नाइजीरिया: तत्काल मदद के अभाव में, संकट गहराने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने नाइजीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में लाखों लोगों के लिये लगातार बिगड़ती स्थिति के बारे में चेतावनी जारी की है जो लगातार जारी सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित हैं और प्रभावितों में ज़्यातर महिलाएँ व बच्चे हैं. साथ ही देश मन्दे मौसम में प्रवेश करने जा रहा है.
बोर्नो, अदामावा और योबे (BAY) प्रान्तों में 80 लाख से भी अधिक लोगों को सहायता की आवश्यकता है, और चाड झील क्षेत्र के आसपास चरमपन्थी हिंसा के कारण लगभग 6 लाख लोग खाद्य असुरक्षा के आपात स्तरों का सामना कर रहे हैं, जो अब अपने 12वें वर्ष में है.
Briefed Member States in Geneva on situation in NE #Nigeria, calling on international community to get urgent resources to aid most vulnerable, incl 1.7m food insecure kids. 8.4M people need humanitarian assistance in 2022 & 4.1M face perilous food insecurity this lean season pic.twitter.com/0dGB9q0r8D
matzschmale
नाइजीरिया में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष राहत अधिकारी मथियास श्माले ने कहा कि पहले तो बोकोहराम के लड़ाके बहुत मज़ूबत थे, मगर जब से लगभग एक वर्ष पहले समूह के नेता की हत्या कर दी गई थी, उसके बाद वे अन्धाधुन्ध हमले करना जारी रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि एक अन्य चरमपन्थी शाखा - ISWAP भी बेहद ख़तरनाक है, हालाँकि उसे काफ़ी असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है.
नाइजीरिया यूएन रैज़िडैण्ट कोऑर्डिनेटर और मानवीय सहायता समन्वयक मथियास श्माले ने कहा कि बीते वर्षों की तरह, अब भी दस लाख लोग अन्तरराष्ट्रीय सहायता टीमों की पहुँच से बाहर हैं.
उन्होंने कहा कि ज़रूरतमन्दों में 80 प्रतिशत से अधिक महिलाएँ और बच्चे हैं, जिन्हें "अपहरण, बलात्कार और दुर्व्यवहार" का भी सामना करना पड़ता है, और बोर्नो प्रान्त में अन्धाधुन्ध हमले होने के कारण, यह स्थान रहने के लिये अत्यधिक "अस्थिर" है.
उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों से कहा कि संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य कुल 84 लाख लोगों में से कम से कम 55 लाख लोगों की मदद करना है.
"संघर्ष ने 22 लाख लोगों को विस्थापित कर दिया है ... अभी-अभी मन्दा दौर शुरू हुआ है जो आमतौर पर सितम्बर तक रहता है; पिछले साल यह नवम्बर तक चला था, इसलिये हम जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी देख रहे हैं."
मथियास श्माले ने कहा कि वैसे तो नाइजीरिया एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है, मगर वहाँ तेल शोधक कारख़ानों का अभाव है, जिसका अर्थ है कि इसे यूक्रेन में युद्ध से जुड़ी ऊर्जा की क़ीमतों में वैश्विक उछाल से कोई लाभ नहीं हुआ है.
“इस स्थिति के पूर्ण प्रभाव को समझने के लिये, अभी बहुत शुरुआती समय है, जैसा कि सब जानते हैं कि नाइजीरिया में शुरुआत से ही ये चर्चा हो रही थी कि नाइजीरिया को एक तेल उत्पादक देश के रूप में लाभ होगा या नहीं.
हम वास्तव में ऐसा होते हुए बिल्कुल नहीं देख रहे हैं, क्योंकि नाइजीरिया इसके विपरीत बहुत हद तक परिष्कृत तेल के आयात पर निर्भर करता है, इसलिये हमने जो मूल्य वृद्धि देखी है, उससे नाइजीरिया को लाभ नहीं हो रहा है, यह एक चिन्ता का विषय है.
देश में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि ये विशाल देश, आगे चलकर ख़ुद का भरण-पोषण कर सकता है और महंगे खाद्य आयात से बच सकता है, हालाँकि फिलहाल, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिये, आवश्यक बुनियादी ढाँचे और कृषि निवेश की कमी है.
विशेष रूप से चिन्ता का विषय ये है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पाँच साल से कम उम्र के लगभग साढ़े 17 लाख बच्चों के, आने वाले महीनों में तीव्र कुपोषण से पीड़ित होने की आशंका है.
मथियास श्माले ने कहा ,"एक महत्वपूर्ण सन्देश खतरे की घण्टी बजा रहा है. अगर हमें 35 करोड़ डॉलर की प्रारम्भिक बहुक्षेत्रीय प्रतिक्रिया योजना के लिये तत्काल धनराशि नहीं मिलती है, तो हम ऐसे संकट में होगें जो कुछ महीनों के भीतर और भी ख़राब होगा."
उन्होंने कहा: "हम आशा करते हैं कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय यह समझेगा कि नाइजीरिया के पूर्वोत्तर क्षेत्र जैसी स्थिति की अनदेखी करने के अपने जोखिम होंगे; अगर हम इसे स्थिर रखने में असमर्थ रहे तो नाइजीरिया की सीमाओं से परे भी इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.”