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यूक्रेन: क़रीब 100 दिनों से जारी युद्ध से बदहाल बच्चे, 52 लाख को सहायता की ज़रूरत

खारकीफ़ के एक भूमिगत कार पार्क में एक 9 वर्षीय बच्ची ने अपने परिजन के साथ शरण ली हुई है.
© UNICEF/Aleksey Filippov
खारकीफ़ के एक भूमिगत कार पार्क में एक 9 वर्षीय बच्ची ने अपने परिजन के साथ शरण ली हुई है.

यूक्रेन: क़रीब 100 दिनों से जारी युद्ध से बदहाल बच्चे, 52 लाख को सहायता की ज़रूरत

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा है कि यूक्रेन में पिछले लगभग 100 दिनों से जारी युद्ध के जिस गति से और जिस स्तर पर, बच्चों के लिये विनाशकारी दुष्परिणाम हुए हैं, वैसा दूसरे विश्व युद्ध के बाद से नहीं देखा गया है. यूएन एजेंसी के अनुसार यूक्रेन में 30 लाख बच्चों और शरणार्थियों की मेज़बानी कर रहे देशों में, 22 लाख से अधिक बच्चों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है.  

यूक्रेन पर 24 फ़रवरी को रूसी सैन्य बलों का आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक हमलों में कम से कम 262 बच्चे मारे गए हैं और 415 घायल हुए हैं.

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यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के मुताबिक़, हर दिन औसतन दो से अधिक बच्चों की जान जा रही है जबकि चार से अधिक घायल हो रहे हैं. इनकी मुख्य वजह रिहायशी इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों का इस्तेमाल किया जाना है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने ध्यान दिलाया है कि यूक्रेन में हिंसा के कारण हर तीन में से लगभग दो बच्चे विस्थापित हुए हैं.

यूएन एजेंसी कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने बताया कि 1 जून, यूक्रेन और पूरे क्षेत्र में बच्चों के संरक्षण के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस है.

मगर, यह दिवस 3 जून के नज़दीक ही है जब यूक्रेन में लाखों बच्चों के जीवन को बर्बाद कर देने वाले युद्ध के 100 दिन भी पूरे हो रहे हैं.

“तत्काल एक युद्धविराम लागू होने और बातचीत के ज़रिये शान्ति के बिना, बच्चे पीड़ा भोगते रहेंगे और युद्ध के नतीजों से दुनिया भर में निर्बल हालात में रह रहे बच्चों पर असर होगा.”

हिंसा व हमलों में उन बुनियादी नागरिक प्रतिष्ठानों को भी भारी क्षति पहुँच रही है, जिन पर बच्चे निर्भर हैं. अब तक कम से कम 256 स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों और देश के पूर्वी क्षेत्र में स्थित व यूनीसेफ़ द्वारा समर्थित हर छह में से एक ‘सुरक्षित स्कूल’ को नुक़सान हुआ है.

इसके अलावा, देश भर में सैकड़ों अन्य स्कूल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और पूर्वी व दक्षिणी यूक्रेन में गहन होती लड़ाई से बच्चों के लिये हालात बेहद कठिन होते जा रहे हैं.

बाल सुरक्षा पर संकट

यूनीसेफ़ ने आगाह किया है कि युद्ध की वजह से पिछले कुछ महीनों में बाल संरक्षण संकट भी पनपा है. बच्चों को परिवार से बिछुड़ जाने, दुर्व्यवहार, तस्करी, यौन शोषण जैसे जोखिमों के बीच हिंसा से जान बचाकर भागना पड़ रहा है.

अनेक बच्चों ने गहरा सदमा झेला है और उन्हें तत्काल सुरक्षा, स्थायित्व, बाल संरक्षण सेवाओं व मनो-सामाजिक समर्थन की आवश्यकता है, विशेष रूप से उनके लिये जो अपने परिजन के साथ नहीं हैं.

युद्ध और विशाल पैमाने पर विस्थापन के कारण आजीविका व आर्थिक अवसरों पर विनाशकारी असर हुआ है, जिससे अनेक परिवारों के पास अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने के लिये पर्याप्त आय नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने बच्चों को हानि से बचाने के लिये यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम लागू किये जाने, आबादी वाले इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों का इस्तेमाल बन्द किये जाने और नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमले रोके जाने की पुकार लगाई है.

संगठन ने कहा है कि ज़रूरतमन्द बच्चों तक सुरक्षित व त्वरित सहायता पहुँचाने के लिये जल्द से जल्द मानवीय राहत मार्गों को सुलभ बनाया जाना होगा.

यूएन एजेंसी ने अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर अब तक युद्ध-प्रभावित इलाक़ों में लगभग 21 लाख लोगों तक जीवनरक्षक स्वास्थ्य व चिकित्सा सामग्री वितरित की है.

क्रैमातोर्स्क रेलवे स्टेशन पर हमले में अपने पाँव गवाँ देने वाली एक 11 वर्षीय बच्ची लिविफ़ के अस्पताल में.
© UNICEF/Lviv Territorial Medical Union Hospital
क्रैमातोर्स्क रेलवे स्टेशन पर हमले में अपने पाँव गवाँ देने वाली एक 11 वर्षीय बच्ची लिविफ़ के अस्पताल में.

मानवीय राहत प्रयास

यूनीसेफ़ ने यूक्रेन में अपना मानवीय राहत अभियान जारी रखने के लिये 62 करोड़ 42 लाख डॉलर की अपील की है, जबकि शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले देशों में सहायता प्रयासों के लिये 32 करोड़ 47 लाख डॉलर की ज़रूरत होगी.

साथ ही, जल की क़िल्लत झेल रहे इलाक़ों में 21 लाख से अधिक लोगों के लिये सुरक्षित जल की सुलभता सुनिश्चित की गई है.

छह लाख से अधिक बच्चों और देखभाल प्रदान करने वाले लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक समर्थन प्रदान किया गया है.

इसके अलावा दो लाख 90 हज़ार बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिये सामग्री मुहैया कराई गई है और तीन लाख निर्बल परिवारों का नक़दी सहायता कार्यक्रम में पंजीकरण किया गया है.

शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले देशों में, यूनीसेफ़ ने राष्ट्रीय, नगर निकाय और स्थानीय व्यवस्था के ज़रिये बच्चों के लिये संरक्षण समेत अन्य अति-आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है.

यूनीसेफ़ और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने मोल्दोवा, रोमानिया, पोलैण्ड, इटली, बुलगारिया और स्लोवाकिया में मुख्य आवाजाही मार्गों पर 25 ‘blue dots’ केन्द्र स्थापित किये हैं.

इनके ज़रिये, सुरक्षित स्थान की तलाश में यात्रा कर रहे परिवारों को आवश्यक समर्थन व सेवाएँ मुहैया कराई जाती हैं.