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वैश्विक संकटों से निपटने के लिये, सम्वाद व सहयोग की दरकार

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएं) ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति ऐलेक्ज़ेण्डर वान डेर बैलेन के साथ बातचीत कर रहे हैं.
UNIS Vienna/Dean Calma
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएं) ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति ऐलेक्ज़ेण्डर वान डेर बैलेन के साथ बातचीत कर रहे हैं.

वैश्विक संकटों से निपटने के लिये, सम्वाद व सहयोग की दरकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सचेत किया है कि दुनिया विविध और आपस में गुंथे हुए वैश्विक संकटों का सामना कर रही है. यूएन प्रमुख ने बुधवार को अपनी ऑस्ट्रिया यात्रा के दौरान चांसलर कार्ल नेहाम्मर और विदेश मंत्री ऐलेक्ज़ेण्डर शैलेनबर्ग के साथ एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. 

यूएन प्रमुख ने बहुपक्षवाद के प्रति ऑस्ट्रिया के अटल संकल्प के प्रति गहरा आभार प्रकट करते हुए कहा कि वही समर्थन और प्रतिबद्धता, पहले से कहीं अधिक अहम है. 

उन्होंने कहा कि हिंसक संघर्षों, जलवायु संकट और कोविड-19 महामारी के इस दौर में, सम्वाद, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक समाधानों का कोई टिकाऊ विकल्प नहीं है.

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महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि हिंसक संघर्षों व टकरावों का फैलना चिन्ताजनक है. इसी कड़ी में, उन्होंने ओडेसा सहित अन्य शहरी केन्द्रों पर हमलों पर क्षोभ व्यक्त करते हुए, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को उसकी क्षेत्रीय अखण्डता और यूएन चार्टर का उल्लंघन क़रार दिया. 

“यूक्रेन, रूस और पूरी दुनिया में लोगों की भलाई के लिये इस लड़ाई का अन्त किया जाना होगा.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने एक ऐसी दुनिया की हिमायत की है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनों का सम्मान किया जाए, एक स्वस्थ ग्रह पर शान्तिपूर्ण भविष्य के साथ नागरिकों की रक्षा की जाए, मानवाधिकारों को बढ़ावा मिले और जहाँ नेतागण उन मूल्यों की रक्षा करें, जिन्हें बरक़रार रखने की प्रतिबद्धता जताई गई है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन के लिये समर्थन का दायरा बढ़ाने, ज़िन्दगियों की रक्षा करने, पीड़ा कम करने, और शान्ति मार्ग की तलाश करने के लिये प्रयासरत है.

“हम पूर्ण रूप से युद्धविराम, कारगर मानवीय राहत गलियारों, और आम नागरिक व जीवनदाई आपूर्ति के लिये सुरक्षित मार्गों के लिये अपने प्रयास जारी रखेंगे, ऐसे क़दम आगे बढ़ाते हुए, जो हम रैड क्रॉस अन्तरराष्ट्रीय समिति और पक्षों के साथ काम करते हुए, हम मारियुपोल में उठा पाने में सक्षम हुए हैं.”

मोल्दोवा की सहायता 

यूएन महासचिव ने हाल ही में अपनी मोल्दोवा की यात्रा सम्पन्न की है, जहाँ यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों के लिये शरण व व्यापक स्तर पर समर्थन सुनिश्चित किया गया है. 

मगर, मोल्दोवा फ़िलहाल कोविड-19, सुरक्षा, खाद्य व ऊर्जा की ऊँची क़ीमतों और व्यापार मार्गों में आए अवरोध जैसी चुनौतियों का सामना भी कर रहा है. 

“मैं अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से योरोपीय संघ, से अपील करता हूँ, और यहाँ होने का लाभ उठाते हुए, कि विशाल समर्थन मुहैया कराया जाए, जिसमें बजट समर्थन भी हो, ताकि मोल्दोवा की स्थिरता की रक्षा की जा सके और वो अपने महत्वाकांक्षी सुधार एजेण्डा की ओर बढ़ सके.”

“हमें शरणार्थियों की मानव तस्करी, लिंग-आधारित हिंसा और अन्य प्रकार के दुर्व्यवहारों से रक्षा करने के लिये एक साथ मिलकर काम करना होगा.” 

संकट का अफ़्रीका पर असर

यूएन प्रमुख ने, मोल्दोवा की यात्रा से पहले सेनेगल, निजेर और नाइजीरिया की यात्रा की थी, जिन्हें निर्बाध जलवायु आपात स्थिति, विषमतापूर्ण कोविड पुनर्बहाली, और भोजन, ऊर्जा व वित्त पोषण के तिहरे संकट से जूझना पड़ रहा है.

यूक्रेन में युद्ध के कारण ये चुनौतियाँ और भी गहरी हुई हैं.

यूएन प्रमुख ने यूक्रेन संकट की पृष्ठभूमि में विश्व के अनेक हिस्सों में भूख की मार के गम्भीर रूप धारण करने और नाटकीय ढंग से बढ़ती खाद्य असुरक्षा पर चिन्ता जताई.  

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन से भोजन, और रूस व बेलारूस से भोजन व उर्वरक का बाज़ारों में लौटना बेहद अहम है. 

महासचिव ने भरोसा दिलाया कि इस दिशा में सम्वाद के ज़रिये परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिये, अपनी ओर से प्रयास जारी रखेंगे.

ऑस्ट्रिया, एक उदार मेज़बान

यूएन प्रमुख ने बहुपक्षीय समाधानों की खोज करने में ऑस्ट्रिया द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका की सराहना की.

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया, पूर्व व पश्चिम के बीच पुल का निर्माण करने वाला एक देश है, और अनेक संयुक्त राष्ट्र  संगठनों की मेज़बानी करता है.

“मैं वियेना में कार्यरत अपने सहकर्मियों से हमेशा सुनता रहा हूँ कि यहाँ ऑस्ट्रियाई प्रशासन द्वारा सृजित परिस्थितियाँ इतनी अनुकूल हैं कि बहुत से लोग यहाँ सेवानिवृत्त होने और फिर यहीं बसे रहने का निर्णय लेते हैं.” 

उन्होंने कहा कि इस मेज़बान शहर और मेज़बान देश की शानदार आवभगत की यह एक सर्वोत्तम बानगी है. 

महासचिव ने अपनी समापन टिप्पणी मे कहा कि वो इस मज़बूत साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिये उत्सुक हैं.