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टिकाऊ विकास फ़ोरम: विविध चुनौतियों की पृष्ठभूमि में आशावाद का सन्देश

टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा, सर्वजन के लिये एक बेहतर व टिकाऊ भविष्य प्राप्ति का ब्लूप्रिन्ट है.
© UNDP
टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा, सर्वजन के लिये एक बेहतर व टिकाऊ भविष्य प्राप्ति का ब्लूप्रिन्ट है.

टिकाऊ विकास फ़ोरम: विविध चुनौतियों की पृष्ठभूमि में आशावाद का सन्देश

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के अध्यक्ष कॉलेन विक्सेन केलापिल ने टिकाऊ विकास पर केन्द्रित एक वार्षिक फ़ोरम का उदघाटन करते हुए, एक शान्तिपूर्ण व समृद्ध विश्व के सृजन के लिये साझेदारियों को संवारने पर बल दिया है. 

ECOSOC प्रमुख ने मंगलवार को आरम्भ हुई और टिकाऊ विकास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम के दौरान, आशाओं व आशावाद से प्रेरित अपने सन्देश में मौजूदा चुनौतियों पर पार पाने का भरोसा जताया.

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने विकट परिस्थितियों के बावजूद अपने आशावादी रुख़ के लिये वजहें साझा की.

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उन्होंने कहा कि अनेक देशों में कोविड-19 महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाना सम्भव हुआ है.  

वैश्विक महामारी से समाजों, व्यक्तियों और वैश्विक विकास एजेण्डा पर हुए असर हुआ है, लेकिन इस स्वास्थ्य संकट ने समाजों की कमियों के अनेक पहलुओं को भी उजागर किया है और सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था व स्वास्थ्य प्रणालियों में बेहतरी लाने का अवसर प्रदान किया है. 

पुनर्बहाली का ब्लूप्रिन्ट

आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के अध्यक्ष ने वैश्विक महामारी से उबरने में 2030 एजेण्डा के 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों को एक ऐसा ब्लूप्रिन्ट बताया, जोकि पहले से ही मौजूद है.

उन्होंने कहा कि अनेक देशों में महामारी के दौरान लागू किये गए सामाजिक संरक्षा उपायों को संस्थागत रूप प्रदान किया जा रहा है. साथ ही, बडी संख्या में संगठन, प्रकृति के लिये अनुकूल अर्थव्यवस्था की ओर क़दम बढ़ा रहे हैं.

ECOSOC प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष के मध्य तक, देश अपनी 70 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने में विफल रहे हैं, मगर न्यायसंगत वैक्सीन वितरण के लिये पहल, ‘कोवैक्स’, mRNA वैक्सीन टैक्नॉलॉजी ट्रांसफ़र हब और अन्य उपायों से आगे बढ़ा जा सकता है. 

उन्होंने बताया कि इससे वैश्विक टीकाकरण, स्वास्थ्य प्रणाली संरक्षण प्रयासों को मज़बूती मिलेगी और वायरस के नए वैरीएण्ट्स उभरने से रोका जा सकेगा.

इस क्रम में, परिषद अध्यक्ष ने लागू किये जाने वाले अनेक अन्य आर्थिक, वित्तीय और सामाजिक समाधानों का उल्लेख किया है. इनमें अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ‘special drawing rights’ में होने वाली बढ़ोत्तरी भी है. 

“हम चुनौतियों और उनके समाधानों को जानते हैं. हमें उन समाधानों को लागू करने के लिये दृढ़ता, साहस, विश्वास व एकजुटता की आवश्यकता है.”

आशा की वजह

आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के अध्यक्ष ने फ़ोरम के प्रतिभागियों से टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा के लिये, नए सिरे से संकल्प लेने का आहवान किया.

उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास कार्रवाई के दशक में एसडीजी प्रयासों को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिये 2019 एसडीजी बैठक में लिये गए संकल्पों को पूरा किया जाना होगा. 

यूएन एजेंसी प्रमुख कॉलेन विक्सन केलापिल ने कहा कि इन सभी वजहों से उन्हें विश्वास है कि 2022 की उच्चस्तरीय फ़ोरम सफल होगी, और अमल में लाये जा सकने वाले क़दमों को चिन्हित किया जाएगा.

इससे वैश्विक एकजुटता और साझा चुनौतियों के प्रति समझ गहरी होगी, एक दूसरे से सीख पाना सम्भव होगा और समर्थन करने का संकल्प मज़बूत होगा. 

प्रगति रिपोर्ट

यूएन उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने ध्यान दिलाया कि स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा प्रक्रिया अब अपने सातवें वर्ष में है. 

इस प्रक्रिया के तहत, सभी प्रतिभागी देश टिकाऊ विकास की दिशा में मौजूदा प्रगति की समीक्षा करते हैं. 

उन्होंने बताया कि इस वर्ष 44 देश प्रक्रिया से जुड़े हैं, और कुल देशों की संख्या 187 पर पहुँच गई है, जोकि लगभग सार्वभौमिक रिपोर्टिंग को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी, हिंसक टकरावों और पर्यारणीय संकटों के कारण टिकाऊ विकास की दिशा में प्रयासों को धक्का पहुँचा है.

मगर, नक़दी हस्तांतरण कार्यक्रमों, कर्ज़ राहत, राष्ट्रीय सहनक्षमता योजनाओं और सरकार द्वारा लाये गए आर्थिक स्फूर्ति पैकेज से प्रभावितों को राहत भी मिली है.  

आमिना मोहम्मद ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य प्रणालियों और डिजिटल जुड़ाव की दिशा में हो रहे बदलावों के साथ-साथ, मानव पूँजी में निवेश और अवसरों को वित्त पोषित करने में बल दिया जाना होगा.