यूक्रेन: भारी विनाश' के बीच, 'एक चौथाई आबादी' को सहायता की आवश्यकता

यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र के संकट संयोजक अमीन अवाद ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया है कि देश पिछले दो महीनों के दौरान, भारी तबाही और तकलीफ़ों से गुज़र रहा है, और उन्होंने यूएन महासचिव की इस पुकार के साथ अपनी आवाज़ भी बुलन्द की कि “हमें ये रक्तपात और विध्वंस रोकना होगा.”
I briefed media in #Ukraine with my colleagues. Key takeaways:✔️15.7M people in need✔️7.1M IDPs✔️6M w/o certain access to water & sanitation✔️136 hospitals targetedI echo the #SG's call for humanitarian pause to allow safe passage & urgent assistance to hardest hit areas. pic.twitter.com/ssWSdtMXGE
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सहायक महासचिव अमीन अवाद ने, यूक्रेन के पश्चिमी इलाक़े लिविफ़ में एक प्रेस वार्ता में कहा, “यूक्रेन में कम से कम एक करोड़ 57 लाख लोगों को, इस समय मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है..."
उन्होंने बताया, "लगभग 50 लाख लोग, सुरक्षा की ख़ातिर अन्य देशों को निकल चुके हैं, और अन्य लगभग 71 लाख लोग, देश के भीतर ही विस्थापित हुए हैं.”
“ये संख्या यूक्रेन की पूरी आबादी का लगभग 25 प्रतिशत यानि एक चौथाई हिस्सा है.”
यूक्रेन युद्ध शुरू होने से लेकर सिविल बुनियादी ढाँचो को भार नुक़सान हुआ है और 136 से ज़्यादा स्वास्थ्य सेवा ठिकानों को निशाना बनाया गया है. हर दिन औसतन लगभग 22 स्कूल भी हमलों की चपेट में आए हैं.
उससे भी ज़्यादा जल प्रणालियों को भारी क्षति पहुँचने के कारण, क़रीब 60 लाख लोग, जल तक नियमित पहुँच से वंचित हो गए हैं.
अमीन अवाद का कहना था, “यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर दुनिया सदमे में है.”
उन्होंने युद्धापराधियों के साथ व्यथित करने वाले बर्ताव को अत्यधिक व्यथित करने वाला क़रार देते हुए कहा कि मारियुपोल में आम लोगों के भाग्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
इस बीच क़ब्ज़ा किये हुए ख़ेरसॉन में रहने वाले लोगों के पास भोजन व दवाइयों की क़िल्लत हो गई है; माइकोलाइफ़ में सात दिनों से पानी उपलब्ध नहीं है; और अनेक प्रान्तों में नगरीय केन्द्रों व सिविल ढाँचों को हुए भारी नुक़सान ने, लाखों लोगों के लिये अति महत्वपूर्ण सेवाएँ भी बाधित कर दी हैं जिनमें जल व स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के संकट संयोजक ने व्यापक तबाही और विध्वंस को अपनी आँखों से देखकर बयान किया.
“मुझे ऐसे लोग मिले जिन्हें बूचा और इरपिन में सड़कों व रास्तों पर, अपने परिजनों और पड़ोसियों के शव उठाने पड़े हैं और उन्हें बाग़ीचों व सामूहिक क़ब्रों में दफ़नाना पड़ा है. मैं उनकी तकलीफ़ों का अन्दाज़ा नहीं लगा सकता.”
उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि ग़ैर-लड़ाकों और सिविल ढाँचे पर हमले करना, “अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का खुला उल्लंघन है.”
अमीन अवाद ने इन हमलों को तुरन्त रोके जाने की पुकार लगाते हुए, आम लोगों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता दिये जाने का भी आहवान किया.
साथ ही, मानवीय सहायता कर्मियों को भी भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनके कारण वो अक्सर उन लोगों तक नहीं पहुँचा पा रहे हैं जिन्हें सहायता की बहुत ज़रूरत है.
अमीन अवाद ने कहा, “मैं मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये, सुरक्षित और निर्बाध पहुँच मुहैया कराने के लिये अपील करता हूँ.”
उन्होंने ये भी ध्यान दिलाया कि अभी तक विस्थापित लगभग एक करोड़ 20 लोगों में से कुछ लोग अपने घरों को वापिस लौटे हैं.
उन्होंने कहा, “हमें संयुक्त राष्ट्र के रूप में, और अपने मानवीय और विकास साझीदारों के साथ, उन लोगों के लिये टिकाऊ समाधान तलाश करने में आरम्भ से ही मदद करने के लिये तैयार रहना होगा.”
अमीन अवाद ने एक मानवीय युद्धविराम लागू करने की, यूएन प्रमुख की पुकार, और मतभेदों को दिर किनार करते हुए, इस मूर्खतापूर्ण युद्ध को रोकने और साझे हितों पर ध्यान की ज़रूरत को रेखांकित किया.
यूक्रेन के लिये मानवीय सहायता संयोजक ओसनत लुबरानी ने मीडिया को सूचित किया है कि यूएन मानवीय सहायता कार्यालय – OCHA ने सहायता संगठनों को पाँच करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि जारी की है. उससे पहले जीवनरक्षक अभियानों के लिये, 15 करोड़ 80 लाख डॉलर की सहायता राशि जारी की जा चुकी है.
ओसनत लुबरानी ने, बलात्कार के बढ़ते आरोपों के मद्देनज़र कहा कि इस धन में से कुछ रक़म, किसी भी प्रकार की लैंगिक हिंसा को रोकने और प्रभावित पीड़ितों की मदद करने पर भी ख़र्च की जाएगी.