वृद्धजन के साथ दुर्व्यवहार की बढ़ती समस्या से निपटने के लिये नए दिशा-निर्देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा है कि हर साल, 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह में से एक बुज़ुर्ग ने किसी न किसी रूप में दुर्व्यवहार का अनुभव किया है – और अनुमान है कि यह प्रचलन, अनेक देशों में बुज़ुर्ग आबादी में तेज़ वृद्धि के बीच, आगे भी जारी रहेगा.
संयक्त राष्ट्र एजेंसी और साझीदारों ने, “विश्व वृद्धजन दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस” के विषय पर इस मुद्दे को उजागर किया, जो हर साल 15 जून को मनाया जाता है, और पाँच प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए एक प्रकाशन भी जारी किया है.
1⃣ To stop abuse of older people ▶️ we must 'combat #ageism' Age-based stereotypes, prejudice & discrimination directed towards older people harms them. More info👉https://t.co/jjuGaH7G4E #WorldElderAbuseAwarenessDay pic.twitter.com/dGWh9hQBm2
WHO
बुज़ुर्गों के साथ बुरा व्यवहार मानवाधिकारों का उल्लंघन है. इनमें शारीरिक, यौन, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक शोषण शामिल हैं, साथ ही वित्तीय और भौतिक दुरुपयोग, परित्याग, उपेक्षा और गरिमा व सम्मान का गम्भीर हनन भी शामिल है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के सामाजिक निर्धारक विभाग के निदेशक एटीने क्रूग का कहना है, "वृद्ध लोगों के साथ दुर्व्यवहार एक अन्याय है, जिसके गम्भीर परिणाम हो सकते हैं, जिसमें समय से पहले मृत्यु, शारीरिक हानि, निराशा, संज्ञानात्मक (cognitive) क्षमता कम होना और निर्धनता शामिल हैं."
एक वृद्ध होता ग्रह
विश्व भर में उम्रदराज़ लोगों की संख्या जिस तरह बढ़ रही है, आने वाले दशकों में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या दोगुनी से अधिक हो जाएगी, जो 2015 में 90 करोड़ से बढ़कर 2050 में लगभग दो अरब हो जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि हिंसा के अन्य रूपों की तरह, COVID-19 महामारी के दौरान वृद्ध लोगों के साथ दुर्व्यवहार में बढ़ोतरी हुई है.
इसके अलावा, नर्सिंग होम और अन्य दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं में तीन में से दो कर्मचारियों ने पिछले एक साल में दुर्व्यवहार करने की बात स्वीकार की है.
एजेंसी ने कहा कि बढ़ते मुद्दों के बावजूद, बुज़र्गों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा, वैश्विक स्वास्थ्य एजेण्डे से काफ़ी हद तक अनुपस्थित है.
बुज़र्गों के प्रति अनुचित व्यवहार से निपटने पर बल
नए दिशा-निर्देशों ने बुज़ुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की समस्या से, संयुक्त राष्ट्र के ‘स्वस्थ बुढ़ापा दशक’ के अन्तर्गत निपटने का आहवान किया है, जो 2030 तक चलेगा, और टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ पिछले 10 वर्षों से जुड़ा हुआ है.
आयुवृद्धि के दौरान होने वाली कठिनाइयों से निपटना एक सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि यह एक प्रमुख कारण है कि वृद्ध लोगों के साथ किये जाने वाले बुरे बरताव पर कम ध्यान दिया जाता है, जबकि समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये अधिक और बेहतर आँकड़ों की आवश्यकता है.
सभी देशों को इस दुर्व्यवहार को रोकने के लिये किफ़ायती समाधान भी विकसित करने होगें, और साथ ही इस समस्या से निपटने के लिये निवेश की आवश्यकता को भी रेखांकित किया जाना चाहिये.
यह एक चुनौती है जिस पर पार पाने के लिये और अधिक धनराशि की आवश्यकता होगी.