Skip to main content

वैश्विक प्रवासन कॉम्पैक्ट पर प्रगति की समीक्षा

सेनेगल का एक प्रवासी व्यक्ति, पनामा में दाख़िल होने के बाद.
© IOM/Gema Cortés
सेनेगल का एक प्रवासी व्यक्ति, पनामा में दाख़िल होने के बाद.

वैश्विक प्रवासन कॉम्पैक्ट पर प्रगति की समीक्षा

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि अलबत्ता बहुत से प्रवासियों ने कोविड-19 महामारी का सामना करने के प्रयासों में, अपनी ज़िन्दगियाँ जोखिम में डालकर भी, अग्रिम मोर्चों पर काम किया, मगर प्रवासियों को अक्सर बुनियादी सेवाओं की पहुँच से दूर रखा गया और पुनर्बहाली योजनाओं से भी अलग-थलग रखा गया.

यूएन महासचिव सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवासन पर ग्लोबल कॉम्पैक्ट को लागू करने में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिये गुरूवार को आयोजित एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. इस कॉम्पैक्ट को देशों ने 2018 में स्वीकृत किया था.

Tweet URL

यह प्रथम अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन समीक्षा फ़ोरम, प्रवासन और सीमा सम्बन्धी चिन्ताओं जैसे मुद्दों की पड़ताल भी करेगा जिनमें महामारी, संघर्ष, विकास वित्त और जलवायु आपदा शामिल हैं.

महामारी से सबक़

एंतोनियो गुटेरेश ने, प्रवासियों की ज़िन्दगियाँ बेहतर बनाने के प्रयासों की सिफ़ारिश करते हुए कहा कि मेज़बान देशों में प्रवासियों के घुलने-मिलने में मदद करने जैसे उपाय किये जा सकते हैं, मगर इस तरह के उपाय अक्सर बहुत अपवाद हैं और ये कोई सामान्य चलन नहीं है.

उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी ने दर्दनाक तरीक़े से दिखा दिया है कि हम अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन को, सभी के लिये अधिकार आधारित, बाल सम्वेदनशीलता, और लैंगिक अनुकूल गवर्नेंस से हम अब भी बहुत दूर हैं.”

इस समय दुनिया भर में अनुमानतः 28 करोड़ 10 लाख अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी हैं, जिन्हें यात्रा, कामकाज व रोज़गार और अन्य अवसरों या फिर संघर्ष, निर्धनता, प्राकृतिक आपदाओं या अन्य संकटों के कारण, अपने मूल स्थान और देश छोड़े हैं.

यूएन महासचिव ने कहा कि प्रवासन, जीवन का एक सत्य है, मगर अक्सर इसका कमज़ोर प्रबन्धन हुआ है, इसका कुशल समायोजन नहीं हुआ है, इसे सही तरीक़े से समझा नहीं गया है, और प्रवासन के बारे में भ्रान्तियाँ व नकारात्मक बातें फैलाई गई हैं.

प्रवासन को सुरक्षित बनाना

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “आज, दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत प्रवासी, देशों के बीच सुरक्षित और व्यवस्थित तरीक़े से अपना स्थान बदलते हैं. मगर अनियमित प्रवासन, जोकि क्रूर तस्करों द्वारा विवश किया जाता है – वो अब भी एक दर्दनाक और ख़तरनाक क़ीमत वसूल रहा है.”

उन्होंने सुरक्षित और व्यवस्थित प्रवासन के लिये मानवीय, नैतिक और क़ानूनी अनिवार्यताएँ पूरी करने की ज़रूरत रेखांकित करते हुए कहा कि हर वर्ष हज़ारों लोग, अवसरों, बेहतर गरिमा, और बेहतर जीवन शैली की तलाश में, अपनी जान गँवाते हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें, तस्करों के मज़बूत नैटवर्कों और ठिकानों को कमज़ोर करने और कमज़ोर हालात वाले प्रवासियों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने के लिये और ज़्यादा कार्रवाई करनी होगी, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिये.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि प्रवासीगण, समाज का एक हिस्सा हैं और उन्हें भी नवीनीकृत सामाजिक सम्विदा का हिस्सा बनाया जाना चाहिये, जैसाकि विश्वास निर्माण, भागीदारी बढ़ाने, और सामाजिक सौहार्द्र मज़बूत करने के लिये, “हमारे साझा एजेण्डा” के बारे में मेरी रिपोर्ट में कहा गया है.

देशों को समर्थन

यूएन महासचिव ने कहा कि ग्लोबल कॉम्पैक्ट संयुक्त राष्ट्र के मिशन के केन्द्रीय पहलू को सम्बोधित करता है. ये, एक वैश्विक अवधारणा के लिये, वैश्विक प्रतिक्रिया है जिसके लिये हमें और ज़्यादा बेहतर तरीक़े से तैयार रहना होगा.

उन्होंने रेखांकित किया कि प्रवासन पर यूएन नैटवर्क के ज़रिये, देशों को समर्थन दिया जाता है, जिसके तहत कॉम्पैक्ट को लागू करने के लिये, तकनीकी, वित्तीय और मानव संसाधन योगदान करने के लिये एक प्रणाली स्थापित की गई है.

चार दिन तक चलने वाला ये अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन समीक्षा फ़ोरम, मंगलवार को शुरू हुआ और शुक्रवार को सम्पन्न होगा.

भीषण मानवीय हानि

यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने अपनी टिप्पणी में, भीषण मानवीय हानि की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए, तत्काल कार्रवाई किये जाने की ज़रूरत को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2019 से 24 नवम्बर 2021 के दरम्यान, दुनिया भर में 8 हज़ार 436 प्रवासियों की मौतें दर्ज की गईं. उनके अलावा 5 हज़ार 534 प्रवासी गण लापता हैं या उन्हें मृत मान लिया गया है, जबकि ध्यान रहे कि ये संख्या रिपोर्ट किये गए मामलों की है, बहुत से ऐसे मामले भी होंगे जिनकी कोई जानकारी ही दर्ज नहीं की गई.

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, “हर एक संख्या के पीछे एक परिवार, एक समुदाय, एक जीवन है. वो भी वही चाहते हैं जो हम चाहते हैं. वो भी ऐसे ही सपने देखते हैं, जो हम देखते हैं – अवसर. गरिमा. एक बेहतर जीवन.”