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मोल्दोवा ने अपनी सीमाएँ, घर व दिल खोले हैं, यूएन प्रमुख

यूएन महासचिव ने मोल्दोवा की राजधानी चिज़िनाउ में स्थित एक शरणार्थी केंद्र का दौरा किया.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासचिव ने मोल्दोवा की राजधानी चिज़िनाउ में स्थित एक शरणार्थी केंद्र का दौरा किया.

मोल्दोवा ने अपनी सीमाएँ, घर व दिल खोले हैं, यूएन प्रमुख

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी मोल्दोवा यात्रा के दूसरे दिन आगाह करते हुए कहा है शरणार्थी शिविरों के अभाव में उपजे प्रवासन संकट की वजह से, क़रीब 95 प्रतिशत यूक्रेनी नागरिकों को मोल्दोवा के परिवारों के साथ रहना पड़ रहा है. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने मोल्दोवा की जनता की उदारता व सत्कार के लिये उनका आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने शरण की तलाश कर रहे "लोगों के लिये अपने घर व दिल खोले हैं." 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि मौजूदा हालात में सहायता का सर्वोत्तम उपाय, ज़रूरतमन्दों को नक़दी सहायता प्रदान करना है.    

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इस प्रकार का समर्थन, शरणार्थियों और उनकी मेज़बानी करने वाले परिवारों के लिये सुनिश्चित किया जाता है और यह यूएन शरणार्थी एजेंसी, यूनीसेफ़ और अन्य यूएन एजेंसियों के नक़दी सहायता कार्यक्रम का हिस्सा है. 

चेरनोबेएफ़का की लुबोफ़ फ़ेडोरोफ़न ने सहायता व समर्थन के लिये मोल्दोवा और संयुक्त राष्ट्र के प्रति आभार प्रकट किया है.

लुबोफ़ अपने गाँव में रॉकेट हमलों और उनकी ज़द में अपने बाग के आने का ध्यान करके भावुक हो जाती हैं. इन हालात में उन्हें अपना घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर होना पड़ा.   

मोल्डएक्सपो – शरणार्थी केन्द्र

यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र की एक महिला इरीना ,यूएन महासचिव के साथ अपनी व्यथा साझा करते हुए अपने आँसू नहीं रोक पाईं. 

“हमने लड़ाई शुरू होने के तुरन्त बाद घर छोड़ दिया – हम अपने बच्चों के लिये वास्तव में बहुत डर गए थे.”

“और, हमें कल मालूम हुआ कि जिस शॉपिंग सेंटर में हम हमेशा ख़रीदारी किया करते थे, वह पूरी तरह तबाह हो गया है.”

इरीना अपने बच्चों के साथ मोल्दोवा के सबसे बड़े शरणार्थी आगमन केन्द्र में अस्थाई रूप से रह रही हैं, जिसे MoldExpo नामक एक प्रदर्शनी केन्द्र पर स्थापित किया गया है.

युद्ध शुरू होने से अब तक, ऐसे केन्द्रों पर शरण की तलाश कर रहे क़रीब पाँच लाख लोग पहुँच चुके हैं. 

संकट जब अपने चरम पर था तो यूक्रेन में व्यापक पैमाने पर आबादी का विस्थापन हो रहा था, और चिज़िनाउ में स्थित इस परिसर में एक समय दस हज़ार से अधिक लोगों को बसाया गया था. 

उसके बाद से अनेक लोग अन्य देशों में पहुँच चुके हैं, मगर लगभग एक लाख लोग अब भी मोल्दोवा में रह रहे हैं. 

सहायता प्रयास

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, यूएन शरणार्थी एजेंसी, मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, यूएन जनसंख्या कोष, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने शरण की तलाश कर रहे लोगों को बुनियादी सेवाएँ मुहैया कराने में, मोल्दोवा सरकार को सहायता प्रदान की है. 

इस संकट की कई परते हैं और लोगों की अनेक प्रकार की ज़रूरतें. उन्हें अपना सिर छुपाने के लिये जगह व भोजन के अलावा, क़ानूनी व मनोसामाजिक समर्थन, मेडिकल सहायता की आवश्यकता है और बच्चों को शिक्षा मुहैया कराया जाना भी अहम है. 

महासचिव गुटेरेश ने महिला सशक्तिकरण के लिये प्रयासरत यूएन संस्था (UN Women) के साझीदार ग़ैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में कहा कि यह संकट इस मायने में अलग है कि अधिकांश शरणार्थी महिलाएँ व बच्चे हैं. 

“पुरुषों को यूक्रेन छोड़ कर जाने की अनुमति नहीं है, और महिलाएँ व बच्चे अकेले हैं और नाज़ुक हालात में हैं.”

“वे आसानी से लिंग-आधारित हिंसा या मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं.”

संयुक्त राष्ट्र, मोल्दोवा में क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर, यूक्रेनी नागरिकों की ऐसे अपराधों से रक्षा करने के लिये हरसम्भव प्रयास कर रहा है.

यूक्रेन से मोल्दोवा पहुँचने वाले लोग स्थानीय परिवारों के साथ रह रहे हैं.
UN Photo/Mark Garten
यूक्रेन से मोल्दोवा पहुँचने वाले लोग स्थानीय परिवारों के साथ रह रहे हैं.

सतर्कता ज़रूरी 

“La Strada” नामक एक संगठन की कार्यकारी निदेशक ऐलेना बोतेज़ातू ने यूएन न्यूज़ को बताया कि, “कल हमें एक शिकायत मिली. हमारे कर्मचारियों को तब सन्देह हुआ, जब उन्होंने देखा कि किस तरह एक पुरुष ने अपने साथ यात्रा करने वाली युवा महिला के साथ बर्ताव किया.”

“हमने तत्काल, मोल्दोवा पुलिस की विशेषीकृत, मानव तस्करी के विरुद्ध यूनिट को इसकी जानकारी दी.”

Women’s Law Center की प्रमुख मरियाना बुरुइयाना के मुताबिक़, ऐसे अपराधों के विरुद्ध मुख्य हथियार, जागरूकता है, और इसकी रोकथाम के लिये उनके कर्मचारी सीमा चौकियों पर और मेज़बान समुदायों में मौजूद हैं. 

मोल्दोवा के लिये समर्थन 

महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि यूक्रेन में युद्ध से मोल्दोवा की अर्थव्यवस्था पर भीषण दबाव पैदा हुआ है, और देश ना तो योरोपीय संघ का सदस्य है और ना ही उससे समर्थन की अपेक्षा कर सकता है. 

उन्होंने राष्ट्रपति माइया सैण्डू के साथ मुलाक़ात में भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र, मोल्दोवा का साथ नहीं छोड़ेगा. 

साथ ही, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से इस छोटे योरोपीय देश के लिये समर्थन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, जिसने अपनी आबादी की तुलना में विशाल संख्या में शरणार्थियों को स्वीकार किया है.