कोलम्बिया में नई सरकार, शान्ति प्रयासों के लिये एक ‘विशाल अवसर’

कोलम्बिया में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से देश में नई सरकार के लिये पूर्ण समर्थन सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है. यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि कार्लोस रूइज़ मसियू ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि पाँच दशकों से अधिक समय तक चले गृह युद्ध का अन्त करने वाले ऐतिहासिक शान्ति समझौते को लागू करने की गति तेज़ करने का यह अभूतपूर्व अवसर है.
कोलम्बिया में यूएन सत्यापन मिशन के प्रमुख और विशेष प्रतिनिधि कार्लोस रूइज़ मसियू ने सदस्य देशों को हाल के दिनों में राजनैतिक घटनाक्रम से अवगत कराया.
इनमें पिछले महीने, राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो और उपराष्ट्रपति फ़्रांसिया मारकेज़ की चुनावी जीत भी है. यह पहली बार है जब अफ़्रीका-कोलम्बिया मूल की कोई महिला उप-राष्ट्रपति का पद भार संभालेंगी.
The election of President @petrogustavo and Vice-President @FranciaMarquezM through mostly peaceful and participatory elections is a testimony of the significant contribution of the Final Peace Agreement to widening and deepening Colombian democracy. @CGRuizMassieu @MisionONUCol pic.twitter.com/55VqpPoWdI
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यूएन के विशेष प्रतिनिधि ने दोनों नेताओं से मुलाक़ात की है, जोकि 7 अगस्त को शपथ ग्रहण करेंगे.
उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान शान्ति के लिये विशेष प्रयास करने का भरोसा दिलाया है.
विशेष प्रतिनिधि के अनुसार, आगामी सरकार के पास यह अभूतपूर्व अवसर और ज़िम्मेदारी है कि शान्ति समझौते को लागू किये जाने की गति में तेज़ी लाई जाए.
“आशान्वित होने के लिये हमारे पास अच्छे, बहुत अच्छे कारण मौजूद हैं, और मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अपना समर्थन देने के लिये हरसम्भव प्रयास करने चाहिये.”
विशेष प्रतिनिधि ने बताया कि चुनावी नतीजे, कोलम्बियाई समाज में समाई विविधता को परिलक्षित कर रहे हैं.
नई कांग्रेस में महिलाओं की हिस्सेदारी 30 फ़ीसदी है, जोकि अभूतपूर्व है, और इनमें हिंसक टकराव से प्रभावित क्षेत्रों से 16 प्रतिनिधि हैं.
यूएन मिशन प्रमुख ने आशा जताई कि नई कांग्रेस, 30 से अधिक शान्ति-सम्बन्धी क़ानूनों को पारित कराने के लिये ठोस प्रगति हासिल करेगी – इनमें व्यापक स्तर पर ग्रामीण सुधार और राजनैतिक भागीदारी की गारण्टी है.
विशेष दूत ने मौजूदा प्रगति को उत्साहजनक बताया है, मगर शान्ति मार्ग पर नज़र आ रही मुश्किलों की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है. इनमें समुदायों, नेताओं और पूर्व लड़ाकों के विरुद्ध हिंसा जारी रहने के मामले भी हैं.
यूएन मिशन ने शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अब तक 331 पूर्व लड़ाकों की मौत पर जानकारी जुटाई है. इनमें से चार पिछले दो सप्ताह में ही मारे गए हैं.
“उनकी सुरक्षा की गारण्टी दी जानी होगी. किसी भी शान्ति समझौते में एक प्राथमिकता, उन लोगों के जीवन की रक्षा करना है, जिन्होंने अपनी रक्षा का आश्वासन मिलने के बाद सदभाव में अपने हथियार डाल दिये हों.”
इसके अलावा, अवैध हथियारबन्द तत्व भी टकराव प्रभावित इलाक़ों में स्थानी नेताओं को निशाना बना रहे हैं. ये इलाक़े निर्धनता, ग़ैरक़ानूनी अर्थव्यवस्थाओं से पीड़ित हैं और सरकार की यहाँ सीमित उपस्थिति है.
विशेष दूत ने कोलम्बिया में सत्य आयोग की गतिविधियों पर भी जानकारी देते हुए बताया कि तीन वर्ष के कार्य के बाद, आयोग ने अपनी अन्तिम रिपोर्ट पेश की है.
रिपोर्ट की अनुशंसाओं में सरकारी संस्थाओं से शान्ति समझौते को पूर्ण रूप से लागू किये जाने की गारण्टी देने का आग्रह किया गया है.
आयोग के अध्यक्ष फ़ादर फ़्रांसिस्को खोसे डे रॉउक्स रेन्गिफ़ो ने भी सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया और बताया कि इस युद्ध में साढ़े चार लाख लोगों की मौत हुई और एक करोड़ प्रभावित हुए.
आयोग ने अपनी पड़ताल में, देश भर में और उन 24 देशों में 30 हज़ार व्यक्तियों और संस्थाओं की गवाही सुनी, जहाँ कोलम्बियाई नागरिक निर्वासन में जीवन गुज़ार रहे हैं.
आयोग के अध्यक्ष कोलम्बिया के भविष्य के प्रति आशन्वित नज़र आए, जिसकी एक वजह अनेक नागरिकों का शान्ति व जीवन रक्षा के लिये प्रयासों का हिस्सा बनना है.
इनमें युवजन, महिलाएँ, आदिवासी, अफ़्रीकी-कोलम्बियाई, धार्मिक नेता और LGBTI+ समुदाय के सदस्य भी हैं.
उनका मानना है कि कोलम्बिया को अभी एक लम्बा रास्ता तय करना है, मगर उसने अभी अपनी यात्रा की शुरुआत ही की है.
इससे पहले फ़ादर डे रॉउक्स और आयोग की टीम ने यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश से बुधवार को मुलाक़ात की थी, और उन्हें अपनी रिपोर्ट की एक प्रति सौंपी थी.
उन्होंने इस रिपोर्ट को शान्ति प्रक्रिया का एक अहम पड़ाव और एक बड़ी उपलब्धि क़रार दिया है.
महासचिव गुटेरेश ने आयोग की रिपोर्ट के प्रति जानकारी बढ़ाने के लिये गतिविधियों और उसमें प्रस्तुत की गई अनुशंसाओं को लागू करने के लिये अपने पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया है.