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यूक्रेन: 'असुरक्षा, तनाव व घबराहट में', 35 लाख से अधिक लोग पहुँचे पोलैण्ड 

कुछ यूक्रेनी नागरिक सुरक्षा व शरण की तलाश में पोलैण्ड पहुँचने के बाद एक ट्रेन स्टेशन पर हैं.
© UNHCR/Maciej Moskwa
कुछ यूक्रेनी नागरिक सुरक्षा व शरण की तलाश में पोलैण्ड पहुँचने के बाद एक ट्रेन स्टेशन पर हैं.

यूक्रेन: 'असुरक्षा, तनाव व घबराहट में', 35 लाख से अधिक लोग पहुँचे पोलैण्ड 

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने शुक्रवार को बताया है कि 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, भीषण तनाव का सामना कर रहे, अब तक 35 लाख से अधिक लोग, सुरक्षा व शरण की तलाश में पोलैण्ड में प्रवेश कर चुके हैं.  यूएन एजेंसी मौजूदा हालात में, शरणार्थियों को राहत व ज़रूरी सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये अपने अभियान का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये निरन्तर प्रयासरत है.

यूएन शरणार्थी संगठन की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि, “यूक्रेन से बाहर निकलने वाले लोगों के लिये पोलैण्ड अब भी एक प्रमुख देश है.”

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मार्च के शुरुआती दिनों में हर दिन एक लाख से अधिक लोग पोलैण्ड पहुँच रहे थे, मगर उसके बाद से लोगों के प्रवाह में कमी आई है. इसके बावजूद, मई में भी हर दिन औसतन 20 हज़ार लोगों का आगमन हुआ है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, यूक्रेनी सीमा पर पारिवारिक वजहों से या रोज़गार पर वापिस लौटने समेत अन्य कारणों से, पहले से अधिक संख्या में लोगों की आवाजाही हो रही है.

लेकिन हिंसा व टकराव जारी है, जिसके मद्देनज़र, पोलैण्ड का मानना है कि आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में शरण की तलाश में लोगों का आना जारी रहेगा. 

प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो ने बताया कि हाल ही में आए शरणार्थी, लड़ाई से बुरी तरह प्रभावित इलाक़ों से हैं, जिन्होंने बमबारी से बचने के लिये कई सप्ताहों का समय, भूमिगत शिविरों व अन्य शरण स्थलों में गुज़ारा है.

“वे अपने परिजन को पीछे छोड़ने के बाद अक्सर तनाव, दबाव व बेचैनी में वहाँ पहुँचते हैं, कहीं जाने की किसी स्पष्ट योजना के बिना, बहुत कम आर्थिक संसाधनों के साथ, या फिर पहले जान बचाकर भाग चुके लोगों की तुलना में कम जुड़ाव के साथ.”

सेवाओं की दरकार

परिवहन, वित्त पोषण आवास व्यवस्था और सामाजिक सेवाओं की सुलभता, इनके साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएँ व मेडिकल ज़रूरतें, शरणार्थियों के लिये कुछ बड़ी चिन्ताएँ हैं.

यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने बताया कि पोलैण्ड ने यूक्रेनी शरणार्थियों के लिये क़ानूनी रूप से वहाँ रहना, रोज़गार सुलभता, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं को सुनिश्चित करने के इरादे से व्यवस्था की है.

पोलैण्ड में स्थानीय एजेंसियों ने अब तक 11 लाख से अधिक लोगों का पंजीकरण किया है, जिनमें से 94 प्रतिशत महिलाएँ व बच्चे हैं. 
उन्हें एक पहचान दस्तावेज़ (ID number) दिया गया है, जिससे उनके लिये सेवाएँ सुलभ होती हैं. 

शरणार्थी संगठन ने सरकार के नेतृत्व में प्रयासों को समर्थन देते हुए संरक्षण सेवाओं, नक़दी सहायता, आपात सामग्री की आपूर्ति व अन्य क्षमताओं में विस्तार करने में मदद की है. 

ओल्गा सर्राडो ने बताया कि यूएन एजेंसी ने नक़दी सहायता कार्यक्रम की शुरुआत मार्च में की थी, और अब तक, शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले मुख्य इलाक़ों में आठ नक़दी पंजीकरण केन्द्र स्थापित किये गए हैं. इनमें वॉरसा, क्राकाओ, पोज़नान, ग्डान्स्क समेत अन्य शहर हैं.

“यूक्रेन के एक लाख से अधिक शरणार्थियों को अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरा करने के लिये, UNHCR से वित्तीय समर्थन प्राप्त हो चुका है, जैसेकि घर का किराया, या दवाओं व भोजन की ख़रीदारी.”

सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों को तीन महीने की अवधि के लिये नक़दी मुहैया कराई जाती है, जोकि अन्तरिम तौर पर और सरकारी प्रणाली का हिस्सा बनने तक, उनके लिये आपात संरक्षा उपाय के रूप में काम करती है. 

यूक्रेन के चेर्निहाइफ़ के पास नोवोसेलिव्का गाँव में एक महिला, बमबारी से ध्वस्त अपने घर से बचा-खुचा सामान इकट्ठा करते हुए.
UNDP Ukraine/Oleksandr Ratushnia
यूक्रेन के चेर्निहाइफ़ के पास नोवोसेलिव्का गाँव में एक महिला, बमबारी से ध्वस्त अपने घर से बचा-खुचा सामान इकट्ठा करते हुए.

सुरक्षा का ऐहसास

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के साथ मिलकर, पोलैण्ड में 12 ‘ब्लू डॉट’ सुरक्षित स्थल स्थापित किये हैं, जहाँ शरणार्थी तात्कालिक रूप से मनोसामाजिक समर्थन और अधिकारों व उपलब्ध सेवाओं पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. 

विशिष्ट ज़रूरतों वाले लोगों के लिये महत्वपूर्ण संरक्षण सहायता भी प्रदान की जाती है, जिनमें विशेषीकृत सेवाओं तक भेजा जाना और क़ानूनी परामर्श शामिल है.

इस बीच, यूएन शरणार्थी एजेंसी ने यूक्रेन में मानवीय राहत आपूर्ति वितरित किये जाने का कार्य जारी रखा है, और इस क्रम में अब तक 139 ट्रक रवाना किये गए हैं. इनके ज़रिये विस्थापित और हिंसा प्रभावित इलाक़ों में रह रहे लोगों की सहायता की गई है. 

यूएन एजेंसी ने शरणार्थियों की सहायता व संरक्षण के लिये पोलैण्ड सरकार को समर्थन जारी रखने का संकल्प दोहराया है.

इस क्रम में, एक अन्तर-एजेंसी क्षेत्रीय शरणार्थी योजना विकसित की गई है, जिसमें पोलैण्ड के 87 साझीदार संगठनों को एक साथ लाया गया है.

पोलैण्ड की प्राथमिकता वाली ज़रूरतों को पूरा करने के लिये, 74 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि का लक्ष्य है, जोकि फ़िलहाल 25 फ़ीसदी ही पूरा हो पाया है.