खाद्य असुरक्षा हालात चिन्ताजनक, बुनियादी कारणों से निपटने पर बल

एक पाँच वर्षीय बच्ची मैडागास्कर में दोपहर का भोजन कर रही है.
© WFP/Sitraka Niaina Raharinaiv
एक पाँच वर्षीय बच्ची मैडागास्कर में दोपहर का भोजन कर रही है.

खाद्य असुरक्षा हालात चिन्ताजनक, बुनियादी कारणों से निपटने पर बल

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र और साझीदारों की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अचानक खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों की संख्या में, चिन्ताजनक ढँग से वृद्धि जारी है और पीड़ितों तक तत्काल जीवनरक्षक खाद्य व आजीविका सहायता पहुँचाने के लिये तत्काल प्रयास किये जाने होंगे.

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विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के कार्यकारी निदेशक डेविड बीज़ली ने बताया कि हाल के समय में भूख की मार झेलने वाले लोगों की संख्या अभूतपूर्व स्तर पर है, और दुनिया में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

नई रिपोर्ट खाद्य संकटों के विरुद्ध वैश्विक नैटवर्क (Global Network Against Food Crises/GNAFC) द्वारा तैयार की गई है, जोकि संयुक्त राष्ट्र, योरोपीय संघ, सरकारी व ग़ैर-सरकारी एजेंसियों का अन्तरराष्ट्रीय गठबंधन है.

रिपोर्ट बताती है कि आपात हालात उत्पन्न होने के बाद जवाबी कार्रवाई के बजाय, इन संकटों की बुनियादी वजहों से तत्काल निपटा जाना अहम है.

रिपोर्ट में उन देशों व क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहाँ खाद्य संकट की गम्भीरता, स्थानीय संसाधनों व क्षमताओं से कहीं अधिक है.

अध्ययन के अनुसार, 52 देशों या क्षेत्रों में क़रीब 19 करोड़ लोगों को वर्ष 2021 में संकट या उससे बदतर स्तर पर अचानक खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा.

वर्ष 2020 की तुलना में यह पीड़ितों की संख्या में चार करोड़ की वृद्धि को दर्शाता है.

इनमें से, इथियोपिया, दक्षिणी मैडागास्कर, दक्षिण सूडान और यमन में रह रहे पाँच लाख 70 हज़ार लोगों को सबसे गम्भीर श्रेणी में रखा गया है, जोकि विनाशकारी हालात का सामना करने के लिये मजबूर हैं.

विश्लेषकों का कहना है कि आजीविकाएँ ध्वस्त होने से बचाने और भुखमरी व मौतों को टालने के लिये तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.

बुनियादी कारण

हिंसक संघर्ष व टकराव, पर्यावरणीय व जलवायु संकट से लेकर, आर्थिक व स्वास्थ्य संकट, और पहले से व्याप्त निर्धनता व विषमता, ये इन संकटों की बुनियादी वजहें बताई गई हैं.

ये चिन्ताजनक रुझान अक्सर एक दूसरे को हवा देते हुए हैं, जिससे स्थिति गम्भीर होती चली जाती है.

रिपोर्ट के अनुसार, चरम मौसम की घटनाओं के कारण आठ देशों या क्षेत्रों में, दो करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों के लिये हालात विकट हुए हैं.

जबकि आर्थिक झटकों की वजह से 21 देशों या क्षेत्रों में तीन करोड़ से अधिक लोगों पर असर हुआ है. वर्ष 2020 में कोविड-19 के दौरान, इस वजह से 17 देशों/क्षेत्रों में चार करोड़ से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए थे.

निजेर में एक माँ अपने बच्चे के साथ, पोषण जागरूकता सत्र में हिस्सा ले रही है.
© WFP/Evelyn Fey
निजेर में एक माँ अपने बच्चे के साथ, पोषण जागरूकता सत्र में हिस्सा ले रही है.

हिंसक संघर्ष

रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक संघर्ष व टकराव खाद्य असुरक्षा के बड़े कारणों में है, जिसकी वजह से 24 देशों/क्षेत्रों में 13 करोड़ 90 लाख लोग पिछले कुछ समय में खाद्य असुरक्षा का शिकार हुए हैं.

वर्ष 2020 में 23 देशों/क्षेत्रों में यह संख्या 9 करोड़ 90 लाख थी.  

डेविड बीज़ली ने कहा कि हिंसक टकराव, जलवायु संकट, कोविड-19, और खाद्य वस्तुओं व ईंधन की बढ़ती क़ीमतों के कारण इस संकट के लिये आदर्श परिस्थितियाँ बन रही हैं.

अनेक देशों में मौजूदा हालात, लाखों लोगों को भुखमरी के कगार पर धकेल रहे हैं, जिसके मद्देनज़र जल्द से जल्द उन्हें राहत प्रदान करने के लिये सहायता धनराशि का प्रबन्ध किया जाना होगा.