ब्राज़ील: लापता पत्रकार और कार्यकर्ता की तलाश बढ़ाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को ब्राज़ील सरकार से, एक ब्रितानी पत्रकार और एक आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता को ढूंढने के लिये प्रयास तेज़ करने का आग्रह किया है, जो लगभग एक सप्ताह पहले, अमेज़ॉन के एक दूरदराज़ वाले ख़तरनाक इलाक़े में लापता हो गए थे.
ब्रिटेन के एक प्रख्यात समाचार-पत्र द गार्डियन के लिये नियमित रूप से लिखने वाले डॉम फ़िलिप्स और ब्राज़ील आदिवासी मामलों की एजेंसी के एक कर्मचारी ब्रूनो अराउजो परीरा, जवारी घाटी में गत रविवार को लापता हो गए थे.
🇧🇷#Brazil: Concerns about lack of information on missing journalist Dom Phillips & indigenous rights defender Bruno Araújo Pereira in Javari Valley.We urge Gov to redouble efforts to find them & protect rights defenders, environmentalists & journalists.https://t.co/bfXrxM6nRS pic.twitter.com/1WC04lU5vg
UNHumanRights
ये इलाक़ा पेरू और कोलम्बिया के निकट, अमेजॉन जंगलों में एक प्रमुख आदिवासी क्षेत्र है.
उन्हें अन्तिम बार गत रविवार को इताक़ुआई नदी में एक नाव में यात्रा करते हुए देखा गया था, और बताया गया है कि वो दोनों लोग, आदिवासी समुदायों के साथ इण्टरव्यू करने के लिये जा रहे थे.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि जवारी घाटी, ब्राज़ील में दूसरा सबसे बड़ा आदिवासी क्षेत्र है और ऐसा माना जाता है कि उस क्षेत्र में दुनिया की ऐसी सबसे बड़ी घानी आबादी रहती है जिससे कोई सम्पर्क नहीं हुआ है.
ये इलाक़ा अवैध तस्करी, खदान और मछली पकड़ने की ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियों से भी गम्भीर रूप से प्रभावित है, और वहाँ सशस्त्र गुटों की गतिविधियाँ भी बढ़ी हुई बताई गई हैं.
डॉम फ़िलिप्स और ब्रूनो परीरा ने इस क्षेत्र में, आदिवासी जन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके मानवाधिकारों की हिमायत करने में महत्वूपूर्ण भूमिका निभाई है, इनमें अवैध गतिविधियों की निगरानी करना और उनके बारे में रिपोर्ट करना शामिल हैं.
प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि यूएन मानवाधिकार कार्यालय, इन दोनों जन के पते-ठिकाने और उनकी सुरक्षा के बारे में किसी भी तरह की सूचना नहीं मिलने पर चिन्तित है.
उन्होंने कहा, “हम ब्राज़ील सरकार से, फ़िलिप्स और परीरा की तलाश करने के लिये प्रयास बढ़ाकर दोगुने करने का आग्रह करते हैं, क्योंकि उनके जीवन अधिकार और उनकी सुरक्षा को मौजूद वास्तविक व गम्भीर जोखिम को देखते हुए, समय का पहलू बहुत अहम है.”
“इसलिये ये बहुत अहम है कि संघीय और स्थानीय स्तरों पर अधिकारीगण बहुत तेज़ी से और गम्भीरता के साथ काम करें, जिनमें घटनास्थल पर दूरदराज़ के इलाक़ों में भी सघन और प्रभावशाली तलाश करने के लिये तमाम उपलब्ध और सम्भव संसाधन लगाए जाएँ.”
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने इन दोनों लोगों की तलाश करने में असाधारण प्रयास करने के लिये, सिविल सोसायटी समूहों की सराहना की है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने, ब्राज़ील में कार्यकर्ताओं, पर्यावरणवादियों, और पत्रकारों को निशाना बनाकर किये जाने वाली प्रताड़ना और लगातार हमलों के वृहद मुद्दे पर भी चिन्ता व्यक्त की है.
मानवाधिकार कार्यालय ने ज़ोर देकर ये भी कहा है कि इन सभी की सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित कराना सरकार की ज़िम्मेदारी है और ये सुनिश्चित करना भी कि ये सभी लोग अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें.