वर्षावनों के संरक्षण प्रयासों के लिये, सूरीनाम ‘आशा व प्रेरणा का स्रोत’

दक्षिण अमेरिका में सूरीनाम सबसे छोटा और सबसे कम आबादी वाला देश होने के साथ-साथ, सर्वाधिक हरित और जैवविविधता संरक्षण प्रयासों में अग्रणी भी है. देश में कुल भूमि सतह का 90 फ़ीसदी, मूल वनों से आच्छादित है, और यहाँ मौजूद अतुलनीय प्राकृतिक संसाधन, उसके छोटे आकार की भरपाई सरलता से करते हैं.
सूरीनाम के सुन्दर, घने वर्षावन को कहीं से भी आसानी से देखा जा सकता है, यहाँ तक की राजधानी पारामारिबो से भी, जोकि रौनक भरे बाज़ारों और सांस्कृतिक स्थलों का केन्द्र है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को प्रत्यक्ष रूप से, अपनी प्राकृतिक सम्पदा और पैतृक ज्ञान की रक्षा करने के लिये, सूरीनाम के लोगों की प्रतिबद्धता को महसूस किया.
I am happy to mark #CoopsDay in Suriname with members of agricultural cooperatives led by indigenous women & men, supported by the @UN.The inclusion of indigenous & tribal communities is critical for economic development- in Suriname and beyond. #CoopsDay pic.twitter.com/J7eOg38iwE
antonioguterres
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने शनिवार को सूरीनाम के राष्ट्रपति चान सन्तोखी के साथ एक साझा प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि वर्षावन, मानवता के लिये एक अमूल्य उपहार हैं.
“इसीलिये, मैं यहाँ सूरीनाम से दुनिया को सन्देश देना चाहता हूँ: हमें वर्षावनों के उपहारों का सम्मान और उन्हें सहेज कर रखना होगा, चूँकि यह ऐसा तोहफ़ा नहीं है, जो हमेशा मिलता रहेगा.”
उन्होंने आगाह किया कि यदि विश्व भर में, मौजूदा रफ़्तार से वर्षावनों का विध्वंस जारी रहा, तो हम ना सिर्फ़ हमें निवाला देने वाले हाथ को काट रहे हैं, बल्कि उसे चकनाचूर कर रहे हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि तेज़ी से वनों की कटाई और बद से बदतर होते जा रहे जलवायु प्रभावों के कारण, वनों में आग लगने और सूखा पड़ने की घटनाएँ बढ़ रही हैं.
“यह क्षोभजनक और शर्मनाक है. यह धीमी रफ़्तार से की जा रही वैश्विक आत्महत्या है.”
इससे पहले, यूएन प्रमुख ने आदिवासी समुदाय के एक गाँव, पियरे कोन्द्रे – रेडी डोटी का दौरा किया, जोकि राजधानी से 67 किलोमीटर दूर स्थित है.
यह नौ हज़ार हैक्टेयर वन क्षेत्र से घिरा है, जहाँ लगभग 100 बाशिन्दे रहते हैं.
यहाँ यूएन प्रमुख की आगवानी कलीना लोगों के मुखिया कैप्टेन लॉयड रीड ने की, और समुदाय की महिला व पुरुष सदस्यों ने अपनी पारम्परिक पोशाक में गाते-नृत्य करते हुए, उनका स्वागत किया.
कैप्टेन लॉयड रीड ने बताया कि माँ पृथ्वी और ऐमेज़ोन वर्षावन की रक्षा करने में उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उसका मूल्य नहीं समझा जाता और यह हमारे जीवन के लिये ख़तरा है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के दोहन व जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है.
निरन्तर बारिश होने औऱ बाढ़ का जोखिम भी है, और ग़ैरक़ानूनी खनन गतिविधियों के कारण पारा दूषण बढ़ रहा है, जिससे जीवन व आजीविकाओं के लिये ख़तरा है.
यूएन प्रमुख ने इन चिन्ताओं को ध्यान से सुनने के बाद भरोसा दिलाया कि वे इस समुदाय के प्रवक्ता के रूप में, सरकार के साथ बातचीत के दौरान उनकी चिन्ताओं को साझा करेंगे.
रेडी डोटी गाँव में स्थानीय आबादी अनानास, कसावा और कृष्णा फल उगाते हैं, जोकि वहाँ लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है.
महासचिव गुटेरेश की यह यात्रा, अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर हुई है, और उन्होंने दो ऐसी सहकारी समितियों के कामकाज को नज़दीक से परखा, जिन्हें यूएन और अन्य संगठनों का समर्थन प्राप्त है.
ऐसी ही एक सहकारी समिति का नेतृत्व महिलाओं ने सम्भाला है, जोकि जैविक रूप से उगाये गए अनानास से अन्य उत्पाद, जैसेकि जैम, जूस बनाती हैं.
दूसरी सहकारी समिति खेती बाड़ी पर केन्द्रित हैं, जोकि अनानास की पैदावार को, किसी एक मौसम के बजाय, पूरे वर्ष सम्भव बनाना चाहती है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, आर्थिक समृद्धि में आदिवासी और जनजातीय आबादी का समावेशन बेहद अहम है.
वे देश की कुल आबादी का केवल चार फ़ीसदी हैं, जबकि भूमि पर उनके अधिकार सूरीनाम के 80 प्रतिशत क्षेत्र से अधिक हिस्से पर हैं, लेकिन उसे राष्ट्रीय क़ानून में मान्यता प्राप्त नहीं है.
महासचिव गुटेरेश ने बाद में पत्रकारों को बताया कि आदिवासी समुदाय, जलवायु परिवर्तन के लिये ज़िम्मेदार नहीं हैं, मगर वे उससे सबसे अधिक प्रभावितों में हैं.
“उनके पास वो समाधान मौजूद हैं, जिनसे दुनिया बहुत कुछ सीख सकती है. वे ग्रह की अपरिहार्य जैविक विविधता के गर्वित रक्षक हैं और उन्हें इसे करने के लिये समर्थन चाहिये.”
यूएन प्रमुख ने वनों के बाद तटीय इलाक़े का रुख़ किया, जहाँ उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण हुए तटीय क्षरण, बाढ़ और समुद्रीय जलस्तर में वृद्धि के विनाशकारी असर को देखा.
वेग नार ज़ी, पारामारिबो के पश्चिमोत्तर में स्थित एक तटीय इलाक़ा है, जोकि गम्भीर तटीय क्षरण की समस्या से जूझ रहा है. इसकी वजह से यहाँ नरम कीचड़ की कमी हो गई है और पक्षियों के पर्यावास के लिये जोखिम उत्पन्न हुआ है.
वर्ष 2016 के बाद से ही, संयुक्त राष्ट्र ने देश की सरकार द्वारा मैनग्रोव संरक्षण, उनकी प्राकृतिक पुनर्बहाली व पुनर्वास प्रयासों को समर्थन प्रदान किया है.
ऐसी ही एक परियोजना की बागडोर, सूरीनाम के एण्टोन डे कोम युनिवर्सिटी ने सम्भाली है, जोकि क्षति की भरपाई करने की कोशिशों में जुटी है.
कीचड़ भरे तटीय किनारे पर चलते हुए, यूएन प्रमुख ने सूरीनाम के स्थान विषयक योजना मंत्री (spatial planning) सिल्वानो त्जोंग-अहीन के साथ एक मैनग्रोव वृक्ष का रोपण किया.
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि प्रकृति-आधारित समाधान, जैसेकि मैनग्रोव, वर्षावन और अन्य अति-आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्रों का संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है. “दुनिया को ऐसी और अधिक पहल की ज़रूरत है.”
विशाल मात्रा में अपनी जड़ों व मृदा में कार्बन को सोखने वाले मैनग्रोव, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में एक अहम भूमिका निभाते हैं.
तटीय पर्यावरण और पर्यावासों के लिये भी वे बहुत ज़रूरी हैं, और विविध प्रकार की प्रजातियाँ वहाँ फलती-फूलती हैं.
उन्हें तटीय इलाक़ों के गुर्दों के रूप में जाना जाता है, चूंकि तटीय पर्यावरण को पोषित करने की दृष्टि से वे अति-आवश्यक हैं.
महासचिव गुटेरेश ने दिन के समापन पर आयोजित प्रैस वार्ता में कहा कि सूरीनाम ने उन्हें जो कुछ भी देखा है, उससे उन्हें आशा व प्रेरणा मिली है.
“मगर, हम जो विश्व में देख रहे हैं, वो गहरा झटके और क्रोध की वजह है.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि, दुर्भाग्यवश, सूरीनाम ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही दुनिया में एक अपवाद के रूप में खड़ा है.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि विश्व भर में, “हम जलवायु नेतृत्व की विफलता और त्रासदीपूर्ण जलवायु व्यवधान को फैलते हुए देख रहे हैं....वैश्विक तापमान में वृद्धि के लक्ष्य को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने क लिये, वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत तक की कटौती की जानी होगी.”
लेकिन उन्होंने आगाह किया कि फ़िलहाल जो राष्ट्रीय संकल्प लिये गए हैं, उनके परिणामस्वरूप, 2030 तक, उत्सर्जन में 14 प्रतिशत की वृद्धि होने की सम्भावना है.
महासचिव ने कहा कि कैरीबियाई देश जलवायु संकट के अग्रिम मोर्चे पर हैं, जहाँ उन्होंने स्फूर्तिवान नेतृत्व का परिचय दिया है.
एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि विश्व में बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों की एक विशेष ज़िम्मेदारी है.
यूएन प्रमुख सूरीनाम में रविवार तक रहेंगे, जहाँ वह कैरीबियाई समुदाय (CARICOM) की 43वीं नियमित बैठक के उदघाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.