हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में गहराया भूख संकट, कुपोषित बच्चों के जीवन पर गम्भीर जोखिम
संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत एजेंसियों ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर दुनिया ने यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया तो कार्रवाई के अभाव में वहाँ बाल मौतों की संख्या में भीषण वृद्धि होने की प्रबल आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने सोमालिया समेत वृहद हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र में आपात स्तर पर व्याप्त कुपोषण के प्रति गहरी चिन्ता जताई.
यूएन एजेंसी के अधिकारियों ने चिकित्सा सहायता की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर चल कर आने वाले उन अभिभावकों से मुलाक़ात की, जिन्हें अपने दुर्बल बच्चों को सड़क किनारे दफ़नाने के लिये मजबूर होना पड़ा.
News Release: Food insecurity and malnutrition are worsening across Somalia. The risk of famine is increasing amid a historic fourth failed rainy season. UN agencies are calling on the international community to act fast to avoid catastrophe: https://t.co/eIghGaunRF pic.twitter.com/ZHy8lMr1qX
FAOSomalia
पूर्वी अफ़्रीका क्षेत्र में लगातार चार वर्ष मौसम के दौरान बारिश ना होने की वजह से हालात बहुत गम्भीर हो गए हैं, और यह स्थिति कम से कम पिछले 40 वर्षों में नहीं देखी गई है.
मौजूदा संकट की वजह से केवल सोमालिया में तीन लाख 86 हज़ार बच्चों को गम्भीर कुपोषण के लिये तत्काल जीवनरक्षक उपचार की आवश्यकता है.
बद से बदतर परिस्थितियाँ
पूर्वी व दक्षिणी अफ़्रीका के लिये यूनीसेफ़ की उप निदेशक रानिया दागाश ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध के कारण हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में बच्चों के जीवन पर जोखिम बढ़ा है.
“मेरे विचार में यह रेखांकित करना ज़रूरी है, चूँकि केवल सोमालिया अपने गेहूँ का 92 फ़ीसदी हिस्सा, केवल रूस और यूक्रेन से आयात करता रहा है, लेकिन अब आपूर्ति मार्ग की नाकेबन्दी है.”
बारिश का मौसम बार-बार विफल होने और यूक्रेन में युद्ध का सीधा असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर हुआ है.
इन हालात में यूनीसेफ़ द्वारा कुपोषित बच्चों के उपचार के लिये मुहैया कराए जाने वाले भोजन की क़ीमत भी, अगले छह महीनों के भीतर 16 प्रतिशत तक बढ़ने की सम्भावना है.
इसके मद्देनज़र, यूनीसेफ़ के अनुसार केवल हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र के लिये अतिरिक्त एक करोड़ 20 लाख डॉलर की सहायता धनराशि की आवश्यकता होगी.
सहनक्षमता निर्माण पर ध्यान
संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मियों ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आपात सहायता प्रदान किये जाने के साथ-साथ, सहनक्षमता-निर्माण उपायों में भी संसाधन निवेश किये जाने की पुकार लगाई है.
उनका कहना है कि इससे लोगों की आजीविकाओं की रक्षा करने और भोजन, जल व स्वास्थ्य देखभाल की तलाश में उन्हें अपना घर छोड़कर जाने से रोक पाने में मदद मिलेगी.
यूनीसेफ़ अधिकारी ने नैरोबी से जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि गम्भीर कुपोषण का सामना कर रहे बच्चों की संख्या में पिछले पाँच महीनों में 15 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
इथियोपिया, केनया और सोमालिया में 17 लाख से अधिक बच्चों को तत्काल उपचार की आवश्यकता है.
‘Integrated Food Security Phase Classification’ के नवीनतम विश्लेषण के अनुसार सोमालिया में 71 लाख लोग, संकट या उससे बदतर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.
इनमें से 21 लाख लोग आपात स्तर की भूख की मार झेल रहे हैं, जोकि गम्भीर कुपोषण और बच्चों व वयस्कों में बढ़ती मौतों की वजह है. दो लाख से अधिक लोगों पर विनाशकारी स्तर पर खाद्य असुरक्षा व भूखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है.
मौसम सम्बन्धी नवीनतम अनुमानों से भी हालात में बेहतरी का भरोसा नहीं जागा है, चूँकि अक्टूबर से दिसम्बर महीनों के दौरान भी बारिश विफल रहने की आशंका जताई गई है.
इन हालात में फ़सलें बर्बाद होने, मवेशियों की मौतें होने और जल स्रोतों के सूखने की समस्या और अधिक गम्भीर हो जाएगी.
मवेशियों पर संकट
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, वर्ष 2021 के मध्य से अब तक, सूखे, बीमारी की वजह से क़रीब 30 लाख मवेशियों की मौत हो चुकी है.
मवेशियों पर सूखे के असर के कारण दूध व माँस उत्पादन में कमी आई है और कुपोषण गहरा हुआ है, विशेष रूप से बच्चों में.
यूनीसेफ़ का कहना है कि इस वर्ष फ़रवरी से मई तक, स्वच्छ व सुरक्षित जल की उपलब्धता के अभाव में जीवन गुज़ार रहे घर-परिवारों की संख्या 56 लाख से बढ़कर एक करोड़ से अधिक हो गई है.
यूएन व साझीदार संगठनों ने स्थानीय समुदायों की सहायता के लिये बेहद गहराई में जाकर कुएँ खोदे हैं, और कुछ मामलों में तो यह गहराई दो किलोमीटर तक है.
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का कहना है कि जीवनरक्षा और आजीविका के लिये ज़रूरी समर्थन अभी पूरी तरह हासिल नहीं किया जा सका है.
इस पृष्ठभूमि में, लाखों सोमाली नागरिकों पर भुखमरी व मौत का वास्तविक जोखिम मंडरा रहा है.