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लड़कियों के लिये, टैक्नॉलॉजी की सुलभता सुनिश्चित किये जाने पर बल

उज़बेकिस्तान में युवा महिलाएँ, स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये तकनीक का सहारा ले रही हैं.
Rimma Mukhtarova and Sabina Baki
उज़बेकिस्तान में युवा महिलाएँ, स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये तकनीक का सहारा ले रही हैं.

लड़कियों के लिये, टैक्नॉलॉजी की सुलभता सुनिश्चित किये जाने पर बल

महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने ‘सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी में लड़कियों के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर डिजिटल सीखने-सिखाने के अवसरों की समान सुलभता सुनिश्चित किये जाने का आहवान किया है.

यूएन एजेंसियों का कहना है कि पहले से कहीं अधिक संख्या में युवतियाँ व लड़कियाँ, डिजिटल जगत में सुलभता व सुरक्षा की अहमयित को रेखांकित कर रही हैं. 

यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस, हर वर्ष अप्रैल महीने के अन्तिम सप्ताह में मनाया जाता है, और इस साल सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी में ‘सुरक्षा व सुलभता’ पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के मुताबिक़, इस वर्ष की थीम एक सक्रिय डिजिटल जीवन से युवजन और लड़कियों के सुरक्षापूर्वक लाभान्वित होने में विश्व के साझा हित को परिलक्षित करती है.

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यूएन एजेंसी ने लड़कियों व महिलाओं के लिये डिजिटल सीखने-सिखाने के अवसरों की समान सुलभता सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है, विशेष रूप से कम विकसित देशों में.

दुनिया भर में केवल 30 प्रतिशत ही प्रौद्योगिकी विज्ञान और टैक्नॉलॉजी पेशेवर महिलाएँ हैं.

यूएन एजेंसी ITU के नवीनतम आँकड़े दर्शाते हैं कि विश्व में 57 फ़ीसदी महिलाएँ ही इण्टरनेट का इस्तेमाल करती हैं, जबकि पुरुषों के लिये यह आँकड़ा 62 प्रतिशत है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर महिलाएँ इण्टरनेट तक पहुँच बनाने में असमर्थ हैं, या ऑनलाइन माध्यमों पर सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं, तो उनके आवश्यक डिजिटल कौशल हासिल करने में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं.

साथ ही, उनके लिये विज्ञान, टैक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (Science, Technology, Engineering, Mathematics/STEM) सम्बन्धी क्षेत्रों में करियर बनाने की सम्भावनाओं पर असर होता है.  

ITU के महासचिव हाउलिन झाओ ने बताया कि यह दिवस, युवा महिलाओं और लड़कियों की अगली पीढ़ी को STEM विषयों में करियर बनाने के लिये तैयार करने के लिये कार्रवाई की पुकार है.

इस क्रम में, उन्होंने देशों, व्यवसायों, विश्वविद्यालयों और अन्य पक्षकारों से युवा महिलाओं व लड़कियों को पूर्ण रूप से समर्थन देने का आहवान किया है, ताकि वे अपनी आकाँक्षाओं को साकार कर सकें. 

STEM विषयों में सुलभता अहम

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये प्रयासरत यूएन संस्था (UN Women) ने भी इस अवसर पर लड़कियों के लिये, डिजिटल टैक्नॉलॉजी की सुरक्षित व अर्थपूर्ण सुलभता सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया है.

संगठन ने ध्यान दिलाया है कि कोविड-19 और विविध संकटों से गुज़र रहे अनेक देशों में लड़कियों की STEM विषयों तक पहुँच बनाना पहले से कहीं अधिक ज़रूरी है.

टैक्नॉलॉजी, अति-आवश्यक सेवाओं व जानकारी को पाने, स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई व बातचीत करने, अपने मित्रों के साथ सम्पर्क बनाये रखने, निजी स्वायत्ता व भविष्य के लिये महत्वपूर्ण है.

यूएन वीमैन और अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि लड़कियाँ डिजिटल टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल, लड़कों की तुलना में उम्र के कुछ साल बाद करती हैं. अक्सर, टैक्नॉलॉजी के उनके इस्तेमाल को अभिभावकों द्वारा सीमित कर दिया जाता है.

इसके अलावा, युवा महिलाओं व लड़कियों को ऑनलाइन और सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी से पनपने वाली हिंसा और उत्पीड़न भी विषमतापूर्ण ढँग से अधिक झेलना पड़ता है. 

इससे उनके शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक कल्याण पर असर पड़ता है, और जीवन में डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल व सुलभता भी प्रभावित हो सकती है.

समानतापूर्ण भविष्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सचेत किया है कि हर लड़की को टैक्नॉलॉजी से जुड़ने, सुरक्षित रहने और एक अधिक समान, हरित व टैक्नॉलॉजी आधारित भविष्य में भूमिका निभाने का अधिका है. 

साथ ही, उन्होंने डिजिटल सहयोग बढ़ाने व उसे बेहतर बनाने के लिये एक वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट की अपील की है. 
‘Generation Equality Action Coalition for Technology and Innovation for Gender Equality’ पहल के ज़रिये देशों की सरकारों, टैक्नॉलॉजी कम्पनियों, यूएन प्रणाली, नागरिक समाज संगठनों और युवजन को एक साथ लाया गया है. 

इसका उद्देश्य, पहले से अधिक समानतापूर्ण व विविधतापूर्ण डिजिटल रूपान्तरकारी बदलावों को साकार करना है, जिसके तहत लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम व उन्मूलन भी है.