योरोप: गर्मियों की शुरुआत में ही भीषण तापलहर का प्रकोप

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने कहा है कि योरोपीय देशों को इस साल ऐसी अभूतपूर्व और झुलसा देने वाली ताप लहर से जूझना पड़ रहा है, जिसने अपेक्षित समय से पहले ही दस्तक दे दी है. गर्मी के मौसम के शुरुआती दिनों में ही तापमान के इस रुझान ने आगामी दिनों में हालात के प्रति चिन्ता बढ़ा दी है.
संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, प्रचण्ड गर्मी की ये लहर उत्तर अफ़्रीका से योरोप तक फैली हुई है.
Temperatures top 40°C in parts of southern #France as the unusually early #heatwave bites14 departments have top level Red alert56 departments have Amber alert, says @meteofrance WMO roundup here https://t.co/29osfUjwnJ#ClimateAction pic.twitter.com/izurWg04vl
WMO
ऐज़ोरेस और मडीयरा द्वीप समूहों के बीच, कम दबाव प्रणाली के कारण गर्म हवा उठ रही है, और वही उसे पश्चिमी योरोप की ओर धकेल रही है.
अभी जून का केवल आधा महीना ही बीता है, मगर स्पेन और फ़्राँस के कुछ हिस्सों में तापमान, आम तौर पर इस समय रहने वाले तापमान की तुलना में, औसतन 10 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक पहुँच गया है.
फ़्राँस में तापमान का ये रुझान, मई बीतने के बाद भी जारी है जिसे रिकॉर्ड पर अब तक का सबसे गर्म व शुष्क मई का महीना आंका गया था.
देश की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी ने कहा है कि वर्ष 1947 के बाद से यह सबसे जल्दी आने वाली ताप लहर है.
इस सप्ताह, स्पेन के कुछ अन्दरूनी इलाक़ों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा है, और हाल के दिनों में टोलेडो प्रान्त में मौसम अभी भी और गर्म बना हुआ है.
स्पेन में स्थानीय आबादी को सहारा क्षेत्र से उठे एक धूल के गुबार का भी सामना करना पड़ रहा है.
इससे हालात बद से बदतर हो गए हैं, और स्वास्थ्य व पर्यावरणीय दबाव और अधिक गहरा हुआ है.
स्पेन की तरह पुर्तगाल को भी सूखे की चुनौती से जूझना पड़ रहा है.
बताया गया है कि पुर्तगाल में वर्ष 1931 के बाद से पहली बार मई का महीना इतना गर्म साबित हुआ है और गम्भीर सूखे की स्थिति से 97 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित है.
स्विट्ज़रलैण्ड में भी अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँचा है.
राष्ट्रीय मौसम सेवा के अनुसार शहरों और ग्रामीण इलाक़ों के बीच तापमान का अन्तर छह डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था.
पश्चिमी योरोप के अधिकांश हिस्सों में सूखे की परिस्थितियाँ एक और चिन्ता का विषय है, क्योंकि छिटपुट गरज के साथ बादल बरसने के अलावा आने वाले दिनों में वहाँ वर्षा होने का पूर्वानुमान नहीं है.
यूएन एजेंसी ने कहा है कि दक्षिण-पूर्वी मध्य यूरोप से लेकर पश्चिमोत्तर काला सागर तक के बड़े क्षेत्र भी सूखे से ग्रस्त हैं.
वहीं अमेरिका में देश के अधिकतर पश्चिमी इलाक़े लगातार दूसरे या तीसरे साल सूखे की चपेट में है. इस वजह से गर्मी के मौसम में जल उपलब्धता की कमी की आशंका बढ़ रही है.
अमेरिका में सूखे की स्थिति की निगरानी करने वाले एक संगठन के अनुसार, देश के दो सबसे बड़े जलाशय, ऐरिज़ोना में लेक मीड और लेक पॉवेल, अब तक के अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच गए हैं.
दोनों जलाशय अपनी कुल क्षमता के 30 प्रतिशत से भी नीचे हैं.