अफ़ग़ानिस्तान: बदतर होती खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिये, मदद में तेज़ी

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने सोमवार को कहा है कि विश्व बैंक ने, अफ़ग़ानिस्तान में बेहद नाज़ुक हालात का सामना कर रही ग्रामीण आबादी को अति महत्वपूर्ण व जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराने के लिये सोमवार को, 15 करोड़ डॉलर की असाधारण रक़म जारी करने की घोषणा की है, और ये राशि, अति महत्वपूर्ण आजीविका व जीवनरक्षक सहायता के लिये, व्यापक साढ़े 19 करोड़ डॉलर के पैकेज का हिस्सा है.
अफ़ग़ानिस्तान में एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) के अनुसार, देश में लगभग एक करोड़ 97 लाख लोग, यानि कुल लगभग आधी आबादी, भुखमरी के गम्भीर स्तर का सामना कर रही है, जिसका अर्थ है कि वो हर दिन ख़ुद के लिये पर्याप्त भोजन का प्रबन्ध करने में असमर्थ हैं.
ये आकलन, खाद्य सुरक्षा और कृषि क्लस्टर के साझीदारों ने मई 2022 में जारी किया था जिनमें संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि सगंठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र की विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और अन्य अनेक ग़ैर-सरकारी संगठन शामिल हैं.
Afghanistan: @FAO and the @WorldBank step up their response to the worsening food security: $195 million emergency project aims to provide critical life-saving and livelihood assistance to smallholder farmers👉https://t.co/vlYnYC2WdJ pic.twitter.com/wRoFFzlVzn
FAOAsiaPacific
खाद्य व कृषि संगठन (FAO) के महानिदेशक क्यू डोंगयू ने कहा है, “हम इस उदार व समय सटीक योगदान के लिये विश्व बैंक और उसके सदस्यों के आभारी हैं.”
यूक्रेन में युद्ध के तिहरे असर हो रहे हैं जिनके कारण खाद्य सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है, उससे खाद्य पदार्थों की क़ीमतें रिकॉर्ड स्तर पर आसमान छू रही हैं, जिससे खाद्य उत्पादन लागत बढ़ रही है, विशेष रूप में उर्वरकों की; और अफ़ग़ानिस्तान को गेहूँ की आपूर्ति करने वाले देशों पर, खाद्य निर्यात को सीमित करने के लिये दबाव बढ़ रहा है ताकि देश के भीतर समुचित भण्डार क़ायम रहे.
इस नई अफ़ग़ानिस्तान आपदा खाद्य सुरक्षा परियोजना से, देश में लघु स्तर के किसानों के लिये खाद्य फ़सलों का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
ये राशि देश के लिये साढ़े 19 करोड़ डॉलर वाले एक वृहद सहायता पैकेज का हिस्सा है और शेष साढ़े चार करोड़ डॉलर की राशि अगले दो वर्षों के दौरान जारी की जाएगी.
यूएन खाद्य व कृषि एजेंसी के मुखिया क्यू डोंगयू ने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान में निर्धन किसानों के लिये, ये एक ऐतिहासिक क्षण है, और ये, व्यापक पैमाने पर अच्छे परिणाम देने, एक नज़दीक नज़र आती आपदा को टालने व कमज़ोर हालात वाले लोगों की ज़िन्दगियों में वास्तविक बदलाव लाने के हमारे सामूहिक प्रयासों में एक अहम पड़ाव का प्रतिनिधित्व करता है.”
इस धनराशि को सहायता में प्रयोग करने की पूरी ज़िम्मेदारी यूएन खाद्य व कृषि संगठन (FAO) के कन्धों पर रहेगी, जो मुख्य रूप से दो कारकों पर केन्द्रित होगी.
गेहूँ उत्पादन के सम्बन्ध में, नवम्बर – मार्च और नवम्बर 2023 के गेहूँ बुआई मौसम में, लगभग 21 लाख लोगों को सहायता मुहैया कराई जाएगी.
इस परियोजना के अन्तर्गत बच्चों, विकलांगजन और दीर्घकालीन बीमारियों से पीड़ित लोगों की पोषण ज़रूरतों, व महिलाओं की ज़िम्मेदारियों वाले घर-परिवारों को भी मदद मुहैया कराई जाएगी.
घरों के पिछले हिस्से में छोटे पैमाने पर वनस्पति उत्पादन के लिये भी बीच और उपकरण मुहैया कराए जाएंगे, साथ ही बेहतर पोषण और जलवायु अनुकूल उत्पादन आदतें विकसित करने के लिये, तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
इस सहायता से लगभग दस लाख लोगों को लाभ होगा, विशेष रूप में, ग्रामीण महिलाओं को: जिनमें से लगभग डेढ़ लाख महिलाएओं को, खेतीबाड़ी और पोषण के बेहतर तरीक़े अपनाने के लिये प्रशिक्षण भी मिलेगा.
इस परियोजना के अन्तर्गत, लाभार्थियों को स्थानीय बाज़ारों से भी जोड़ा जाएगा ताकि वो गेहूँ, सब्ज़ियाँ और दालों का अतिरिक्त भण्डार, बाज़ारों में बेच सकें.
सहनक्षमता मज़बूती
परियोजना के तहत, मिट्टी व जल संरक्षण में बेहतरी लाने के साथ-साथ सिंचाई के लिये जल की उपलब्धता भी बढ़ाई जाएगी.
ऐसी उम्मीद है कि इस परियोजना की मदद से, क़रीब 19 लाख लोग, कामकाजी गतिविधियों के लिये नक़दी मुहैया कराने से लाभान्वित होंगे, जिसमें सिंचाई ढाँचे की पुनर्बहाली और जलविभाजन (Watershed) प्रबन्धन भी शामिल हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में खाद्य सहायता के अतिरिक्त, खाद्य और कृषि संगठन की खाद्य सुरक्षा परियोजना, विश्व बैंक द्वारा स्वीकृत तीन परियोजनाओं का हिस्सा है जिनके लिये कुल 79 करोड़ 30 लाख डॉलर की राशि आबण्टित है.
इनके अन्तर्गत अफ़ग़ान लोगों को आजीविका और स्वास्थ्य की आवश्यक सेवाएँ मुहैया कराई जाएंगी.
विश्व बैंक, देश में FAO द्वारा चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रमों को भी समर्थन देता है जिन्हें एशियाई विकास बैंक और अन्य दानदाताओं से धन मिल रहा है.
ये सभी कार्यक्रम ऐसी गतिविधियों के ज़रिये तात्कालिक जीवनरक्षक और आजीविका रक्षण सहायता मुहैया कराई जाती है जिससे दीर्घकालीन पुनर्बहाली और सहनक्षमता बढ़ाने में बेहतरी हो सकती है.