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म्याँमार: नौ लाख से अधिक आन्तरिक विस्थापितों के समक्ष कठिन चुनौतियाँ

म्याँमार में, देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों के लिये बनाए गए एक शिविर में, कुछ लड़कियाँ पानी भरते हुए.
UNOCHA/Z. Nurmukhambetova
म्याँमार में, देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों के लिये बनाए गए एक शिविर में, कुछ लड़कियाँ पानी भरते हुए.

म्याँमार: नौ लाख से अधिक आन्तरिक विस्थापितों के समक्ष कठिन चुनौतियाँ

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र ने अपने एक नए अपटेड में बताया है कि म्याँमार में टकराव और अस्थिरता के कारण देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 9 लाख 12 हज़ार से अधिक पहुँच गई है. इनमें साढ़े पाँच लाख से अधिक लोग फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद से विस्थापित हुए हैं. 

मानवीय मामलों में समन्वय के लिये यूएन कार्यालय (UNOCHA) ने अपने एक नियमित अपडेट में 11 अप्रैल तक की परिस्थितियों के सम्बन्ध में जानकारी पेश की है. 

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देश के पूर्वी और पश्चिमोत्तर इलाक़े में जारी लड़ाई से मानवीय और विस्थापन परिस्थितियाँ और अधिक जटिल हुई हैं. 

हवाई कार्रवाई व गोलाबारी समेत भारी हथियारो और बारूदी सुरंग के इस्तेमाल के कारण मौतें जारी हैं और आमजन की सुरक्षा के लिये जोखिम बरक़रार है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के मुताबिक़, सैन्य तख़्तापलट के बाद से कम से कम एक हज़ार 600 लोगों की मौत हुई है, और हज़ारों घायल हुए हैं.  

लाखों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को जान बचाने के लिये अनेक मर्तबा अपना ठिकाना बदलने के लिये मजबूर होना पड़ा है.

विस्थापन में वृद्धि

11 अप्रैल 2022 तक, देश की सत्ता पर सैन्य वर्चस्व स्थापित होने के बाद से नए घरेलू विस्थापितों की संख्या पाँच लाख 66 हज़ार से अधिक है.

आन्तरिक रूप से विस्थापित कुल लोगों की संख्या बढ़कर 9 लाख 12 हज़ार हो गई है.

एक अनुमान के अनुसार, म्याँमार से लगभग 36 हज़ार लोग अन्य पड़ोसी देशों में विस्थापित हैं, जिनमें से क़रीब 34 हज़ार भारत में और एक हज़ार 600 थाईलैण्ड में हैं.  

रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार हुआ है जब देश के पश्चिमोत्तर में विस्थापित लोगों की संख्या, तीन लाख के आँकड़े को पार कर गई है.

तीन लाख 46 हज़ार घरेलू विस्थापित मुख्य रूप से राखीन, काचीन, चिन और शान प्रान्त में हैं, जोकि फ़रवरी 2021 से पहले हिंसक संघर्ष के कारण पीड़ित हैं.

बताया गया है कि फ़रवरी 2021 के बाद से चर्चों, मठों, स्कूलों, बाज़ारों समेत आठ हज़ार से अधिक नागरिक प्रतिष्ठानों को जलाये जाने या बर्बाद किये जाने का अनुमान है. 

मानवीय राहत प्रयास

यूएन एजेंसी का कहना है कि मानवीय राहतकर्मियों द्वारा विस्थापितों व उनके मेज़बान समुदायों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाई जा रही है, और इस कार्य में स्थानीय साझीदार संगठनों का भी सहयोग मिला है. 

लेकिन ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है – सड़कों व चैक प्वाइंट पर अवरोध हैं और अनेक इलाक़ों में आपूर्ति सामग्री के परिवहन में मुश्किलें पेश आई हैं. 

यूएन एजेंसी ने बताया कि इन बाधाओं और सहायता धनराशि की कमी के बावजूद, खाद्य सुरक्षा साझीदार संगठनों ने 14 लाख लोगों तक जीवनदायी सहायता पहुँचाई है. 

हिंसा प्रभावित इलाक़ों में बारूदी सुरंग और विस्फोटक सामग्री की चपेट में आने के ख़तरे बढ़ रहे हैं, जिसके मद्देनज़र स्थानीय आबादी को इन जोखिमों के प्रति जागरूक बनाने के प्रयासों पर सहमति हुई है. 

म्याँमार के कायीन प्रान्त में, आन्तरिक विस्थापित लोग, सहायता सामान एकत्र करते हुए.
© UNHCR/Sa Nyein Chan
म्याँमार के कायीन प्रान्त में, आन्तरिक विस्थापित लोग, सहायता सामान एकत्र करते हुए.

वर्ष 2022 के लिये मानवीय राहत प्रतिक्रिया योजना के तहत 62 लाख लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये 82 करोड़ डॉलर से अधिक धनराशि की अपील की गई थी.

मगर, 2022 की पहली तिमाही के अन्त तक, आवश्यक रक़म में से केवल तीन करोड़ 72 लाख डॉलर का ही प्रबन्ध हो पाया है.

क़ीमतों में उछाल

सहायता के लिये चिन्हित सभी क्षेत्रों में ज़रूरी धनराशि का अभाव बताया गया है जिससे बढ़ती आवश्यकताओं और उपलब्ध राहत के बीच की दूरी को पाटना मुश्किल होगा.

कोविड-19 महामारी और फिर हिंसक टकराव की पृष्ठभूमि में विकट वित्तीय हालात से जूझ रहे अनेक निर्बल परिवारों के समक्ष अब ऊँची खाद्य व ईंधन क़ीमतों का भी दबाव है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध के बीच फ़रवरी से मार्च 2022 तक, पिछले वर्ष की तुलना में ईंधन की क़ीमत में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है.

इन हालात में लोगों के लिये भोजन व ज़रूरत के अन्य सामान ख़रीद पाने की क्षमता पर पड़ने की आशंका है.