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केवल 6% कर्मचारियों को हासिल हैं, सामाजिक सुरक्षा लाभ

कोविड-19 महामारी के कारण घरेलू कर्मचारियों के लिये स्थिति और भी कठिन हुई है.
ILO
कोविड-19 महामारी के कारण घरेलू कर्मचारियों के लिये स्थिति और भी कठिन हुई है.

केवल 6% कर्मचारियों को हासिल हैं, सामाजिक सुरक्षा लाभ

आर्थिक विकास

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि विश्व भर में केवल छह प्रतिशत घरेलू कर्मचारियों को ही, व्यापक तौर पर, चिकित्सा देखभाल, बेरोज़गारी भत्ता, मातृत्व अवकाश समेत अन्य सामाजिक संरक्षा लाभों तक पहुँच है.

यूएन एजेंसी ने 16 जून को 'घरेलू कर्मचारी दिवस' के अवसर पर समाज में उनके अहम योगदान को रेखांकित करते हुए ध्यान दिलाया है कि अक्सर घरेलू कर्मचारियों के मूल्य को कमतर आँका जाता है.  

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गुरूवार को जारी, Making the right to social security a reality for domestic workers: A global review of policy trends, statistics and extension strategies , नामक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू कर्मचारियों की कुल संख्या में से आधी आबादी को सामाजिक सुरक्षा लाभ बिलकुल भी उपलब्ध नहीं है.

शेष अन्य को क़ानूनी रूप से कम से कम एक लाभ प्राप्त होता है.

मगर, क़ानूनी दृष्टि से कवरेज होने के बावजूद, हर पाँच में से एक घरेलू कर्मचारी को ही वास्तव में उसका लाभ मिल पाता है, चूँकि अधिकांश को अनौपचारिक रूप से ही रोज़गार हासिल है.

कुल साढ़े सात करोड़ घरेलू कर्मचारियों में से अधिकांश को क़ानूनी कवरेज व सामाजिक सुरक्षा की सुलभता में अनेक अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है.

उन्हें अक्सर राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा क़ानून के दायरे से भी बाहर रखा जाता है.

एक अनुमान के अनुसार पाँच करोड़ 77 लाख (76.2 फ़ीसदी) घरेलू कर्मचारी महिलाएँ हैं, और सामाजिक संरक्षा उपायों की कमी की वजह से उनके लिये हालात चिन्ताजनक होते हैं.

चिन्ताजनक हालात

बताया गया है कि व्यापक सामाजिक संरक्षा लाभ पाने वाले घरेलू कर्मचारियों की संख्या कम ही है, फिर भी उनके वृद्धावस्था, विकलांगता भत्ते और चिकित्सा देखभाल के लाभ प्राप्त होने की सम्भावना होती है.

अधिकांश के पास बेरोज़गारी या फिर रोज़गार के दौरान चोटिल होने की स्थिति में सामाजिक बीमा योजनाएँ सुलभ नहीं होती हैं.

रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र बदलने से हालात भी बदल जाते हैं. योरोप और मध्य एशिया में क़रीब 57 फ़ीसदी घरेलू कर्मचारियों को हर प्रकार के लाभ के लिये क़ानूनी कवरेज उपलब्ध है.

अमेरिकी क्षेत्र में महज़ 10 फ़ीसदी से कुछ अधिक घरेलू कर्मचारियों को ये लाभ प्राप्त हैं. अरब देशों, एशिया व प्रशान्त और अफ़्रीका क्षेत्र में क़रीब किसी को भी पूर्ण रूप से कवरेज प्राप्त नहीं है.

जबकि इन्हीं क्षेत्रों में बड़ी संख्या में घरेलू कर्मचारियों को रोज़गार हासिल है.

वैश्विक महामारी का संकट

कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक संरक्षा कवरेज में पहले से व्याप्त कमियाँ और अधिक स्पष्ट हो गई हैं. वैश्विक महामारी के दौरान घरेलू कर्मचारियों सर्वाधिक प्रभावितों में से थे, और उनकी आजीविका के साधन समाप्त हो गए.

जिन लोगों के पास रोज़गार थे, उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम झेलना पड़ा और अक्सर उन्हें पर्याप्त मात्रा में निजी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध नहीं थी.

उपयुक्त स्वास्थ्य देखभाल व संरक्षा, बेरोज़गारी भत्ते जैसे उपाय उनकी पहुँच से दूर थे, जिसने उनके लिये परिस्थितियाँ और भी अधिक कठिन बना दीं.

रिपोर्ट के अनुसार घरेलू कर्मचारियों के लिये सामाजिक संरक्षा कवरेज सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है, मगर इससे निपटा जा सकता है.

रिपोर्ट में अनेक अनुशंसाएँ पेश की गई हैं, जिनमें कामकाजी परिस्थितियों को अन्य कर्मचारियों के अनुरूप बनाने, कवरेज के क़ानूनी प्रावधान को वास्तविक जीवन में साकार करने, इन लाभों के लिये पर्याप्त वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करने, निरीक्षण सेवाओं को बढ़ावा देने और उपायों के अनुपालन के लिये शिकायत करने व अपील प्रक्रिया की अहमियत पर बल दिया गया है.