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पूर्वोत्तर नाइजीरिया में विशाल चुनौतियाँ, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की दरकार

पूर्वोत्तर नाइजीरिया में लाखों लोग विस्थापन के लिये मजबूर हुए हैं.
UNOCHA/Damilola Onafuwa
पूर्वोत्तर नाइजीरिया में लाखों लोग विस्थापन के लिये मजबूर हुए हैं.

पूर्वोत्तर नाइजीरिया में विशाल चुनौतियाँ, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की दरकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सचेत किया है कि पूर्वोतर नाइजीरिया के बोर्नो प्रान्त को, आतंकवाद, विस्थापन, असुरक्षा समेत विशाल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे निपटने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अपना समर्थन सुनिश्चित करना होगा.

यूएन प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से बोर्नो प्रान्त की राजधानी माइडुगुरी में संचालित एक पुनर्एकीकरण केंद्र का दौरा करने के बाद यह बात कही है. इस केंद्र पर उन बच्चों को समर्थन प्रदान किया जाता है जो कभी सशस्त्र गुटों का हिस्सा रहे हैं.

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बोर्नो को नाइजीरिया और वृहद सहेल क्षेत्र में हिंसक चरमपंथ और आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखा जाता है.

अतीत के 12 वर्षों में आतंकी गुट बोको हराम समेत हथियारबन्द संगठनों के कारण पनपी असुरक्षा की वजह से स्थानीय आबादी की आजीविकाओं पर असर पड़ा है और क़रीब 22 लाख लोगों का विस्थापन हुआ है.

महासचिव गुटेरेश ने बुलुमकुटु अन्तरिम देखभाल केंद्र का जायज़ा लिया, जिसे जून 2016 में शुरू किया गया था.

इस केंद्र पर सात हज़ार से अधिक लोगों के लिये आश्रय, संरक्षण और अन्य जीवनदायी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जिनमें चार हज़ार से अधिक बच्चे (2,756 लड़के, 1,262 लड़कियाँ) हैं.

इसका उद्देश्य, इन सभी की उनके समुदायों में फिर से एकीकरण को सुनिश्चित करना है.

संकट में बचपन

यहाँ रह रहे बहुत से बच्चों को या तो जबरन आतंकी गुटों में शामिल किया गया, या फिर कोई अन्य विकल्प या अवसर के अभाव में वे हथियार उठाने के लिये मजबूर हुए.  

हिंसक कृत्यों में शामिल होने के सन्देह में कुछ बच्चों को पहले हिरासत केंद्रों में ले जाया गया था, जहाँ से उन्हें फिर रिहा कर दिया गया.

बुलुमकुटु में उन्हें अपने जीवन की नए सिरे से शुरुआत करने का एक अवसर मुहैया कराया जा रहा है.

स्थानीय धार्मिक नेता इमाम मल्लम अब्बा बिलाल गोनी ने बताया कि, “हमने पुनर्एकीकरण प्रक्रिया के तहत एक पश्चाताप एवं पुरस्कार कार्यक्रम स्थापित किया है. हम शिक्षा व रोज़गार प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, ताकि इन युवजन को एक भविष्य मिल सके.”

यूएन प्रमुख ने बच्चों के एक समूह से मुलाक़ात के बाद कहा, “मैं इस केंद्र पर आज यह देखकर हैरान हूँ कि जो कभी आतंकवादी रहे हैं, वे एकीकृत होना चाहते हैं और समाज में अपना योगदान देना चाहते हैं.”

“यहाँ जिस नीति को लागू किया गया है, वो पुनर्एकीकरण और आपसी मेल-मिलाप की नीति है.”

यूएन महासचिव ने बोर्नो प्रान्त के बुलुमकुटु अन्तरिम देखभाल केंद्र में बच्चों से मुलाक़ात की.
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासचिव ने बोर्नो प्रान्त के बुलुमकुटु अन्तरिम देखभाल केंद्र में बच्चों से मुलाक़ात की.

आपस में जुड़े हुए संकट

आतंकवाद, हिंसा और असुरक्षा से ना सिर्फ़ नाइजीरिया के समुदाय, बल्कि अनेक पड़ोसी देश भी पीड़ित हैं, जोकि आपस में गुंथे हुए जटिल संकटों का एक लक्षण है.

कम मात्रा में वर्षा होने समेत जलवायु परिस्थितियाँ बदल रही हैं, जिससे सीमित संसाधनों के लिये प्रतिस्पर्धा और टकराव बढ़ रहा है.

वनों की कटाई और ज़रूरत से ज़्यादा चराये जाने के कारण चारागाहों का आकार घट रहा है, जिस पर मुख्यत: सहेल क्षेत्र के ख़ानाबदोश समुदाय निर्भर थे.

इन परिस्थितियों में बहुत से लोगों को अन्य इलाक़ों का रुख़ करना पड़ा है और पहले से दबाव झेल रही बुनियादी सेवाओं, जैसेकि शिक्षा व स्वास्थ्य पर भार बढ़ा है.

हज़ारों स्कूलों को मजबूरन बन्द किया गया है, जिसका एक बड़ा कारण असुरक्षा है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पूर्वोत्तर नाइजीरिया में व्यापक स्तर पर मानवीय ज़रूरतें उभरी हैं, जिन्हें कोविड-19 महामारी और बिगड़ते खाद्य सुरक्षा हालात ने और अधिक गम्भीर बनाया है. स्थानीय किसानों के लिये अपनी फ़सल को उगाना और बेच पाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

विशाल मानवीय आवश्यकताएँ

एक अनुमान के अनुसार, 84 लाख लोगों को मानवीय राहत और संरक्षण सहायता की आवश्यकता है, जिनमें से 32 लाख लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है.

नाइजीरिया के लिये मानवीय राहत जवाबी कार्रवाई योजना के तहत, पूर्वोत्तर में स्थित आबादी की मदद के लिये एक अरब 10 करोड़ डॉलर की अपील की गई है.

पूर्वोत्तर नाइजीरिया में 32 लाख लोगों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं है.
UNOCHA/Damilola Onafuwa
पूर्वोत्तर नाइजीरिया में 32 लाख लोगों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं है.

मगर, इस रक़म के केवल 8.7 प्रतिशत हिस्से का ही प्रबन्ध हो पाया है. मानवीय राहत अभियानों की क़ीमत हाल के दिनों में बढ़ी है, जिसकी एक वजह यूक्रेन में युद्ध बताई गई है.

डीज़ल के दामन में संकट से पहले की तुलना में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि उर्वरक की क़ीमत लगभग 49 प्रतिशत तक बढ़ी है.

यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा है कि यह समझा जाना बेहद ज़रूरी है कि इस तरह के हालात में केवल मानवीय सहायता उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं है.

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आशा से परिपूर्ण बोर्नो में निवेश करने, बोर्नो सरकार की परियोजनाओं को समर्थन देने और वास्तविक विकास के लिये परिस्थितियाँ सृजित करने का आग्रह किया है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को ना सिर्फ़ उम्मीद भरे प्रान्त के लिये समर्थन देना होगा, बल्कि वास्तविकता के लिये भी, जहाँ आतंकवाद की कोई जगह ना हो.