कोरोनावायरस के नए रूप व प्रकारों को नज़रअन्दाज़ नहीं करने की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने आगाह किया है कि विश्व भर में कोविड-19 संक्रमण मामलों और मृतक संख्या में आई कमी का अर्थ यह नहीं है कि वैश्विक महामारी का जोखिम कम हो गया है.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोनावायरस के रूप व प्रकार में बदलाव का आना जारी है और इसे नज़रअन्दाज़ करने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता है.
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WHO
पिछले सप्ताह मृतक संख्या, वैश्विक महामारी के शुरुआती दिनों के बाद से सबसे कम दर्ज की गई, मगर कुछ देशों में संक्रमण मामलों में गम्भीर उछाल आया है, जिससे अस्पतालों पर बोझ पड़ा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने कहा, “रुझानों पर नज़र रखने की हमारी क्षमता पर असर हुआ है चूँकि परीक्षणों में काफ़ी हद तक कमी आई है.”
उन्होंने दोहराया कि परीक्षणों की संख्या और सीक्वेंसिंग की दर को बढ़ाना अहम है ताकि कोरोनावायरस के मौजूदा वैरीएण्ट्स की निगरानी की जा सके और नए प्रकारों के उभरने का पता चल सके.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि फ़िलहाल ओमिक्रॉन के अनेक उप-प्रकारों पर नज़दीकी नज़र रखी जा रही है, जिनमें BA.2, BA.4, BA.5 हैं. साथ ही BA.1 और BA.2 के मिश्रण से बने एक अन्य प्रकार का पता चला है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की महामारी विज्ञान विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ़्रीका और योरोप के अनेक देशों में BA.4 और BA.5 के उप-प्रकारों के बारे में पता चला है.
“अभी तक 200 से भी कम सीक्वेंसिंग उपलब्ध हैं, और हम इसमें बदलाव की अपेक्षा रखते हैं...हम वायरस पर नज़दीकी नज़र रखे हुए हैं ताकि मामलों में वृद्धि को देख सकें, मगर अभी तक महामारी विज्ञान या गम्भीरता के नज़रिये से कोई बदलाव नहीं दिखा है.”
वायरस में बदलाव
यूएन एजेंसी में आपात मामलों के निदेशक माइकल रायन ने चेतावनी जारी की है कि वायरस में बदलाव होना जारी है और इससे नज़र फेर लेने का ख़तरा मोल नहीं लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि यह मान लेना अदूरदर्शिता होगी कि संक्रमण मामलों की कम संख्या का मतलब जोखिम का कम होना नहीं है.
“हम मौतों में कमी आते देखकर प्रसन्न हैं लेकिन इस वायरस ने हमें पहले भी चकित किया है, और पहले भी सतर्कता के बिना पकड़ा है.”
“जब लोग फिर से अपने सामान्य जीवन के तौर-तरीक़ों में लौट रहे हों, हमें अपना काम करने की ज़रूरत है और जितना सम्भव हो सके इस वायरस की निगरानी करने की ज़रूरत है.”
इस बीच, संगठन की शीर्ष वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने सचेत किया है कि वायरस के उप-प्रकारों का उभरना जारी रहेगा, और इसके मद्देनज़र दुनिया को नई वैक्सीन समेत बेहतर औज़ारों में निवेश करते रहना होगा.
“हमें ऐसी सम्भावना के लिये तैयार रहना चाहिए कि वायरस में इतना बदलाव आ जाए कि वो मौजूदा प्रतिरक्षण को बेअसर कर दे.”

यूएन एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि वायरस अब भी घातक है, विशेष रूप से उन लोगों के लिये जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और जिनके पास स्वास्थ्य देखभाल या एण्टीवायरल उपचार की सुलभता नहीं है.
सर्वोत्तम उपाय
डॉक्टर घेबरेयेसस के अनुसार स्वयं का बचाव करने का सर्वोत्तम उपाय टीकाकरण और बताए जाने पर बूस्टर ख़ुराक लेना है.
साथ ही मास्क पहनना जारी रखना होगा, विशेष रूप से भीड़भाड़ भरे स्थलों में, खिड़कियों व दरवाज़ों को खोलकर कमरों को हवादार बनाना होगा. इस सप्ताह, अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामन आपात समिति ने सर्वमत से कहा है कि वैश्विक महामारी अब भी अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली एक आपात स्थिति है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि लापरवाही बरतने के बजाय, यह लम्हा ज़िन्दगियों को बचाने के लिये कड़ी मेहनत करने का है. साथ ही, कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में कारगर उपचारों, जैसेकि वैक्सीन, को न्यायसंगत ढँग से सर्वजन को उपलब्ध कराना होगा.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने वैश्विक महामारी पर एक नई सन्धि की अहमियत को भी रेखांकित किया और कहा कि यह समझौता इस वायरस और अन्य भावी बीमारियों के विरुद्ध एक साझा रक्षा कवच होगा.