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बेहतर भविष्य के विचारों पर वीडियो प्रतियोगिता के युवा विजेता

अफ़ग़ानिस्तान में एक लड़की, अपना बनाया हुआ एक रोबोट, राजधानी काबुल में एक प्रदर्शनी के दौरान दिखाते हुए.
© UNICEF/Omid Fazel
अफ़ग़ानिस्तान में एक लड़की, अपना बनाया हुआ एक रोबोट, राजधानी काबुल में एक प्रदर्शनी के दौरान दिखाते हुए.

बेहतर भविष्य के विचारों पर वीडियो प्रतियोगिता के युवा विजेता

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र के पेटेण्ट विशेषज्ञों ने, मंगलवार को विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस मनाते हुए, इस वर्ष की युवा वीडियो प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की है.

इस प्रतियोगिता में 63 देशों से 142 आवेदन प्राप्त हुए और तीन विजेता सीरिया, घाना व चीन से हैं.

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO) के इन विजेताओं ने दुनिया भर में ये सन्देश दिया है कि युवजन नवाचार चुनौतियों पर खरा उतरने के लिये क़दम आगे बढ़ा रहे हैं और अपनी ऊर्जा व रचनात्मकता का प्रयोग करके, एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं.

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नवाचार के नमूने

सीरिया की 25 वर्षीय हेकमा जबूली ने अपनी लघु फ़िल्म के लिये प्रथम पुरस्कार जीता है जिसमें उन्होंने घर में ही बनी एक ऐसी स्मार्ट डिवाइस दिखाई है जो, उनकी बहन को फिर से चलने-फिरने में मदद करने के लिये बनाई गई थी. उनकी बहन की रीढ़ की हड्डी एक बारूदी छर्रे से घायल हो गई थी जिसके कारण उनकी सक्रियता प्रभावित हुई.

घाना के 27 वर्षीय जॉन वोबिल को उनकी वीडियो के लिये दूसरा पुरस्कार मिला जो उन्होंने एक नए “धान थ्रैशर” के बारे में बनाई.

चीन मूल के और जापान में रहने वाले डिजिटल डिज़ायनर ली बिंगलू और काई क्विन्गे को, उनकी एक ऐसी वीडियो के लिये तीसरा पुरस्कार मिला जिसमें दूरस्थ स्थानों से काम करने वाले यानि remote workers के बीच सम्पर्क क़ायम करने के लिये, नए पिक्टोग्राम्स या emojis का सृजन करने की कहानी दिखाई गई है.

युवाओं की नवाचार सम्भावनाएँ

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO) के महानिदेशक डैरेन टैंगसैड ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि विश्व की लगभग आधी आबादी, 30 वर्ष से कम उम्र की है और दुनिया के अनेक हिस्सों में ये जनसंख्या चलन तेज़ी से उभर रहा है.

उन्होंने कहा, “युवजन पहले ही साझे मुद्दों के समाधान तलाश करने पर काम कर रहे हैं और इसमें उन्हें बौद्धिक सम्पदा (IP) अधिकारों से सहारा मिल रहा है जिनमें ट्रेडमार्क्स, पेटेण्ट, डिज़ायन, कॉपीराइट, और अन्य अधिकार शामिल हैं जिनसे लोगों को अपने काम के बदले आजीविका अर्जित करने में मदद मिलती है.”

उससे भी आगे उन्होंने कहा, “ऐसे समय जबकि तमाम इनसानों को महामारी पर पार पाने से लेकर, जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबला करने तक अनेक तत्काल चुनौतियों का सामना करने के लिये एकजुट होने की ज़रूरत है, हमें अपने युवजन को अपनी नवाचार सम्भावनाएँ बाहर लाने में भरपूर मदद करनी चाहिये.”

समावेशी बौद्धिक सम्पदा पारिस्थितिकी

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन ऐसे समूहों तक बौद्धिक सम्पदा की तक पहुँच का विस्तार करके, एक ज़्यादा समावेशी बौद्धिक सम्पदा पारिस्थितिकी बनाने पर काम कर रहा है, जिनका प्रतिनिधित्व अतीत में कम रहा है, जिनमें महिलाएँ, छोटे लघु उद्यमी, और युवजन शामिल हैं. इन्हीं कारणों से इस वर्ष की थीम – “बौद्धिक सम्पदा और एक बेहतर भविष्य के लिये नवाचार करते युवजन” पर केन्द्रित रही है.

विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस वर्ष 2000 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य, बौद्धिक सम्पदा के बारे में आम समझ बढ़ाना है. उसके बाद से इस दिवस ने हर वर्ष दुनिया भर में लोगों को रचनात्मक गतिविधियों में एक दूसरे के साथ जुड़ने का अदभुत अवसर उपलब्ध कराया है कि बौद्धिक सम्पदा किस तरह संगीत, कला और प्रोद्योगिकी नवाचार को फलने-फूलने में योगदान करती है जिससे दुनिया को आकार देने में मदद मिलती है.

प्रतियोगिता

इस प्रतियोगिता में जजों के एक समूह ने प्राप्त हुई लगभग 150 में से 20 वीडियो छाँट कर एक सूची बनाई थी जिन्हें 12 से 22 अप्रैल तक चले एक ऑनलाइन मतदान के लिये भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें 36 हज़ार 819 मत पड़े.

प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से इस थीम पर एक लघु वीडियो भेजने का अनुरोध किया गया था: “हम युवा और नवाचारी हैं. आइये बौद्धिक सम्पदा के साथ हम एक बेहतर भविष्य बनाएँ.”

तीन विजेता वीडियो, जिनीवा में विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन के मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदर्शित की गईं.

ये विशेष कार्यक्रम बौद्धिक सम्पदा दिवस को मनाने के लिये आयोजित किया गया जिसकी थीम थी – “बेहतर स्वास्थ्य के लिये नवाचार: बौद्धिक सम्पदा के माध्यम से युवा नवाचारियों की मदद”. इसमें विभिन्न क्षेत्रों के युवजन ने शिरकत की.

तीन विजेता वीडियो यहाँ देखी जा सकती हैं.