वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

जलवायु आपात स्थिति से सर्वाधिक प्रभावितों में है कैरीबियाई क्षेत्र - यूएन प्रमुख

यूएन महासचिव सूरीनाम के केन्द्रीय प्रकृति रिज़र्व का हवाई सर्वेक्षण करते हुए. जोकि जैवविविधता से परिपूर्ण है.
UN News/Evan Schneider
यूएन महासचिव सूरीनाम के केन्द्रीय प्रकृति रिज़र्व का हवाई सर्वेक्षण करते हुए. जोकि जैवविविधता से परिपूर्ण है.

जलवायु आपात स्थिति से सर्वाधिक प्रभावितों में है कैरीबियाई क्षेत्र - यूएन प्रमुख

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की सूरीनाम यात्रा का अन्तिम दिन, एक छोटे से विमान में शुरू हुआ, और फिर कैरीबियाई देशों की एक बैठक के मंच पर समाप्त हुआ. यूएन प्रमुख ने, रविवार को राजधानी पारामारिबो से 90 मिनट की उड़ान के बाद, सूरीनाम के केन्द्रीय प्रकृति रिज़र्व में ऐमेज़ोन जंगलों की अदभुत सुन्दरता के दर्शन किये, मगर  साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन और निष्कर्षण (extraction) गतिविधियों से इन वर्षावनों के लिये उपजे ख़तरों को भी नज़दीक से देखा.  

पर्वतीय, असीमित जैवविविधता से परिपूर्ण यह विशाल हरित रिज़र्व, यूनेस्को द्वारा चिन्हित एक विश्व धरोहर स्थल है, जोकि राष्ट्रीय क्षेत्र का क़रीब 11 फ़ीसदी है. 

मोटे तौर पर यह इलाक़ा मानव गतिविधियों से प्रभावित नहीं हुआ है. 

आकाश से देखने पर ऐसा महसूस होता है कि वर्षावन को मानो हरे रंग के विभिन्न प्रकारों से सजा दिया गया हो. और कुछ पेड़ों के ऊपरी हिस्सों पर दिखाई देने वाले नारंगी और बैंगनी फूल, इसे और भी सुन्दर बना देते हैं. 

यूएन प्रमुख ने संरक्षित क्षेत्र में पहुँचने से पहले देखा कि सूरीनाम में वन क्षेत्र के लिये खनन सैक्टर और टिम्बर उत्पादन गतिविधियों के कारण गम्भीर ख़तरा पैदा हो रहा है, जिसकी एक वजह आर्थिक गतिविधियाँ और मुनाफ़ा की चाह है. 

विशाल, हरित, वन आच्छादित क्षेत्र में वनों की कटाई और सोने की खान में खुदाई से होने वाले नुक़सान और बाढ़, के निशान भी नज़र आते हैं.

सूरीनाम के केन्द्रीय प्रकृति रिज़र्व का एक नज़ारा.
UN News/Laura Quinones
सूरीनाम के केन्द्रीय प्रकृति रिज़र्व का एक नज़ारा.

‘जोखिम भरा क्षण’

सूरीनाम, दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप का एक हिस्सा है, मगर देश के इतिहास, संस्कृति और लघु द्वीपीय देशों के समक्ष मौजूद एक जैसी चुनौतियों के कारण, इसे कैरीबियाई राष्ट्र ही माना जाता है.

रविवार शाम, यूएन प्रमुख ने सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो में कैरीबियाई समुदाय और साझा बाज़ार (CARICOM) के 43वें सम्मेलन के उदघाटन कार्यक्रम को सम्बोधित किया.

उन्होंने क्षेत्र की विविधता और जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका को रेखांकित किया, और कोविड-19 महामारी, वैश्विक वित्त पोषण चुनौतियों और पर्यावरणीय संकट के मद्देनज़र, आवश्यक उपायों व कार्रवाई का खाका पेश किया. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आगाह किया कैरीबियाई क्षेत्र में निचले तटीय इलाक़ों वाले लघु द्वीपीय देश, मौजूदा समय में दुनिया की सबसे बड़े चुनौती, जलवायु संकट का सामना कर रहे है.

उन्होंने सचेत किया कि “कैरीबियाई क्षेत्र, वैश्विक जलवायु आपात स्थिति से सर्वाधिक प्रभावित है,” मगर यही क्षेत्र के लिये एकमात्र चुनौती नहीं है. 

“इस वर्ष CARICOM की बैठक, अधिकतम जोखिम के एक क्षण में हो रही है, पृथ्वी व आमजन, दोनों के लिये.” 

उन्होंने वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य प्रणालियों व पर्यटन पर हुए विनाशकारी असर की ओर ध्यान आकृष्ट किया, जिससे आर्थिक प्रगति और विदेशी निवेश भी प्रभावित हुआ है.

यूक्रेन में जारी युद्ध से हालात और भी अधिक विकट हो गए हैं.  

यूएन प्रमुख ने कैरीबियाई समुदाय और साझा बाज़ार (CARICOM) की बैठक के उदघाटन समारोह के दौरान नेताओं को सम्बोधित किया.
UN News/Evan Schneider
यूएन प्रमुख ने कैरीबियाई समुदाय और साझा बाज़ार (CARICOM) की बैठक के उदघाटन समारोह के दौरान नेताओं को सम्बोधित किया.

महासचिव गुटेरेश ने कैरीबियाई क्षेत्र के नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन विशाल चुनौतियों से निपटने के लिये निडर समाधानों की आवश्यकता होगी. इस क्रम में, यूएन प्रमुख ने तीन सुझाव प्रस्तुत किये:

1. संकट के आकार व तात्कालिकता के अनुरूप जलवायु कार्रवाई 

महासचिव ने वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के इरादे से, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये तत्काल, रूपान्तरकारी बदलावों की पुकार लगाई है. 

साथ ही, जलवायु परिवर्तन प्रभावों से निपटने के लिये अनुकूलन समर्थन और सहनक्षमता निर्माण के लिये वित्त पोषण की आवश्यकता पर बल दिया है.

“मैं, रास्ता दिखाने में मदद के लिये कैरीबियाई नेताओं का धन्यवाद करता हूँ. मैं, अविश्वसनीय जैवविविधता और प्राकृतिक उपहारों को सहेज कर रखने के लिये आपके अनेक प्रयासों से प्रेरित हुआ हूँ, जिनमें आदिवासी समुदायों द्वारा किये जाने वाले प्रयास भी हैं.”

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि सभी को, जलवायु कार्रवाई के लिये और अधिक महत्वाकाँक्षा दर्शाने की आवश्यकता है, विशेष रूप से जी20 समूह को, जोकि वैश्विक उत्सर्जन के 80 प्रतिशत के लिये ज़िम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में न्यायोचित व समतापूर्ण ढँग से आगे बढ़ने के लिये सम्पन्न देशों को अग्रणी भूमिका निभानी होगी. 

साथ ही, इस वर्ष से विकासशील देशों को अनुकूलन के लिये 100 अरब डॉलर दिये जाने के वादे को भी पूरा किया जाना होगा. 

2. नैतिक रूप से दिवालिया वैश्विक वित्त व्यवस्था में सुधार, टिकाऊ पुनर्बहाली को बढ़ावा

महासचिव गुटेरेश के अनुसार, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को कम या शून्य क़ीमत पर वित्त पोषण के साथ-साथ, कर्ज़ राहत और उसमें फेरबदल की आवश्यकता है.

“कर्ज़ के मामले में हमें विकासशील देशों के लिये तत्काल राहत की ज़रूरत है, जिन्हें जल्द उसे अदा करना है.”

महासचिव ने एक ‘कैरीबियाई सहनसक्षम कोष’ के सृजन और अन्तरराष्ट्रीय वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार का समर्थन किया है, ताकि यह क्षेत्र बाहरी झटकों से बेहतर ढँग से निपट सके और कमज़ोरियों की रोकथाम की जा सके.

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि पुराने पैमाने विफल हो गए हैं और यह समय उनमें बदलाव लाने का है.

इस क्रम में, यूएन प्रमुख ने प्रति व्यक्ति आय आंकने के बजाय एक बहुआयामी निर्बलता इण्डेक्स स्थापित किये जाने का सुझाव दिया है, ताकि वित्तीय समर्थन की सुलभता का आकलन किया जा सके.

उन्होंने कहा कि इसका अर्थ होगा, कर्ज़ व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के जटिल व एक दूसरे पर निर्भर कारकों को कर्ज़ राहत व वित्त पोषण के लिये अहर्ता विश्लेषण में शामिल किया जाए.

सूरीनाम के पारामरिबो में राष्ट्राध्यक्षों व सरकार प्रमुखों की बैठक हो रही है और आयोजन स्थल के बाहर चीनी-सूरीनाम मूल के लोगों का समूह नाच-गा रहा है.
UN News/Laura Quinones
सूरीनाम के पारामरिबो में राष्ट्राध्यक्षों व सरकार प्रमुखों की बैठक हो रही है और आयोजन स्थल के बाहर चीनी-सूरीनाम मूल के लोगों का समूह नाच-गा रहा है.

3. कोविड-19 महामारी पर पार पाने के लिये पुख़्ता उपाय

यूएन प्रमुख ने देशों की सरकारों, संगठनों और औषधि-निर्माण कम्पनियों से बेहतर ढँग से साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, ताकि स्थानीय स्तर पर टैस्ट, वैक्सीन व उपचार की व्यवस्था की जा सके.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि अभी दुनिया इस मुश्किल से बाहर नहीं निकल पाई है, और साबित हो चुके सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के ज़रिये कैरीबियाई क्षेत्र में वायरस के फैलाव को रोकने के लिये समन्वित प्रयास ज़रूरी हैं.

इसके लिये, महामारी से निपटने की तैयारियों में साहसिक निवेश व प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, और यह ध्यान रखा जाना होगा कि तैयारियों की इतनी कमी कभी ना हो.

अन्तत:, यूएन प्रमुख ने कैरीबियाई क्षेत्र के नेताओं को भरोसा दिलाया है कि इन समाधानों की ओर आगे बढ़ने में संयुक्त राष्ट्र उनके साथ एकजुट है.