वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

हमें प्रकृति के साथ शान्ति क़ायम करनी होगी - यूएन उप प्रमुख

उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने, इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ मुलाक़ात की.
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उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने, इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ मुलाक़ात की.

हमें प्रकृति के साथ शान्ति क़ायम करनी होगी - यूएन उप प्रमुख

जलवायु और पर्यावरण

एक काले बक्से में सौर ऊर्जा जनरेटर और जैविक भूमि में उगाया गया बैंगन, ऐसी ही कुछ अन्य विविध प्रकार की वस्तुओं को, इण्डोनेशिया में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताहांत संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना मोहम्मद के समक्ष प्रस्तुत किया. जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिये युवजन के ये प्रयास उनकी आकाँक्षाओं को मूर्त रूप प्रदान करते हैं.   

संयुक्त राष्ट्र उप प्रमुख आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक प्लैटफ़ॉर्म की बैठक में हिस्सा लेने के लिये इण्डोनेशिया पहुँची हैं. यह बैठक इस सप्ताह बाली में आयोजित हो रही है.

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उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियों पर नीति-निर्धारकों, मानव राहतकर्मियों और निजी सैक्टर के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा से पहले, इण्डोनेशिया के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित हुए युवा नेताओं से मुलाक़ात की.

युवजन ने यूएन की शीर्ष अधिकारी को अपने समुदायों में जलवायु-सम्बन्धी परियोजनाओं को लागू करने में पेश आने वाली चुनौतियों के सिलसिले में जानकारी दी.

ये परियोजनाएँ डिजिटल फ़ूड बैंक से लेकर, वायु प्रदूषण को मापने और कृषि के टिकाऊ तौर-तरीक़ों पर केन्द्रित पाठ्यक्रम, विविध विषयों व क्षेत्रों पर आधारित हैं.

उप महासचिव ने भरोसा दिलाया कि बाली में होने वाली बैठकों के दौरान, वह इण्डोनेशिया में युवजन की ऊर्जा, क्रोध, हताशा, आशावाद और उम्मीद को प्रतिनिधियों तक पहुँचाने का प्रयास करेंगी. 

बाली में बैठक

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक प्लैटफ़ॉर्म मुद्दे पर चर्चा के लिये, बाली को एक उपयुक्त स्थल बताया गया है.

यह एक ऐसे क्षेत्र (Pacific Rim of Fire) में स्थित है जहाँ टैक्टोनिक प्लेट्स, ज्वालामुखी फ़ॉल्ट लाइन के नज़दीक मिलती हैं. भूकम्प व ज्वालामुखी विस्फोट की दृष्टि से यह सम्वेदनशील क्षेत्र है.  

देश की राष्ट्रीय आपदा जोखिम एजेंसी के अनुसार, वर्ष 2021 में इण्डोनेशिया में तीन हज़ार से अधिक प्राकृतिक आपदा सम्बन्धी घटनाओं को दर्ज किया गया था.

इन घटनाओं में कम से कम 662 लोगों की मौत हुई और 83 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. 

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि का अगर यह रुझान जारी रहा, तो प्राकृतिक आपदाओं व चरम मौसम की घटनाएँ बढ़ने की आशंका है.

जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक की वृद्धि होने पर चरम मौसम की घटनाओं में नाटकीय ढँग से तेज़ी आएगी. 

इण्डोनेशिया में पिछले वर्ष कुल आपदाओं में क़रीब एक-तिहाई के लिये चरम मौसम घटनाएँ ज़िम्मेदार हैं.  

यूएन उप प्रमुख ने इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम के लिये सक्रिय संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.
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यूएन उप प्रमुख ने इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम के लिये सक्रिय संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.

मगर, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई, केवल एक राष्ट्रीय अनिवार्यता नहीं है. दिसम्बर 2021 में इण्डोनेशिया ने जी20 समूह की अध्यक्षता सम्भाली है, जिसके सदस्य कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 80 प्रतिशत के लिये ज़िम्मेदार हैं. 

इण्डोनेशिया, एक मज़बूत पैरोकार

यूएन की रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर वैलेरी जूलियाण्ड ने कहा कि विश्व का सबसे बड़े द्वीपीय समूह देश होने के कारण, इण्डोनेशिया विश्व मंच पर, कम विकसित देशों और लघु द्वीपीय देशों के हितों की पैरवी करने के लिये सही भूमिका निभा सकता है. 

उन्होंने कहा कि इसमें धनी देशों की उनके प्रतिवर्ष 100 अरब डॉलर की धनराशि के लिये संकल्प की जवाबदेही तय करना भी है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में निर्धन देशों की सहायता करना है.

पिछले वर्ष, यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) में राष्ट्रपति जोको विडोडो की उपस्थिति ने दर्शाया था कि इण्डोनेशिया इस मुद्दे को लेकर कितना गम्भीर है.

ब्राज़ील और काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बाद, इण्डोनेशिया में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, और देश ने वर्ष 2040 तक वनों की कटाई रोकने या फिर उसकी दिशा पलटने का संकल्प लिया है. 

इण्डोनेशिया ने ग्लासगो शहर में दो सप्ताह तक चले कॉप26 सम्मेलन के दौरान इस विषय में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. इसके अलावा, अन्य सदस्य देशों के साथ, इण्डोनेशिया ने चरणबद्ध ढँग से कोयले के इस्तेमाल में कमी लाने का वादा भी किया था.  

मौजूदा चुनौतियाँ

मगर, इण्डोनेशिया ने अपनी मौजूदा दस-वर्षीय राष्ट्रीय विकास योजना के तहत, आगामी कोयला उत्पादन परियोजनाओं का अन्त करने का संकल्प फ़िलहाल नहीं लिया है.

इन योजनाओं में वर्ष 2029 तक 13.8 गीगवॉट क्षमता की नई कोयला क्षमता भी है, जोकि पहले से ही निर्मित की जा रही 10 गीगावॉट से अलग है.

पर्यावरण संगठनों का कहना है कि ये परियोजनाएँ, इण्डोनेशिया के जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप नहीं हैं.  

विश्व का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होने के अलावा, इण्डोनेशिया में कोयला खनन में क़रीब साढ़े चार लाख लोगों को रोज़गार प्राप्त है, और लगभग 10 लाख लोग अन्य रूप से इससे जुड़े हुए हैं. 

इनमें से अधिकाँश आर्थिक रूप से पिछड़े हुए, कलीमन्तान और सुमात्रा क्षेत्रों से आते हैं. 

जकार्ता में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ एक चर्चा.
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जकार्ता में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ एक चर्चा.

कोयला आधारित ऊर्जा से स्वच्छ ऊर्जा की दिशा की ओर बढ़ने के लिये, इण्डोनेशिया को सहायता प्रदान करना, FIRE Dialogue नामक एक पहल का उद्देश्य है.

यह एक ऐसा अन्तरराष्ट्रीय प्लैटफ़ॉर्म है, जोकि यूएन प्रतिनिधियों, अनेक देशों के राजदूतों व राजनयिकों, और एशियाई विकास बैंक जैसे संगठनों को एक साथ जोड़ता है.

भविष्य के लिये आशावादिता

यूएन उप महासचिव ने FIRE Dialogue के साझीदारों के साथ एक बैठक के बाद, सोमवार को एक टाउन हॉल चर्चा के दौरान कहा, “यह मुश्किल होने जा रहा है, लेकिन मैं आशान्वित हूँ.”

उन्होंने कहा कि अगले पाँच वर्षों में इण्डोनेशिया को नवीकरणीय ऊर्जा, हरित अर्थव्यवस्था व 'ब्लू इकॉनॉमी' की ओर ले जाने के लिये समन्वित प्रयासों की ज़रूरत होगी.

यूएन उप प्रमुख के अनुसार, इस दिशा में युवजन को केन्द्रीय भूमिका निभानी होगी, और यह भी ध्यान रखा जाना होगा कि हरित अर्थव्यवस्था में जीवाश्म ईंधन सैक्टर की तीन गुणा अधिक रोज़गारों का सृजन किया जा सकता है. 

उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने आगाह किया कि मानव जगत ने प्रकृति के साथ लड़ाई को मोल लिया है. प्रकृति ने पलटवार किया है. और अब प्रकृति के साथ शान्ति स्थापित की जानी होगी.