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सीरिया: ज़रूरतमन्दों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या

अली, सीरिया के पूर्वी इलाक़े से, अपने परिवार के सा, 2011 में लेबनान में पहुँचा था. ये परिवार सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध से बचकर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में एक बस के ज़रिये लेबनान पहुँचे थे.
© Paddy Dowling
अली, सीरिया के पूर्वी इलाक़े से, अपने परिवार के सा, 2011 में लेबनान में पहुँचा था. ये परिवार सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध से बचकर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में एक बस के ज़रिये लेबनान पहुँचे थे.

सीरिया: ज़रूरतमन्दों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ मानवीय सहायता अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने शुक्रवार को, सुरक्षा परिषद में कहा है कि सीरिया में झुलसा देने वाली गर्मी जल्द शुरू होने वाली है, खाद्य पदार्थों की क़ीमतें बढ़ रही हैं और देश के अनेक इलाक़ों में पानी व बिजली की आपूर्ति सीमित है, ऐसे हालात में पिछले सप्ताह ब्रसेल्स में जिन दानदाताओं ने 4 अरब 30 करोड़ डॉलर की मदद के जो संकल्प व्यक्त किये थे, उन्हें पूरा किये जाने की सख़्त ज़रूरत है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख और आपदा राहत संयोजक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने अभी तक 6 अरब 70 करोड़ डॉलर की रक़म अदा करने के लिये दानदाताओं का शुक्रिया बी अदा किया. 
इस धनराशि में से 2 अरब 40 करोड़ की रक़म, वर्ष 2023 और उससे आगे के समय के लिये आबण्टित की गई है.

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हालाँकि उन्होंने यह भी ध्यान दिलाया कि वर्ष 2022 के लिये दान संकल्प अब भी साढ़े 10 करोड़ डॉलर की उस धनराशि की आधी संख्या से कम हैं, जो संयुक्त राष्ट्र को सहायता अभियान जारी रखने के लिये चाहिये.

उन्होंने कहा, “सीरिया के लिये यह अभी तक की सबसे विशाल सहायता अपील है, क्योंकि ज़रूरतमन्द लोगों की संख्या अभी तक की सबसे ज़्यादा हो गई है.”

भोजन, पानी, बिजली

यूएन राहत प्रमुख ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की हाल की एक चेतावनी का सन्दर्भ दिया जिसमें कहा गया था कि खाद्य मूल्यों में वैश्विक महंगाई और सहायता राशि के स्थिर स्तर के कारण, आगामी कुछ महीनों के दौरान उसके सहायता कार्यक्रमों में कटौती हो सकती है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम को पूरे सीरिया में ज़रूरतमन्द लोगों को मुहैया कराए जा रही खाद्य सामग्री की मासिक मात्रा कम करनी पड़ी है. 

संगठन की नवीनतम प्रैस विज्ञप्ति के अनुसार, अब देश के पूर्वोत्तर हिस्से में मासिक खाद्य सामग्री में 13 प्रतिशत की कटौती अपरिहार्य नज़र आ रही है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों को दैनिक आवश्यकता से, आधी मात्रा में खाद्य सामग्री मिल पाएगी.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने इस बीच सुरक्षा परिषद को आगाह किया कि फ़रात नदी में जल स्तर चिन्ताजनक स्तर पर नीचे चला गया है जिससे पीने के पानी की उपलब्धता और बिजली आपूर्ति दोनों के लिये जोखिम उत्पन्न हो गया है. इस नदी पर लगभग 55 लाख लोग निर्भर हैं.

उन्होंने कहा, “बिजली के बिना, सिंचाई पम्प काम नहीं कर सकते, अस्पताल और अन्य अहम सेवाओं को सहारा नहीं दिया जा सकता, और निवासियों को पीने का पानी ख़रीदने के लिये विवश होना पड़ेगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति और भी कम होगी.”

सीमा पार से सहायता

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सीरिया के भीतर से ही, ज़रूरतमन्द इलाक़ों तक संयुक्त राष्ट्र के सहायता आपूर्ति प्रयासों पर ताज़ा स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022 में इस तरह के चार क़ाफ़िले अपने गन्तव्य स्थानों तक पहुँचे हैं. 

चौथे क़ाफ़िले में, 16 मई को, देश के पूर्वोत्तर इलाक़े में स्थित 40 हज़ार लोगों तक सहायता पहुँचाई गई है.

सीरियाई अमेरिकी मैडिकल सोसायटी की एक डॉक्टर फ़रीदा अल मुस्लिम ने भी सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, अलेप्पो में काम करने का अपना अनुभव साझा किया. 

उन्होंने सुरक्षा परिषद से, सीमा पार से अति अहम सहायता कार्यक्रम को फिर से मंज़ूरी देने का आग्रह भी किया.

डॉक्टर फ़रीदा ने बताया कि उन्होंने ऐसे सैकड़ों अत्याचारों के मामले देखे हैं जो उनके दिमाग़ में ठहर गए हैं. उनमें एक ऐसी महिला भी थी जो एक बैरल बम हमले में अपने चार बच्चे गँवाने के बाद, फिर से गर्भधारण करने में मदद की गुहार लगा रही थी.

उस महिला का अस्पताल लगातार हवाई हमलों, क्लस्टर विस्फोटकों, बैरल बमों और बंकर विध्वंसकों के हमलों का शिकार हो रहा था, जिनमें से कुछ में क्लोरीन गैस भी थी.

फ़रीदा ने बताया कि देश भर में सीरियाई लोग तकलीफ़ें उठा रहे हैं, और उनकी मदद करना, हम में से हर एक की ज़िम्मेदारी है. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि और ज़्यादा अस्पतालों को बन्द होने से रोकने, अति महत्वपूर्ण पोषण सहायता मुहैया कराने और सीरिया की स्वास्थ्य व्यवस्था की क्षमता बढ़ाने की ख़ातिर, और ज़्यादा मानवीय सहायता धनराशि की आवश्यकता है.

उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि पूरे सीरिया में आत्महत्याओं, घरेलू और लिंग आधारित हिंसा व ड्रग्स दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र, पूरे देश में गुणवत्ता वाली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने के लिये और ज़्यादा संसाधनों की आवश्यकता है.