श्रीलंका: सत्ता का शान्तिपूर्ण हस्तान्तरण सुनिश्चित करें, यूएन रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर का आग्रह

श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेण्ट कोऑर्डिनेटर हैना सिंगर-हामदी ने, देश के वरिष्ठ राजनेताओं से राष्ट्रीय संविधान के अनुरूप, सत्ता का शान्तिपूर्ण हस्तान्तरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. देश में अनेक सप्ताहों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद, गुरूवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजापक्सा ने अपना त्यागपत्र दे दिया था.
यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को अपना एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अनिवार्य है कि संक्रमणकाल में, संसद के भीतर और बाहर समावेशी चर्चा को आगे बढ़ाया जाए.
The @UNSriLanka urges all stakeholders to ensure a peaceful transition of power with full respect for the Constitution. It is important that the root causes of the current instability and the people’s grievances are addressed. Full statement 👉https://t.co/vkw5JVZPrU pic.twitter.com/NhR0X1QAyI
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ख़बरों के अनुसार, गोटाबाया राजापक्सा ने देश छोड़ने के बाद अपना इस्तीफ़ा देने का प्रस्ताव दिया था.
बुधवार को वो पहले मालदीव, और उसके बाद फिर सिंगापुर पहुँचे. इससे पहले हज़ारों लोगों ने राजधानी कोलम्बो में उनके सरकारी निवास पर धावा बोल दिया था.
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवार को देश में बड़े आर्थिक संकट को रोक पाने में विफल क़रार दिया है, जिसके कारण देश में भोजन, ईंधन व मेडिकल सामग्री की भीषण क़िल्लत पैदा हो गई है.
देश आर्थिक बर्बादी के कगार पर है और आपात स्थिति में राहत पैकेज के लिये अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से चर्चा जारी है.
गोटाबाया राजापक्सा के त्यागपत्र के बाद, कोलम्बो की सड़कों पर जश्न का माहौल था, और यह देश में एक शक्तिशाली राजनैतिक परिवार के शासन के अन्त की घड़ी है.
शुक्रवार सुबह, राजधानी में माहौल अपेक्षाकृत शान्त था, मगर पेट्रोल के लिये लम्बी क़तारें देखी जा सकती थीं.
संयुक्त राष्ट्र की रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के उस सन्देश को रेखांकित किया है, जिसमें उन्होंने मौजूदा अस्थिरता की बुनियादी वजहों से निपटने की अहमियत पर बल दिया था.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रयास करते हुए, श्रीलंका के आम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयास किये जाने होंगे.
हैना सिंगर-हामदी ने कहा कि प्रशासनिक एजेंसियों को क़ानून-व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी, और सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतते हुए, मानवाधिकार सिद्धान्तों व मानकों के तहत काम करना होगा.
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमेसिंघे इस पद पर छह बार रह चुके हैं, और शुक्रवार को अस्थाई तौर पर उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई.
श्रीलंका में सांसद, एक नए राष्ट्रपति को चुनने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेंगे, और औपचारिक मतदान 20 जुलाई को होना है.
संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूएन, श्रीलंका में सरकार व आम लोगों की हरसम्भव सहायता के लिये तत्पर है, ताकि देश में तात्कालिक व दीर्घकालीन ज़रूरतों को पूरा किया जा सके.
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देश में हालात बद से बदतर हुए हैं – स्वास्थ्य संकट की वजह से देश के महत्वपूर्ण पर्यटन उद्योग पर भीषण असर हुआ, जोकि ईंधन व मेडिकल सामग्री के आयात के लिये विदेशी मुद्रा का एक अहम स्रोत था.
यूक्रेन संकट क कारण आपूर्ति श्रृंखला में आए व्यवधान से हालात और भी मुश्किल हुए हैं.
एक अनुमान के अनुसार, श्रीलंका में 22 प्रतिशत लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार है और उन्हें सहायता की ज़रूरत है.
संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय राहत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये एक योजना पेश की है, जिसमें सर्वाधिक प्रभावित 17 लाख लोगों की मदद के लिये चार करोड़ 70 लाख डॉलर की अपील की गई है.