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यूक्रेन: 30 हज़ार यूक्रेनी प्रतिदिन लौट रहे हैं स्वदेश वापिस, राहत एजेंसियाँ

यूक्रेन के कियेफ़ क्षेत्र में इरपिन से एक परिवार का विस्थापन
© UNICEF/Julia Kochetova
यूक्रेन के कियेफ़ क्षेत्र में इरपिन से एक परिवार का विस्थापन

यूक्रेन: 30 हज़ार यूक्रेनी प्रतिदिन लौट रहे हैं स्वदेश वापिस, राहत एजेंसियाँ

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों का कहना है कि यूक्रेन पर 24 फ़रवरी को शुरू हुए रूसी महासंघ के हमले के बाद सुरक्षा के लिये विदेशों को गए यूक्रेनी लोगों में से लगभग आठ लाख 70 हज़ार लोग वापिस स्वदेश लौट आए हैं. जबकि देश के भीतर लगातार बदतर होती खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर चिन्ताएँ भी व्यक्त की गई हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वय कार्यालय OCHA ने देश की ‘सीमा सुरक्षा सेवा’ के हवाले से कहा है कि प्रतिदिन लगभग 30 हज़ार यूक्रेनी लोग स्वदेश वापिस लौट रहे हैं.

राहत आपूर्ति में चुनौती

यूएन मानवीय सहायता एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा है कि स्वदेश वापिस लौटने वालों की ये अहम संख्या दिखाती है कि ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में नई चुनौतियाँ आएंगी, क्योंकि लोगों को अपने समुदायों में फिर से घुलने-मिलने, या अगर उनके ख़ुद के घर अब रहने योग्य नहीं बचे हैं तो मेज़बान समुदायों की मदद हासिल करने में सहारे की ज़रूरत पड़ेगी.

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यूक्रेन में लगभग सवा करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत है, मानवीय सहायता एजेंसियों ने अभी तक उनमें से लगभग 21 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई है. यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक अरब 10 करोड़ डॉलर की औचक सहायता अपील की राशि में से, लगभग 64 प्रतिशत रक़म हासिल हो गई है.

पूर्व और दक्षिण में युद्ध का विध्वंस

युद्ध मुख्य रूप से पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में केन्द्रित रहा है जहाँ जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है और वहाँ मानवीय सहायता की विशाल ज़रूरतें उत्पन्न हुई हैं. 

यूएन मानवीय सहायता एजेंसी ने यूक्रेन के केन्द्रीय और उत्तरी क्षेत्रों में भी रॉकेट हमले होने की ख़बरें दी हैं. 

यूक्रेन की आपदा सेवा के हवाले से ये भी बताया गया है कि लगभग तीन लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में, बारूदी सुरंगें साफ़ करनी पड़ेंगी जोकि देश का लगभग आधा इलाक़ा है.

राहत कर्मियों की मौत

यूएन राहत एजेंसी ने ताज़ा जानकारी में बताया है कि पूर्वी दोन्तेस्क क्षेत्र में, दो राहत कर्मी और उनके पाँच परिजन मारे गए हैं. वो लोग मारियूपोल कार्यालय में पनाह लिये हुए था जब एक वहाँ एक टैंक का ताबड़तोड़ हमला हुआ. 

ये घटना सम्भवतः 15 मार्च को हुई, मगर इसकी जानकारी हाल ही में प्राप्त हुई है, क्योंकि शहर कई सप्ताहों से बाक़ी हिस्सों से कटा हुआ था.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने आगाह किया है कि कम से कम 10 क्षेत्रों में तत्काल खाद्य असुरक्षा के मुद्दे हैं, जबकि अगले दो महीनों के दौरान खाद्य क़िल्लत बढ़ने वाली है क्योंकि अनेक इलाक़े युद्ध की चपेट में हैं.

खेतीबाड़ी में सहायता

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का कहना है कि ग्रामीण और दूर-दराज़ के इलाक़ों में रहने वाले समुदाय, खाद्य असुरक्षा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं. 

एजेंसी ने किसानों के लिये उनके खेतों में बुआई करने, उनके मवेशियों की रक्षा करने और अनाज उत्पादन में सहायता करने की घोषणा की है.

बहुत कमज़ोर हालात वाले परिवारों के लिये तत्काल नक़दी सहायता मुहैया कराने की भी योजना है. इनमें ऐसे परिवार भी शामिल हैं जिनकी मुखिया महिलाएँ, वृद्धजन और विकलांगता वाले व्यक्ति हैं.

इस बीच यूएन राहत समन्वय एजेंसी (OCHA) ने बताया है कि रूस से मिली जानकारी के अनुसार, 24 फ़रवरी के बाद से, सात लाख 83 हज़ार से ज़्यादा लोग, यूक्रेन से रूस में दाख़िल हुए हैं जिनमें लगभग डेढ़ लाख बच्चे भी हैं.

यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR के ताज़ा आँकड़ों से संकेत मिलते हैं कि युद्ध शुरू होने के बाद, लगभग 47 लाख लोग, देश के बाहर जा चुके हैं. उनके अलावा लगभग 70 लाख लोग देश के भीतर ही विस्थापित हैं.

मृत्यु लहर की चेतावनी

एड्स का ख़ात्मा करने के लिये समर्पित यूएन एजेंसी – UNAIDS ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यूक्रेन में युद्ध ने जान-माल की भारी तबाही की है जिसमें स्वास्थ्य सेवाएँ और आपूर्ति

श्रंखलाएँ भी बुरी तरह बाधित हुई हैं जिन पर, एचआईवी से संक्रमित लाखों लोग जीवित रहने के लिये निर्भर हैं.

एजेंसी का कहना है कि यूक्रेन में लगभग ढाई लाख लोग एचआईवी के साथ जीवन जी रहे हैं और ऐण्टी-रैट्रोवायरल थैरेपी व निवारक सेवाओं के अभाव का मतलब है – बड़ी संख्या में मौतें होना और देश में एड्स की महामारी का फिर से सिर उठाना.

जीवनरक्षक सेवाएँ जारी रखने के लिये अति अहम – समुदाय आधारित सहायता सेवाओं को तत्काल अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की ज़रूरत है. 

युद्ध से पहले के समय तक एचआईवी उपचार, रोकथाम और देखभाल सेवाएँ मुहैया कराने वाली लगभग 40 स्वास्थ्य सेवाएँ, अब बन्द हैं और अन्य स्थानों पर भी विभिन्न स्तर के व्यवधान हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यूक्रेन में स्वास्थ्य सेवाओं पर 100 से ज़्यादा हमलों की पुष्टि की है, जबकि देश में आपूर्ति मार्ग भी बुरी तरह ध्वस्त हुए हैं.