 18 जुलाई को उनके जन्म दिवस के अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.
नेलसन मण्डेला “मदीबा” नाम से भी लोकप्रिय रहे हैं जोकि उनके कुटुम्ब का नाम था है.
उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में नस्लभेदी व्यवस्था – रंगभेद के ख़िलाफ़ और तमाम लोगों की समानता और स्वतंत्रता की ख़ातिर, लम्बी लड़ाई लड़ी.
एक बेहतर दुनिया के लिये जंग
यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने याद करते हुए कहा कि नेलसन मण्डेला ने लोकतंत्र, लैंगिक समानता, बच्चों और युवजन के अधिकारों, और पर्यावरण के संरक्षण की हिमायत भी की.
उन्होंने कहा, “एक बेहतर दुनिया के लिये मदीबा की जंग, दरअसल एक बेहतर दुनिया के लिये लड़ाई थी, जिसमें सर्वजन की स्वतंत्रता, न्याय और गरिमा का सम्मान किया गया. उन्होंने अपने पूरे जीवन भर शान्ति, सामाजिक न्याय, समता और मानव समझ के लिये पुकार लगाई.”
प्रिंस हैरी: मण्डेला की विरासत का हर दिन जश्न मनाएँ
इस दिवस के अवसर पर प्रमुख सम्बोधन में ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ़ ससेक्स प्रिंस हैरी ने कहा कि नेलसन मण्डेला के जीवन और विरासत का जश्न हर दिन मनाया जाना चाहिये, क्योंकि हाल की पीढ़ियाँ उनके नेतृत्व के बारे में शायद जागरूक ना हों.
उन्होंने कहा, “आइये, हम अपने बच्चों को उस सबक़ के बारे में बताएँ, जिनके लिये उन्होंने अपनी आवाज़ बुलन्द की. आइये, हम अपने साझा धरातल को पहचानें, अपने लोकतंत्रों पर फिर से अपना दावा मज़बूत करने के लिये लोगों को मज़बूत करें, और आगे का रास्ता रौशन करने के लिये नेलसन मण्डेला की स्मृति की मशाल से लाभ उठाएँ.”
प्रिंस हैरी ने अपनी पत्नी, डचेज़ ऑफ़ ससेक्स - मेगन के साथ इस कार्यक्रम में शिरकत की.
उन्होंने अपनी एक याद साझा करते हुए कहा कि उनके पास अपनी दिवंगत माँ डायना – प्रिंसेस ऑफ़ वेल्स और नेलसन मण्डेला की उस तस्वीर का ख़ज़ाना है जो उन्हें अर्चबिशप डेसमण्ड टुटू ने दी थी, जो ख़ुद भी एक रंगभेद विरोधी नेता थे. डेसमण्ड टुटू का दिसम्बर 2021 में निधन हो गया था.
प्रिंस हैरी ने बताया कि उस तस्वीर में नेलसन मण्डेला, मानवता, विषाक्त नस्लभेद और देश प्रायोजित क्रूरता का बहुत भीषण रूप देखने, और 27 वर्ष जेल में बिताने के बाद भी, एक बुलन्द क़द में जगमगा रहे हैं.
अनिश्चितता के बीच प्रेरणा
प्रिंस हैरी ने कहा कि नेलसन मण्डेला फिर भी इनसानियत की अच्छाई देख सके, इसलिये नहीं कि वो कुरूपता और दुनिया के अन्यायों के लिये अन्ध दृष्टि रखते थे, बल्कि वो जानते थे कि वो इन पर पार पा लेंगे.
उन्होंने अफ़्रीका के साथ अपने विशेष सम्बन्ध के बारे में भी बात की, और कहा कि उन्होंने वहाँ सदैव ही आशा पाई है.
नेलसन मण्डेला के सबक़
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने यूएन प्रमुख की तरफ़ से भाषण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में लोगों को, नफ़रत के विरुद्ध आवाज़ बुलन्द करके और मानवाधिकारों के समर्थन में खड़े होकर, नेलसन मण्डेला की विरासत को सम्मान देने के लिये प्रोत्साहित किया है.
यूएन उप प्रमुख ने ख़ुद की बात रखते हुए कहा कि नेलसन मण्डेला ने उनके जीवन में उन्हें युवावस्था से ही अपना ख़ुद का रास्ता चुनने के लिये प्रेरित किया है.
उन्होंने कहा, “मैंने उनका ये मुखर सबक़ अपने दिल में बिठा लिया है कि हम सभी के पास – कार्रवाई करने की - सामर्थ्य और ज़िम्मेदारी है. और ये भी कि कोई अपने व पराए नहीं हैं. इस स्थिति में हम सभी एक साथ हैं, जिनके कन्धों पर एक साझा घर के संरक्षण की साझा ज़िम्मेदारी है और एक दूसरे के साथ एकजुटता के साथ खड़े होने की भी.”