आतंकवादी गुट सत्ता शून्यता के दोहन में सक्रिय, यूएन प्रमुख की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को न्यूयॉर्क में कहा है कि वैसे तो आतंकवादी गतिविधियों के कारण होने वाली कुल मृत्यु संख्या में कमी आई है, मगर अभी ये ख़तरा पूरी तरह ख़त्म होने से बहुत दूर है, विशेष रूप से अफ़्रीका में.
यूएन महासचिव ने, वैश्विक आतंकवाद-निरोधक समन्वय कॉम्पैक्ट की ताज़ा बैठक को सम्बोधित करते हुए ये बात कही, जिसमें यूएन एजेंसियों, सदस्य देशों और अन्य साझीदारों ने शिरकत की.
यूएन प्रमुख ने भागीदारों से कहा कि अफ़्रीका में आतंकवाद का ख़तरा बढ़ रहा है.
Today, the 8th meeting of the @UN Global #CounterTerrorism Coordination Compact Committee held a strategic discussion on “Strengthening international and regional cooperation to address the increasing terrorist threat in Africa” with @antonioguterres#UNiteToCounterTerrorism pic.twitter.com/OUnjOJQjWf
UN_OCT
दुनिया में वर्ष 2021 के दौरान आतंकवादी गतिविधियों के कारण जितनी मौतें हुईं, उनमें से 48 प्रतिशत मौतें, उप सहारा अफ़्रीका क्षेत्र में थीं.
कमज़ोर परिस्थितियों का शोषण
यूएन प्रमुख ने कहा, “अल क़ायदा, दाएश जैसे समूह और उनके सहयोगी गुट, सहेल क्षेत्र में अपनी बढ़त जारी रखे हुए हैं और मध्य व दक्षिण अफ़्रीका में भी अपनी पहुँच बना रहे है. ये गुट सत्ता शून्यता, लम्बे समय से चल रहे अन्तर-जातीय संघर्षों, आन्तरिक कमज़ोरियों और देशों की कमज़ोर स्थितियों का दोहन कर रहे हैं.”
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), लीबिया, और सोमालिया जैसे संघर्ष प्रभावित देशों में, आतंकवाद ने हिंसक चक्र और ज़्यादा गहरे कर दिये हैं, जिससे अस्थिरता को ईंधन मिला है, शान्ति प्रयास कमज़ोर हुए हैं और विकास लक्ष्य पिछड़ गए हैं.
इस बीच, मोज़ाम्बीक़ व तंज़ानिया जैसे आमतौर पर शान्त देशों में भी अब आतंकवादियों ने, सामाजिक शिकायतों और सरकारों में विश्वास की कमी के हालात को, भुनाना और पैंतरेबाज़ी करना शुरू कर दिया है.
सुलह-सफ़ाई और पुनःएकीकरण
एंतोनियो गुटेरेश ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि चुनौतियों के बावजूद, प्रगति सम्भव है, और ये विश्वास मई 2022 में नाइजीरिया के उत्तरी प्रदेश बॉर्नो की यात्रा पर आधारित है.
ये क्षेत्र अतीत में बोको हराम जैसे अतिवादी गुट का गढ़ रहा है, मगर अब वहाँ सुलह-सफ़ाई और पुनःएकीकरण का रास्ता बन रहा है.
मानवाधिकारों को प्राथमिकता
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, आतंकवाद को उपजाऊ ज़मीन मुहैया कराने वाली परिस्थितियों के समाधान निकाले बिना, आतंकवाद का प्रभावशाली तरीक़े से मुक़ाबला नहीं कर सकता. इनमें कमज़ोर संस्थान, विषमताएँ, निर्धनता, भुखमरी, और अन्याय के हालात शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधक रणनीति में इस मुद्दे पर, एक सम्पूर्ण व एकीकृत रुख़ अपनाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, संरक्षा, लैंगिक समानता और सर्वजन के लिये उपलब्ध न्याय व्यवस्थाओं में संसाधन निवेश करने की पुकार लगाई गई है.

उन्होंने कहा, “इसका अर्थ है - इस तरह की वास्तविक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ और प्रक्रियाएँ बनाना जिनमें हर एक व्यक्ति को अपने समुदायों व देशों के भविष्य के बारे में अपनी आवाज़ शामिल करने का अवसर मिले – और उन्हें ये भरोसा भी हो कि उनकी आवाज़ सुनी जाएगी और उस पर अमल भी किया जाएगा.”
“इसका अर्थ है मानवाधिकारों और विधि के शासन को हमारे कामकाज की बुनियाद बनाना.”
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि आतंकवाद-निरोधक कॉम्पैक्ट, आतंकवाद निरोधक प्रयासों में देशों की मदद करता रहेगा, जिसमें तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, और ऐसे संस्थानों का निर्माण करना शामिल है जो लोगों पर ध्यान दें और मानवाधिकारों व विधि के शासन पर टिके हों.
ये कॉम्पैक्ट, संयुक्त राष्ट्र के तीन प्रमुख स्तम्भों – शान्ति और सुरक्षा, टिकाऊ विकास, और मानवाधिकार व मानवीय सहायता मामलों के दरम्यान सबसे बड़ा समन्वय फ़्रेमवर्क है.
ये कॉम्पैक्ट, जून 2017 में संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-निरोधक कार्यालय (UNOCT) की स्थापना के बाद तैयार किया गया.