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मध्य अफ़्रीकी गणराज्य: खाद्य असुरक्षा गहराने की आशंका, 6.84 करोड़ डॉलर की दरकार

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में विस्थापितों के लिये बनाये गए एक शिविर में एक बच्चा उच्च-पोषण वाले बिस्किट खा रहा है.
© WFP/Bruno Djoyo
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में विस्थापितों के लिये बनाये गए एक शिविर में एक बच्चा उच्च-पोषण वाले बिस्किट खा रहा है.

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य: खाद्य असुरक्षा गहराने की आशंका, 6.84 करोड़ डॉलर की दरकार

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (Central African Republic) के लिये चेतावनी जारी की है कि अगस्त महीने तक देश में, 22 लाख लोगों के समक्ष खाद्य असुरक्षा का संकट गहरा सकता है. हिंसक संघर्ष, जनसंख्या विस्थापन और खाद्य व बुनियादी वस्तुओं की क़ीमतों में तेज़ उछाल के कारण पहले से ही गम्भीर मानवीय हालात पर विनाशकारी असर होने की आशंका है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रवक्ता टॉमसन फिरी ने बताया कि अगस्त महीने तक मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में 22 लाख लोगों पर खाद्य असुरक्षा का शिकार होने का जोखिम है. 

यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद भोजन, ईंधन व उर्वरक आपूर्ति के लिये उपजे संकट की वजह से, बड़ी संख्या में लोगों के लिये भोजनव बुनियादी वस्तुएँ पहुँच से बाहर हो जाएंगी.

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उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि “इस आँकड़े से शायद आपको बैठे हुए कोई झटका महसूस ना हो, मगर जब आप आबादी के आकार को देखते हैं, तो यह मध्य अफ़्रीकी गणराज्य की क़रीब आधी आबादी है.”

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने ज़रूरतमन्दों तक तत्काल राहत पहुँचाने के लिये छह करोड़ 84 लाख डॉलर की पुकार लगाई है.

खाद्य कार्यक्रम प्रवक्ता ने आगाह किया कि “तत्काल सहायता धनराशि के बिना, लाखों लोगों के लिये भोजन व पोषण असुरक्षा और भी बढ़ जाएगी,” और वस्तुओं की क़ीमतों में तेज़ उछाल कुछ ही सप्ताह बाद दर्ज किया जा सकता है.

टॉमसन फिरी ने कहा कि चावल की क़ीमतों में 30 प्रतिशत, गेहूँ के आटे की क़ीमत में 67 प्रतिशत, और वनस्पति तेल की क़ीमतों में ज़बरदस्त 70 प्रतिशत की वृद्धि होने की सम्भावना है.

बदतरीन हालात

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मध्य अफ़्रीका गणराज्य में खाद्य असुरक्षा हालात की तुलना, यमन, दक्षिण सूडान और अफ़ग़ानिस्तान से की जा सकती है. 

वर्ष 2012 से ही मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, सशस्त्र संघर्ष की आंच में झुलस रहा है.

मुख्यत: ईसाई बलाका-विरोधी लड़ाकों और मुस्लिम विद्रोही गुटों के गठबंधन के बीच लड़ाई में हज़ारों लोगों की मौत हुई है, बड़े पैमाने पर लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं और हर तीन में से दो आम नागरिक अब मानवीय राहत पर निर्भर हैं.  

पिछले महीने ही, CAR में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अधिकारी वैलेन्टीन रुग्वाबिज़ा ने सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया था कि आमजन के विरुद्ध भयावह हमलों की संख्या बढ़ी है. 

वहीं, देश को एक सुरक्षित व शान्तिपूर्ण भविष्य की दिशा में ले जाने के लिये प्रयासों में ठहराव आ गया है.

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के लिये यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि ने इस क्रम में अक्टूबर 2021 में पारित रोडमैप का उल्लेख किया, जिसमें शान्ति के लिये साझा प्रयासों का खाका प्रस्तुत किया गया था.

इस रोडमैप का उद्देश्य, वर्ष 2019 में सरकार और 14 ग़ैर-सरकारी हथियारबन्द गुटों के बीच हुए एक शान्ति समझौते को लागू किया जाना है, जिसे खारतूम समझौते के तौर पर जाना जाता है.

बदहाल जीवन

बताया गया है कि ढाँचागत वजहों से भी, देश में आजीविका साधनों व खाद्य सुरक्षा के लिये परिस्थितियाँ बद से बदतर होती गई हैं. 

उदाहरणस्वरूप, जनसांख्यिकी में वृद्धि, बड़े पैमाने पर व्याप्त निर्धनता, बेरोज़गारी और प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण.

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में बारिश के मौसम की शुरुआत में, मई से जुलाई महीनों के दौरान ईंधन की क़िल्लत पहले भी महसूस की जाती रही है, इस वर्ष, यह संकट मध्य-मार्च में ही शुरू हो गया. 

इससे यूएन एजेंसी द्वारा संचालित राहत अभियान और स्थानीय आबादी पर नाटकीय असर होने, और भूख की मार झेलने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है.