यूक्रेन में संकट, वैश्विक व्यापार पुनर्बहाली के लिये जोखिम

विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने अपने एक नए आकलन में सचेत किया है कि यूक्रेन में जारी युद्ध अथाह मानवीय पीड़ा की वजह बना है, मगर इससे वैश्विक व्यापार पर भी असर हुआ है और पुनर्बहाली के लिये जोखिम पैदा हो गया है.
यूएन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार विश्व वाणिज्य वस्तु (merchandise) व्यापार का आकार इस वर्ष तीन फ़ीसदी बढ़ने की सम्भावना है, जोकि पहले व्यक्त किये गए अनुमान 4.7 प्रतिशत से कम है.
BREAKING: WTO revises its 2022 trade forecast downwards to 3% from 4.7% previously as the Russia-Ukraine conflict and continued #COVID19 lockdowns weigh on world trade. The latest #WTOForecast is here: https://t.co/MZMzwy5WdZ pic.twitter.com/Au72i7ZWsW
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वर्ष 2023 में इसके बढ़कर 3.4 प्रतिशत होने की सम्भावना है, लेकिन हिंसक संघर्ष के इर्दगिर्द पसरी अनिश्चितता के कारण इन सम्भावनाओं में बदलाव हो सकता है.
यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों ने 24 फ़रवरी को आक्रमण किया था, और बताया गया है कि इसका तत्काल प्रभाव, वस्तु क़ीमतों में तेज़ उछाल में नज़र आया है.
रूस और यूक्रेन, दोनों देश विश्व में अनेक महत्वपूर्ण निर्यात, जैसेकि भोजन, ऊर्जा, उर्वरक के आपूर्तिकर्ता हैं और अब इन पर संकट मंडरा रहा है.
अन्न की खेप को काला सागर स्थित बन्दरगाहों से रवाना किया जाना था, लेकिन उसे रोका गया है जिसके निर्धन देशों के लिये दुष्परिणाम हो सकते हैं.
विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक न्गोज़ी ओकोन्जो-इवीअला ने कहा, “भोजन के लिये लघु आपूर्ति और ऊँची क़ीमतों का अर्थ है कि विश्व में निर्धनों को मजबूरी में वंचित रहना पड़ सकता है. इसे होने से रोकना होगा.”
यूक्रेन में युद्ध के अलावा अन्य कई वजहों से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा है.
उदाहरणस्वरूप, कोविड-19 के कारण चीन में लागू की तालाबन्दियों से समुद्री व्यापार पर असर पड़ा है, और यह ऐसे समय में हुआ है जब सप्लाई चेन पर दबाव कम होने की दिशा में था.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने देशों की सरकारों से बहुपक्षीय संगठनों के साथ मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया है ताकि व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके.
वैश्विक व्यापार पर युद्ध के असर की समीक्षा के लिये, यूएन एजेंसी के अर्थशास्त्रियों ने वर्ष 2023 तक के लिये वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद पर अनुमान आधारित शोध किया है.
इनमें युद्ध के प्रत्यक्ष असर, बुनियादी ढाँचों की बर्बादी और बढ़ी हुई व्यापार क़ीमतों; रूस पर लगाए गए प्रतिबन्धों के प्रभावों; और बढ़ती अनिश्चितता के बीच शेष दुनिया के लिये मांग में गिरावट का जायज़ा लिया गया है.
सकल घरेलू उत्पाद के मौजूदा अनुमानों की पृष्ठभूमि में, यूएन एजेंसी ने सम्भावना जताई है कि वाणिज्य वस्तु व्यापार में इस वर्ष कमी आने की आशंका है.
यह 0.5 प्रतिशत तक भी पहुँच सकती है. जबकि हालात में बेहतरी की स्थिति में यह 5.5 तक की वृद्धि तक पहुँच सकता है.
संगठन ने इन आँकड़ों की अक्टूबर 2022 या फिर उससे पहले समीक्षा किये जाने की बात कही है.
वर्ष 2007-2008 के वित्तीय संकट से पहले के दो दशकों में, विश्व वाणिज्य वस्तु व्यापार के आकार में दर्ज की जाने वाली प्रगति, विश्व सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में दोगुनी गति से हुआ है.
इसके बाद यह घटकर औसतन बराबर हो गया है.
विश्व में ईंधन की क़ीमतें युद्ध से पहले भी बढ़ रही थीं. पिछले महीने, कच्चे तेल की मानक क़ीमत को प्रति बैरल 118 अमेरिकी डॉलर आंका गया, जोकि जनवरी महीने की तुलना में 38 फ़ीसदी अधिक है.
साल-दर-साल के आधार पर यह 80 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है.
दैनिक दामों में हालात कुछ सामान्य हुए हैं और 8 मार्च को प्रति बैरल 128 डॉलर से घटकर यह 1 अप्रैल को प्रति बैरल 104 डॉलर दर्ज किया गया है.
तेल क़ीमतों के उलट, प्राकृतिक गैस की क़ीमतों में क्षेत्रवार भिन्नताएं देखने को मिली हैं.
योरोप में, जहाँ अधिकाँश देश अब भी रूसी आपूर्ति पर निर्भर हैं, वहाँ जनवरी और मार्च महीने के दौरान क़ीमतों में 45 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
संगठन ने आगाह किया है कि तेल की ऊँची क़ीमतों के कारण वास्तविक आय और आयात मांग में कमी दर्ज की जा सकती है. जबकि प्राकृतिक गैस क़ीमतों में बढ़ोत्तरी का योरोप में अधिक असर होगा.
संगठन का कहना है कि रूसी व्यवसायियों और व्यक्तियों पर पश्चिमी देशों द्वारा लागू की पाबन्दियों का वाणिज्यिक सेवाओं पर मज़बूत असर होने की सम्भावना है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, वैश्विक महामारी से पहले यात्रा/पर्यटन और वायु परिवहन सेवा, रूस द्वारा सबसे अधिक व्यापार की जाने वाली सेवाएँ थीं, जोकि उसके निर्यात का 46 प्रतिशत था और आयात का 36 प्रतिशत.
कोविड-19 महामारी के कारण इन सेवाओं पर भीषण असर हुआ है और अब आर्थिक प्रतिबन्धों की आँच भी महसूस की जा सकती है.
व्यापार पूर्वानुमानों को वार्षिक वाणिज्य वस्तु व्यापार और वाणिज्यिक सेवा व्यापार आँकड़ों के साथ जारी किया गया है.
वाणिज्य वस्तु व्यापार को आयात व निर्यात के औसत के आधार पर मापा जाता है, और वर्ष 2021 में इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इसके मूल्य में 26 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है और अब यह 22 हज़ार अरब डॉलर से अधिक पहुँच गया है.
परिवहन सैक्टर – मालढुलाई जहाज़ और यात्री विमान - समेत वाणिज्यिक सेवा व्यापार में वर्ष 2021 में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह पाँच हज़ार 700 अरब डॉलर पर है.
यात्रा सैक्टर में व्यापार कुल मिलाकर सकारात्मक देखा गया है, मगर आँकड़े अब भी मज़बूत नहीं है चूँकि कोविड-19 के मद्देनज़र लागू की गई तालाबन्दियों से अभी आंशिक राहत ही मिल पाई है.