डायनासोर ‘फ़्रैंकी’ पहुँचा भारत: क़ुतुब मीनार और सफ़दरजंग के मक़बरे से जलवायु कार्रवाई की पुकार

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की ‘Don't Choose Extinction' नामक एक मुहिम के तहत, कम्प्यूटर-जनित डायनासोर फ़्रैंकी ने भारत में सर्वजन से हिन्दी में, विलुप्ति की राह ना चुनने व जलवायु कार्रवाई की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में सर्वजन से पृथ्वी की रक्षा के लिये वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनने का आहवान किया है.
विश्व पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है. इस सप्ताहान्त भारत की राजधानी, नई दिल्ली के निवासी तब अचरज में पड़ गए, जब देश की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों - क़ुतुब मीनार और सफ़दरजंग मक़बरे पर, अचानक एक असामान्य व दुर्लभ अतिथि का आगमन हुआ.
कल्पित डायनासोर 'फ़्रैंकी' ने इन विरासत स्थलों पर प्रकट होकर, भारत समेत पूरे विश्व को सन्देश दिया कि हमारे पास केवल एक ही पृथ्वी है – इसलिये विलुप्ति का मार्ग ना चुनें.
भारत में संयुक्त राष्ट्र के रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर, शॉम्बी शार्प ने कहा, "फ़्रैंकी, यह याद दिलाने के लिये अतीत से यात्रा करके यहाँ आया है कि अगर हम अभी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो जलवायु परिवर्तन का हमारे जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा."
इस सन्देश में एक कटु वास्तविकता छुपी है - धरती से डायनासोर जीव की विलुप्ति के लिये एक उल्का-पिण्ड कारण बना था, लेकिन मनुष्य तो स्वयं अपनी ग़लती से, जलवायु परिवर्तन के कारण अपने आप को विलुप्त होने के ख़तरे में डाल रहा है.
स्पष्ट है कि यह डायनासोर असली नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की 'Don't Choose Extinction' मुहिम का एक प्रतीक है.
यह डायनासोर आगाह करता है कि "समय आ गया है कि मनुष्य बहाने बनाना बन्द करें और जलवायु संकट को दूर करने के लिये बदलाव लाना शुरू करें."
यूएनडीपी इण्डिया, इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस पर इस अभियान को भारत लेकर आया है.
भारत में यूएन विकास कार्यक्रम की प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा, "जलवायु परिवर्तन अर्थव्यवस्था को बाधित करता है और लोगों, समुदायों व देशों के वर्तमान एवं उससे भी अधिक भविष्य को प्रभावित करता है."
हम "फ़्रैंकी को भारत लाकर लोगों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि अब जलवायु कार्रवाई का समय आ गया है! पृथ्वी ग्रह की रक्षा करने में हम सभी की भूमिका अहम है.”
सप्ताहान्त में आयोजित एक कार्यक्रम में, डायनासोर फ़्रैंकी की लघु फिल्म का हिन्दी संस्करण भी जारी किया गया.
हिन्दी में डायनासोर में आवाज़ मशहूर अभिनेता, यू ट्यूब कलाकार और डिजिटल सामग्री निर्माता, प्राजक्ता कोली ने दी है, जो यूएनडीपी की युवा जलवायु चैम्पियन भी हैं.
इससे पहले, अन्य भाषाओं के लिये, अनेक मशहूर वैश्विक हस्तियों ने विभिन्न भाषाओं में डायनासोर को आवाज़ दी है. इनमें अभिनेता ईज़ा गोंजालेज़ (स्पेनिश), निकोलस कोस्टर-वाल्डौ (डेनिश) और अइसा माएगा (फ्रेंच शामिल हैं.
जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग (IPCC) की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रबन्धन के लिये त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.
रिपोर्ट बताती है कि मानव गतिविधि से जलवायु परिवर्तन में वृद्धि हो रही है, जिससे महासागर, वायुमण्डल, बर्फ़ और जीवमण्डल, "व्यापक स्तर पर और तेज़ी" से प्रभावित हो रहे हैं.
यूएन रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प ने ध्यान दिलाया कि जहाँ फ़्रैंकी और उसके मित्रों के पास कोई विकल्प नहीं था, हमारे पास है.
"हमारा रहन-सहन, उपभोग व बर्बाद करने का का तरीक़ा, पृथ्वी के भविष्य पर प्रभाव डाल रहा है. हम सभी जलवायु चैम्पियन हो सकताे हैं और बदलाव लाने में सक्षम हो सकते है. आइये, विलुप्ति का मार्ग ना चुनें!"
लघु फ़िल्म में, 'फ़्रैंकी' डायनासोर, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के प्रतिष्ठित महासभा हॉल में अचानक प्रवेश करके, अचम्भित राजनयिकों और गणमान्य व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए चेतावनी देता है कि "समय आ गया है कि मनुष्य बहाने बनाना बन्द करें और जलवायु संकट को दूर करने के लिये बदलाव लाना शुरू करें."
यह माँसाहारी जीव 7 करोड़ वर्ष पहले डायनासोर की विलुप्ति के सम्बन्ध में आम धारणा का उल्लेख करते हुए चेतावनी देता है, "हमें ख़त्म करने वाला तो एक एस्टेरॉयड (उल्का पिण्ड) था. आपके पास क्या बहाना है?"