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वैश्विक महामारी के बाद पुनर्बहाली के लिये, समावेशी शहरों की अहमियत पर बल

विश्व शहरी फ़ोरम का आयोजन पोलैण्ड के कैटोविचे शहर में किया गया है.
UN Habitat
विश्व शहरी फ़ोरम का आयोजन पोलैण्ड के कैटोविचे शहर में किया गया है.

वैश्विक महामारी के बाद पुनर्बहाली के लिये, समावेशी शहरों की अहमियत पर बल

एसडीजी

विश्व के शहरी इलाक़ों में रूपान्तरकारी बदलाव लाने पर केन्द्रित एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, विश्व शहरी फ़ोरम (World Urban Forum) रविवार को पोलैण्ड के कैटोविचे शहर में आरम्भ हुआ, जोकि इस सप्ताह जारी रहेगा. सम्मेलन के दौरान दुनिया भर से आए प्रतिनिधि शहरी इलाक़ों में व्याप्त संकट से उबरने और बेहतर पुनर्निर्माण उपायों समेत अन्य समाधानों पर विचार-विमर्श में हिस्सा लेंगे.

यह फ़ोरम एक ऐसे महत्वपूर्ण समय में आयोजित हो रही है, जब शहरों को कोविड-19 महामारी, जलवायु आपदता और हिंसक संघर्ष व टकराव समेत अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी से उबरने के प्रयासों में, शहरों को अधिक समावेशी बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाना होगा.

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उन्होंने अपने वीडियो सन्देश में ध्यान दिलाया, “शहर एक तरह से हर उस चुनौती के केन्द्र में हैं, जिसका हम सामना कर रहे हैं, और वे एक अधिक समावेशी, सतत और सहनसक्षम भविष्य के निर्माण के लिये अति-आवश्यक हैं.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सचेत किया कि महामारी से उबरते समय, शहरों में ज़्यादा समावेशी और लैंगिक ज़रूरतों के अनुरूप, बुनियादी ढाँचे व सेवाओं को लोगों को उपलब्ध कराया जाना होगा, विशेष रूप से युवजन, महिलाओं और लड़कियों के लिये.

जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में भूमिका

यूएन प्रमुख ने कहा कि दुनिया के शहरों को, जलवायु परिवर्तन से निपटने और पैरिस जलवायु समझौते के अनुरूप, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये अग्रणी भूमिका निभानी होगी.

विश्व भर में वर्ष 2050 तक या उससे पहले, कार्बन तटस्थता (नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन) का संकल्प लेने वाले शहरों की संख्या बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी इन संकल्पों को ठोस कार्रवाई योजनाओं में तब्दील किया जाएगा, उतनी जल्दी ही हरित रोज़गार, बेहतर स्वास्थ्य, और अधिक समानता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

मगर, महासचिव ने ध्यान दिलाया कि शहर यह ज़िम्मेदारी स्वयं पूरा नहीं कर सकते हैं.

“उन्हें सरकारों के सभी स्तरों से अधिक समन्वित समर्थन; निजी सैक्टर व नागरिक समाज के साथ मज़बूत साझीदारी; और समाधानों का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये वित्त पोषण व नीतियों के लिये स्थान खुला रखना होगा.”

सम्भावनाओं को संवारना

यूएन प्रमुख ने हरित, न्यायोचित और स्वस्थ शहरों के साझा लक्ष्य को साकार करने में, यूएन द्वारा देशों को सहायता प्रदान करने के संकल्प को रेखांकित किया.

उन्होंने नए शहरी एजेण्डा का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे पास प्रगति का ब्लूप्रिन्ट है.”

यह वर्ष 2016 का एक ऐसा फ़्रेमवर्क बताया गया है, जोकि सतत शहरीकरण, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिये कार्रवाई के दशक, और 2030 स्थानीय सहबन्धन को बढ़ावा देता है, जोकि एसडीजी मार्ग पर प्रगति के लिये यूएन और सरकारों के बीच में साझीदारी है.

“आएये, हम शहरीकरण की रूपान्तरकारी बदलाव की सम्भावना को संवारे और सर्वजन के लिये एक अधिक टिकाऊ, सहनसक्षम और समावेशी भविष्य का निर्माण करें.”

विश्व शहरी फ़ोरम की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी, और यह बेहतर शहरी भविष्य के लिये प्रयासरत, यूएन पर्यावास एजेंसी (UN-Habitat) द्वारा हर दो साल में एक बार आयोजित की जाती है.

वर्ष 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में आठ वर्ष का ही समय शेष है, जिसके कारण 2030 एजेण्डा के 11वें लक्ष्य पर दबाव बढ़ रहा है. एसडीजी11 शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, सहनसक्षम और सतत बनाये जाने पर लक्षित है.

तिहरा संकट

यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि हर क्षेत्र में पहले से अधिक शहरीकरण होने, और कुछ मामलों में तो इसकी गति बेहद तेज़ होने की सम्भावना है, जिससे दबावों में और अधिक वृद्धि होगी.

पिछले वर्ष कुल वैश्विक आबादी का 56 फ़ीसदी शहरी इलाक़ों में रह रहा था, मगर 2050 तक यह आँकड़ा बढ़कर 70 फ़ीसदी तक पहुँच जाने की सम्भावना है.

संयुक्त राष्ट्र, लातिन अमेरिकी और कैरीबियाई देशों में जलवायु सहनक्षमता नीतियों को समर्थन दे रहा है.
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संयुक्त राष्ट्र, लातिन अमेरिकी और कैरीबियाई देशों में जलवायु सहनक्षमता नीतियों को समर्थन दे रहा है.

यूएन पर्यावास एजेंसी की कार्यकारी निदेशक मैमूनाह मोहम्मद शरीफ़ ने कहा, “वैसे तो मौजूदा वास्तविकता बहुत कठिन है, हमें अपना ध्यान बनाये रखना होगा और टिकाऊ विकास के लिये अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शहरी इलाक़ों के लिये नवाचारी समाधानों की आवश्यकता है, ताकि कोविड, जलवायु और हिंसक टकराव रूपी तिहरे संकटों से निपटा जा सके.

यूएन एजेंसी प्रमुख के अनुसार, इन संकटों का शहरों और वहाँ रहने वाले बाशिन्दों पर विनाशकारी असर होता है.

यूएन फ़ोरम

टिकाऊ शहरी के मुद्दे पर यूएन फ़ोरम, विश्व के अग्रणी सम्मेलनों में से है और यह पहली बार है जब इसे पूर्वी योरोप में आयोजित किया जा रहा है.

सम्मेलन में 800 सरकारी अधिकारी व प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें 50 से अधिक मंत्री व उपमंत्री भी हैं. यूक्रेन में क़रीब चार महीने पहले युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक, पोलैण्ड में 30 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिकों ने शरण ली है.

इस पृष्ठभूमि में संकट से बाद के हालात और शहरी स्थलों के पुनर्निर्माण और आबादी की वापसी होने के विषय पर केन्द्रित एक विशेष सत्र का भी आयोजन किया जाएगा.

कैटोविचे शहर एक समय कोयला और स्टील उद्योग के लिये जाना जाता था, मगर अब इसे टैक्नॉलॉजी, संस्कृति व आयोजन के लिये ख्याति प्राप्त है.

चार वर्ष पहले, कैटोविचे शहर में कॉप24 सम्मेलन आयोजित किये जाने की एक वजह ये भी थी.

इस फ़ोरम का समापन शुक्रवार को होगा, जब सतत शहरीकरण के लिये कार्रवाई उपायों के एक पुलिन्दे की घोषणा किये जाने की आशा है.