यूक्रेन संकट: मारियुपोल में लड़ाई तुरन्त रोके जाने की अपील

यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र संकट समन्वयक अमीन अवाद ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में मारियुपोल शहर में लड़ाई पर तुरन्त विराम लगाये जाने का आग्रह किया है ताकि वहाँ फँसे आम नागरिकों को हिंसा से बचकर, सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता मिल सके.
ग़ौरतलब है कि दक्षिणी यूक्रेन के बन्दरगाह शहर मारियुपोल में भीषण लड़ाई और घेराबन्दी के बाद हाल के दिनों में हालात बद से बदतर हुए हैं.
यूएन अधिकारी ने सचेत किया कि शहर में हज़ारों बच्चों, महिलाओं व बुज़ुर्गों का जीवन दाँव पर लगा हुआ है, और ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये लड़ाई पर तुरन्त विराम लगाये जाने की आवश्यकता है.
The lives of tens of thousands including women, children and older people, are at stake. The @UN is calling for an immediate pause in fighting to allow safe evacuation of civilians in besieged #Mariupol. https://t.co/NGKmoaXVCP
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“हम जितनी देर तक प्रतीक्षा करेंगे, उतनी ही अधिक ज़िन्दगियों के लिये जोखिम पैदा होगा. उन्हें आज ही वहाँ से सुरक्षित निकलने की अनुमति दी जानी होगी. कल बहुत देर सकती है.”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कुछ दिन पहले ही ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों के पवित्र सप्ताह के अवसर पर, यूक्रेन में जारी युद्ध में चार-दिवसीय ठहराव की पुकार लगाई थी.
अमीन अवाद ने ईस्टर पर महासचिव गुटेरेश की उस अपील को फिर से दोहराया, जिसका उद्देश्य मारियुपोल समेत अन्य हिंसाग्रस्त इलाक़ों में जीवनरक्षक सहायता पहुँचाना और प्रभावित इलाक़ों से बाहर जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को सुरक्षित रास्ता देना है.
उन्होंने कहा कि यह एक दुर्लभ अवसर है जब ऑर्थोडॉक्स ईस्टर, पासओवर और रमादान, तीनों धार्मिक आयोजन एक साथ हो रहे हैं.
“...य़ह समय हमारी साझा मानवता पर ध्यान केंद्रित करने का और दरारों को दूर रखने का है.”
अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासचिव का रूस और यूक्रेन की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है, जहाँ उनकी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाक़ात होगी.
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ऐरी कानेको ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया था कि, “उन्हें इस बारे में बातचीत होने की आशा है कि यूक्रेन में तत्काल किस तरह शान्ति स्थापित की जा सकती है.”
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, यूक्रेन में मानवीय परिस्थितियाँ निरन्तर बिगड़ रही हैं और देश के पूर्वी व दक्षिणी इलाक़े, विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं.
बताया गया है कि यूक्रेन की एक-चौथाई से अधिक फ़िलहाल देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित है या फिर लोगों ने अन्य पड़ोसी देशों में शरण ली हुई है.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के आकलन के अनुसार 60 फ़ीसदी विस्थापितों में महिलाएँ हैं, और 50 फ़ीसदी से अधिक विस्थापितों को खाद्य सहायता की ज़रूरत है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सचेत किया है कि 25 फ़ीसदी से अधिक ऐसे परिवार, जिनके पास पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, उन्हें अपने बच्चों के लिये भोजन का प्रबन्ध करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.
बढ़ते टकराव के बीच, दुर्गम इलाक़ों में फँसे लोगों की बुनियादी आवश्यकताएँ बढ़ रही हैं, जबकि वहाँ तक सहायता पहुँचाने के लिये मानवीय गलियारे को स्थापित करने के कार्य में बाधाएँ पेश आई हैं.
यूएन एजेंसियों का कहना है कि सबसे अहम और गम्भीर आवश्यकताएँ, उन इलाक़ों में हैं जहाँ असुरक्षा का स्तर अधिक है, खाद्य व फ़ुटकर क्षमता में व्यवधान आया है और मानवीय राहत के लिये सुलभता नहीं है.