दुनिया भर में निर्बाध खाद्य निर्यात जारी रहना ज़रूरी, FAO प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने, यूक्रेन युद्ध से जुड़ी वैश्विक खाद्य असुरक्षा पर बढ़ती चिन्ताओं के समाधान निकालने के अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत बुधवार को देशों से आग्रह किया है कि वो अन्य स्थानों पर आपूर्ति की क़िल्लत का सामना कर रही खाद्य सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबन्ध ना लगाएँ.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के महानिदेशक क्यू डोंगयू ने कहा है, “खाद्य असुरक्षा और उच्च क़ीमतें, अस्थिरता भड़काने के प्रमुख कारक बन सकते हैं.”
Pleased to have joined @luigidimaio & others in @ItalyMFA Mediterranean Dialogue on #FoodCrisis. The challenges we face now call on us to harness #AgInnovation, optimise water use, #StopFoodLossWaste & use available fertilizer wisely. @FAO is ready to support the region & beyond. https://t.co/BckwXA4xUy
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क्यू डोंगयू ने रोम में आयोजित हुए “भूमध्यसागरीय खाद्य संकट सम्वाद” को सम्बोधित करते हुए ज़ोर दिया कि हमें वैश्विक खाद्य व्यापार व्यवस्था खुली रखनी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि कृषि आधारित खाद्य सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबन्ध ना लगाए जाएँ या उनमें कटौतियाँ नहीं की जाएँ.
Med क्लब
खाद्य व कृषि संगठन के मुखिया ने कहा कि भूमध्यसागरीय क्षेत्र में 22 देश हैं जो तीन महाद्वीपों पर बसते हैं, उनमें से अनेक देश अपनी आबादी का पेट भरने के लिये, यूक्रेन से आयात होने अनाज पर निर्भर हैं.
क्षेत्र के ज़्यादातर देशों में, उनकी घरेलू ज़रूरतें पूरी करने के लिये, यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले के हालात में ही, खाद्य आयात में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी.
उन्होंने कहा कि आज के दौर में, वैश्विक मौजूदा स्थिति बहुत जटिल है. उनकी ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन में युद्ध के 100 दिन हो गए हैं जिसने लाखों टन गेहूँ, अन्य तरह के अनाज और वनस्पति तेल का निर्यात बन्द कर दिया है.
ध्यान रहे कि यूक्रेन पर रूसी हमला 24 फ़रवरी को शुरू हुआ था.
इस युद्ध के कारण, रूस पर अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबन्ध भी लगे हैं जिनके कारण रूस के भी कृषि उत्पादों और उर्वरकों का वितरण, बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है, जिन पर दुनिया भर में किसान निर्भर हैं.
एकजुटता है कुंजी
क्यू डोंगयू ने कहा कि इन चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिये, भूमध्यसागरीय क्षेत्र के देशों को, खाद्य सुरक्षा से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिये, एक साथ मिलकर काम करना होगा.
खाद्य व कृषि संगठन के शीर्ष अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि ऊर्जा व उर्वरकों के मूल्यों में वृद्धि से, दुनिया भर में अगली फ़सलों के लिये भी जोखिम उत्पन्न हो गया है.
क्यू डोंगयू के इस सन्देश को, इटली के विदेश मंत्री और जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री ने भी समर्थन दिया.
उन्होंने आगाह भी किया कि दुनिया, इस समय ऐसे गम्भीर खाद्य संकट का सामना कर रही है जो अनेक दशकों के दौरान नहीं देखा गया है.
आसमान छूती क़ीमतें
खाद्य और कृषि संगठन के खाद्य मूल्य सूचकांक के ताज़ा आँकड़े दिखाते हैं कि ये मूल्य मार्च में ऐतिहासिक ऊँचाई पर पहुँच गए और उसके बाद से महंगाई का उच्च स्तर ही रहा है.
इन हालात से, विकासशील देशों को अपनी आबादियों के पेट भरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.