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यूएन मानवाधिकार प्रमुख की चीन यात्रा, बेहतर सम्बन्धों के वादे के साथ सम्पन्न

यूए मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने, मई 2022 में अपनी चीन यात्रा के दौरान शिन्जियांग के उईगर स्वायत्त क्षेत्र का भी दौरा किया.
OHCHR
यूए मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने, मई 2022 में अपनी चीन यात्रा के दौरान शिन्जियांग के उईगर स्वायत्त क्षेत्र का भी दौरा किया.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख की चीन यात्रा, बेहतर सम्बन्धों के वादे के साथ सम्पन्न

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने चीन की अपनी आधिकारिक यात्रा के समापन पर, उनके कार्यालय और चीन सरकार के बीच मानवाधिकार मुद्दों पर सम्पर्क क़ायम करने के नए क्षेत्रों की घोषणा की है. उन्होंने छह दिन के इस यात्रा मिशन के दौरान उठाए गए विभिन्न मानवाधिकार मुद्दों के बारे में निष्कर्ष भी जारी किये हैं.

पिछले 17 वर्षों में किसी मानवाधिकार प्रमुख की ये पहली चीन यात्रा थी.

मिशेले बाशेलेट ने अपनी चीन यात्रा के समापन पर शनिवार को एक वर्चुअल प्रैस सम्मेलन में, सम्वाद के उन नए अवसरों के बारे में बताया जिन पर उनकी यात्रा के दौरान चीन सरकार के साथ विचार-विमर्श किया गया. उनमें एक वार्षिक वरिष्ठ रणनैतिक बैठक किया जाना और एक कार्यकारी समूह का गठन किया जाना शामिल है जिसकी बैठकें बेजिंग व जिनीवा में होने के साथ-साथ, ऑनलाइन भी होंगी.

उन्होंने बताया कि कार्यकारी समूह विशेष विषयात्मक क्षेत्रों पर चर्चा करेगा जिनमें विकास, निर्धनता उन्मूलन और मानवाधिकार, अल्पसंख्यकों के अधिकार, व्यवसाय व मानवाधिकार, आतंकवाद निरोधक कार्रवाई व मानवाधिकार, डिजिटल स्थान व मानवाधिकार, न्यायिक व क़ानूनी संरक्षण और मानवाधिकार शामिल हैं.

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ध्यान दिलाया कि उनके कार्यालय की चीन में कोई मौजूदगी नहीं है, कार्यकारी समूह, इस तरह के व अन्य मुद्दों पर ढाँचागत सम्पर्क क़ायम करने के लिये माहौल बनाएगा, और उनके मानवाधिकार कार्यालय की टीम द्वारा, विशिष्ट चिन्ता के मामले, चीन सरकार के ध्यान में लाने के लिये जगह बनाएगा.

एजेण्डा पर तिब्बत, शिनजियांग, और हांगकांग

मिशेल बाशेलेट ने अपने इस चीन यात्रा मिशन के दौरान, अनेक सरकारी अधिकारियों, सिविल सोसायटी संगठनों, शिक्षाविदों, और समुदायिक व धार्मिक नेताओं से मुलाक़ातें कीं. इसके इलावा उन्होंने अपनी ये यात्रा शुरू करने से पहले भी, शिनजियांग प्रान्त, तिब्बत, हांगकांग, और चीन के अन्य हिंस्सों से सम्बन्धित मुद्दों पर, अनेक संगठनों से वर्चुअल मुलाक़ातें कीं.

शिनजियांग ही, उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय का गृह प्रान्त है. 

मिशेल बाशेलेट ने आतंकवाद निरोधक उपाय और उग्रवाद निरोधक उपाय लागू किये जाने पर सवाल और चिन्ताएँ उठाए. साथ ही सरकार को तमाम आतंकवाद निरोधक व उग्रवाद निरोधक उपायों की समीक्षा करने के लिये प्रोत्साहित किया, ताकि वो अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों पर पूरी तरह खरे उतरें, और वो उपाय मनमाने ढंग से और भेदभावपूर्ण तरीक़े से नहीं लागू किये जाएँ.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट, मई 2022 में अपनी चीन यात्रा के दौरान, गुआंगझू मानवाधिकार संस्थान में बोलते हुए.
UN Photo
यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट, मई 2022 में अपनी चीन यात्रा के दौरान, गुआंगझू मानवाधिकार संस्थान में बोलते हुए.

मिशेल बाशेलेट ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र मुद्दे पर, तिब्बत वासियों की भाषाई, धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण, और तिब्बतियों के धार्मिक जीवन में उनकी पूर्ण और स्वतंत्र भागीदारी; और सम्वाद आयोजित करने की अनुमति दिये जाने की महत्ता दोहराई.

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने हांगकांग के सम्बन्ध में चीन सरकार से, क्षेत्र में मानवाधिकारों के संरक्षण व प्रोत्साहन में सिविल सोसायटी और शिक्षाविदों के योगदान में बाधा डालने के बजाय, उसे आसान बनाने और समर्थन देने के अवसर मुहैया कराने का आग्रह किया.

उन्होंने वकीलों, कार्यकर्ताओं, पत्रकगारों और अन्य लोगों की, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तारियों को गहन चिन्ताजनक क़रार दिया, और याद दिलाया कि हांगकांग की परिस्थितियों की समीक्षा, जुलाई में, यूएन मानवाधिकार कमेटी करने वाली है.

चीन की अति महत्वपूर्ण भूमिका

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने लोगों को निर्धनता से बाहर निकालने, और अत्यन्त निर्धनता के उन्मूलन में अपनी लक्षित समय सीमा से दस वर्ष पहले ही शानदार उपलब्धि हासिल करने के लिये चीन की प्रशंसा भी की.

उन्होंने कहा कि चीन ने स्वास्थ्य के अधिकार के संरक्षण और वृहद सामाजिक व आर्थिक अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करने में, एक लम्बा रास्ता तय किया है, इसमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल शुरू किये जाने और लगभग सार्वभौमिक प्रकृति की बेरोज़गारी बीमा योजना की बदौलत सम्भव हो सका है.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने क्षेत्रीय व बहुपक्षीय स्तर पर चीन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, और ध्यान दिलाया कि उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान जिस किसी से भी मुलाक़ात की, सरकारी अधिकारियों से लेकर सिविल सोसायटी, शिक्षाविदों, राजनयिकों और अन्य लोगों तकसे, उन सभी ने सर्वजन के लिये मानवाधिकारों के प्रोत्साहन व संरक्षण पर प्रगति के लिये गम्भीर इच्छा व्यक्त की.