वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

विश्वसनीय सूचना ‘जीवन व मृत्यु का एक मामला’

दक्षिण कोरिया के इंजीनियर, दक्षिण सूडान में परिवहन बुनियादी ढाँचे को बहाली के तहत एक सड़क की मरम्मत करते हुए. (फ़ाइल फ़ोटो)
UNMISS/Amanda Voisard
दक्षिण कोरिया के इंजीनियर, दक्षिण सूडान में परिवहन बुनियादी ढाँचे को बहाली के तहत एक सड़क की मरम्मत करते हुए. (फ़ाइल फ़ोटो)

विश्वसनीय सूचना ‘जीवन व मृत्यु का एक मामला’

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में ‘सूचना तक पहुँच’ को एक मानवाधिकार बताते हुए रेखांकित किया कि शान्तिरक्षकों के लिये, ये स्थिति जीवन और मृत्यु का मामला हो सकता है, और शान्ति व युद्ध के बीच अन्तर का भी.

यूएन प्रमुख ने सामरिक संचार की महत्ता को समर्पित प्रथम उच्चस्तरीय चर्चा के दौरान कहा, “संचार कोई कम महत्व का मुद्दा या चलती-फिरती बात नहीं है.” उन्होंने संचार को “अपने कामकाज की सफलता के लिये केन्द्रीय क़रार दिया”.

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यूएन प्रमुख ने 2016 में महासचिव के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए अपना संकल्प याद किया – हम जो कुछ करते हैं उसके बारे में बेहतर संचार करने का, इस तरह, जिसे हर कोई समझ सके.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमें अपनी संचार रणनीति में व्यापक बदलाव करने की ज़रूरत है, जिसमें दुनिया भर में लोगों तक पहुँच स्थापित करने के लिये, उपकरणों और मंचों को अत्याधुनिक बनाया जाना शामिल है.”

उन्होंने ये भी रेखांकित किया कि इस विश्व संगठन ने उसके बाद से, एक महत्वाकांक्षी वैश्विक संचार रणनीति पर चलना शुरू किया है.

युद्ध के हथियार

यूएन प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में यूएन शान्तिरक्षक जिन परिस्थितियों में काम करते हैं वो हाल के दौर की स्मृति की तुलना में कहीं ज़्यादा ख़तरनाक बन चुकी हैं; वैश्विक स्तर पर होने वाले भूराजनैतिक तनावों का असर, स्थानीय स्तर पर पड़ता है; संघर्ष कहीं ज़्यादा जटिल हैं और उनकी अनेक परते हैं; और अक्सर अन्तरराष्ट्रीय अव्यवस्था, ज़मीनी स्तर पर बढ़े हुए तनाव के रूप में नज़र आती है.

उन्होंने कहा, “उससे भी ज़्यादा शान्तिरक्षकों को आतंकवादियों, अपराधियों, सशस्त्र गुटों का सामना करना पड़ता है – जिनके पास शक्तिशाली आधुनिक हथियार उपलब्ध हैं, और अशान्ति फैलाने में उनका निहित स्वार्थ है.”

यूएन प्रमुख ने कहा, “जिन हथियारों का वो प्रयोग करते हैं, वो केवल बन्दूकें और विस्फोटक भर नहीं हैं. दुष्प्रचार, झूठी जानकारी, और नफ़रत भरी भाषा का प्रयोग, लगातार युद्ध के हथियार के रूप में किया जा रहा है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य – ख़ुद से अलग लोगों व समुदायों को बुरा पेश करना, निर्बल समुदायों को ख़तरे में डालना है – यहाँ तक कि शान्तिरक्षकों को भी – और अत्याचार करने के लिये खुला लाइसेंस देना है.”

घातक दुष्प्रचार

सामरिक संचार, पूरे यूएन शान्तिरक्षा मिशन को अपना बहुकोणीय मिशन हासिल करने के लिये अति महत्वपूर्ण है जिसमें आम लोगों की सुरक्षा, हिंसा की रोकथाम; युद्धविराम सम्भव बनाना और राजनैतिक विवादों के निपटारों को पक्का करना’ साथ ही मानवाधिकार हनन के मामलों की जाँच करना और उनका आलेखन करना शामिल है. ये सबकुछ शान्तिरक्षकों और उन समुदायों की सुरक्षा और बेहतरी सुनिश्चित करते हुए करना है जिनकी वो सेवा करते हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, “इसीलिये Action for Peacekeeping+ पहल के भीतर, सामरिक संचार एक शीर्ष प्राथमिकता है.“

“हम जानते हैं कि दुष्प्रचार व झूठी जानकारी फैलाना ना केवल भ्रामक है, बल्कि ये ख़तरनाक और सम्भवतः जानलेवा भी है, जिससे शान्तिरक्षकों, मिशन स्टाफ़, और यूएन साझीदारों के ख़िलाफ़ हिंसा को भड़कावा मिलता है, और इससे हमारे नीले झण्डे सुरक्षा के एक प्रतीक के उलट, हमलों का एक निशाना बना जाते हैं.”

उन्होंने कहा कि झूठी ख़बर, जंगल की आग की तरह फैलती है जिससे यूएन मिशनों के - जीवन रक्षक और जीवन परिवर्तन के काम में बाधा उत्पन्न होती है.

यूएन प्रमुख ने सुरक्षा परिषद में कहा कि इस ख़तरे का सामना करने के लिये, विश्वसनीय, मानव - केन्द्रित सामरिक संचार, इस संगठन का एक सर्वश्रेष्ठ, और किफ़ायती उपकरण है.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में विशेष प्रतिनिधि बिन्तोऊ कीईटा, युवा और महिला संगठनों के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए.
MONUSCO/ Ndeye Khady Lo
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में विशेष प्रतिनिधि बिन्तोऊ कीईटा, युवा और महिला संगठनों के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए.

ठोस क़दम व अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता

यूएन प्रमुख ने यूएन शान्तिरक्षा में सामरिक संचार को बेहतर बनाने के लिये, छह ऐसी कार्रवाइयाँ गिनाईं जिन पर पहले से ही काम हो रहा है.

इनमें यूनीफ़ॉर्म और सिविल क्षेत्रों में एकीकृत संचार रणनीति अपनाना, सामरिक संचार को मिशन नेताओं के नियोजन और निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाना शामिल है.

मिशनों को दिशा-निर्देश व प्रशिक्षण मुहैया कराना और दुष्प्रचार, झूटी व भ्रामक जानकारी फैलाव और नफ़रत भरी भाषा का मुक़ाबला करने के लिये सर्वश्रेष्ठ उपकरणों व तरक़ीबों का प्रयोग करना भी शामिल है.

यूएन महासचिव ने कहा कि बढ़ते ख़तरों और चुनौतियों के बीच, हम सभी को, यूएन शान्तिरक्षा अभियानों की सफलता में अपनी भागीदारी निभानी होगी.