कोविड-19 संक्रमण की नई लहर का मतलब, महामारी अभी ख़त्म होने से दूर है

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को कहा है कि देशों और दवा बनाने वाली कम्पनीयों को, सर्वजन को, सर्वत्र वैक्सीन मुहैया कराने के लिये, बेहतर रूप में मिलजुल कर काम करना होगा, ऐसा केवल धनी देशों में करने से काम नहीं चलेगा.
यूएन महासचिव ने GAVI कोवैक्स की अन्तरराष्ट्रीय वैक्सीन समता पहल – अग्रिम बाज़ार प्रतिबद्धता सम्मेलन 2022 को सम्बोधित करते हुए ये बात कही जिसमें विश्व नेताओं ने, निम्न आय वाले देशों में टीकाकरण की दर बढ़ाने और वैक्सीन ख़रीदारी तक बेहतर पहुँच सम्भव बनाने के लिये, 4 अरब 80 करोड़ डॉलर की रक़म के संकल्प व्यक्त किये हैं.
Fully funding the @ACTAccelerator is essential for ensuring equitable access to #COVID19 tests, treatments and vaccines.The @gavi #COVAX AMC is a key part of this partnership by ensuring vaccines reach everyone, everywhere.Learn more: https://t.co/GuplDQqo9q #breakCOVID
unfoundation
एंतोनियो गुटेरेश ने देशों से दुनिया भर में ऐसे अरबों लोगों तक पहुँच बनाने के लिये वैक्सीन आपस में बाँटने और कोवैक्स के लिये अपने दान संकल्प पूरे करने का आहवान किया, जिन्हें अभी तक वैक्सीन का पहला टीका भी नहीं लगा है.
इसका मतलब है कि हर देश में मज़बूत वैक्सीन आपूर्ति व्यवस्थाएँ मुस्तैद हों, जिनमें झूठी जानकारी के फैलाव का मुक़ाबला करने और लोगों की बाहों में टीके लगवाना शामिल है.
“मैं देशों से, एसीटी-ऐक्सैलेरेटर और कोवैक्स को इस वर्ष भी धनराशि मुहैया कराने के नए संकल्प लेने की पुकार लगाता हूँ.”
उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन इस बात का अनुस्मारक है कि कोविड-19 महामारी अभी ख़त्म होने से बहुत दूर है. हम हर दिन संक्रमण के 15 लाख नए मामले देख रहे हैं. एशिया में संक्रमण के विशाल दायरे नज़र आ रहे हैं और योरोप में भी संक्रमण की नई लहर फैल रही है.
और कुछ देशों में तो महामारी शुरू होने के बाद से, अब मौतें होने की दर सबसे ऊँची है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि अब ओमिक्रॉन वैरिएण्ट, BA2 के रूप में दुनिया भर में फैल रहा है और ये यह भी ध्यान दिलाता है कि कोविड-19 वायरस कितनी तेज़ी से अपने रूप बदलकर फैल सकता है – विशेष रूप से ऐसे स्थानों पर जहाँ टीकाकरण की दर व दायरा कम हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर की लगभग एक तिहाई आबादी को अभी वैक्सीन का पहला टीका भी नहीं लगा है, जबकि कुछ उच्च आय वाले देशों में दूसरे बूस्टर टीके की तैयारियाँ की जा रही हैं.
यूएन महासचिव का कहना है कि हमारी गहराई से विषम दुनिया के लिये, ये एक क्रूर अभिशाप है. ये स्थिति, नए वैरिएण्ट्स के पनपने, और ज़्यादा मौतें होने, व ज़्यादा मानव और आर्थिक तंगी और बदहाली के लिये एक उर्वरक धरातल है.
“सवाल ये नहीं है कि अगला वैरिएण्ट आएगा या नहीं, बल्कि सवाल ये है कि वो कब आएगा.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सभी देशों में इस वर्ष के मध्य तक, कम से कम 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किये जाने के लक्ष्य से हम अभी बहुत दूर हैं, और जबकि नए वैरिएण्ट हर लगभग चार महीनों में उभर रहे हैं, समय एक कुंजी है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर में वैक्सीन समुचित मात्रा में उपलब्ध है और हर महीने लगभग डेढ़ अरब ख़ुराकों का उत्पादन हो रहा है.
कोवैक्स सुविधा और इसकी अग्रिम बाज़ार संकल्प प्रणाली ने, अभी तक ज़रूरतमन्द देशों तक, एक अरब 20 करोड़ ख़ुराकें पहुँचाई हैं.
“इससे साबित होता है कि प्रगति सम्भव है. मगर वक़्त तेज़ी से बीत रहा है. और हमें तमाम देशों की मदद करनी होगी ताकि वो भविष्य में महामारियों का मुक़ाबला करने के लिये, अपने स्तर पर परीक्षण, वैक्सीन और उपचार की सुविधाएँ तैयार कर सकें.”
उन्होंने कहा कि वैसे तो महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है, मगर ये ख़त्म हो सकती है, “आइये, एक साथ मिलकर इसका ख़ात्म करें.”