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यूक्रेन संकट: गेहूँ, मक्का और वनस्पति तेल की अन्तरराष्ट्रीय क़ीमतों में उछाल

तंज़ानिया के दार एस सलाम में एक कामगार ट्रक पर गेहूं की बोरी लाद रहा है.
© FAO/Giuseppe Bizzarri
तंज़ानिया के दार एस सलाम में एक कामगार ट्रक पर गेहूं की बोरी लाद रहा है.

यूक्रेन संकट: गेहूँ, मक्का और वनस्पति तेल की अन्तरराष्ट्रीय क़ीमतों में उछाल

आर्थिक विकास

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार विश्व में खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में मार्च महीने में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जिसकी एक मुख्य वजह काला सागर क्षेत्र में युद्ध के कारण मुख्य अनाजों और वनस्पति तेल के बाज़ारों में दर्ज किया गया व्यवधान है.  

काला सागर क्षेत्र में युद्ध के कारण गेहूँ, मक्का और वनस्पति तेल समेत मुख्य खाद्य पदार्थों के व्यापार पर आधारित बाज़ार में झटके महसूस किये गए हैं. 

यूएन एजेंसी का खाद्य क़ीमत इण्डेक्स मार्च महीने में औसतन 159.3 अंक पर रहा, जोकि फ़रवरी की तुलना में 12.6 प्रतिशत अधिक है. 

वर्ष 1990 में इण्डेक्स की शुरुआत के बाद से, फ़रवरी महीने में दर्ज किये स्तर को अब तक का सर्वाधिक ऊँचा स्तर माना गया था. 

इस इण्डेक्स के ज़रिये, आम तौर पर बेची और ख़रीदी जाने वाली खाद्य वस्तुओं की मासिक क़ीमतों में आने वाले बदलाव पर नज़र रखी जाती है. 

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पिछले महीने की क़ीमत, मार्च 2021 के स्तर की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक आंकी गई हैं. 

मुख्य रूप से यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण गेहूँ और मोटे अनाज की क़ीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. यूएन एजेंसी का अन्न इण्डेक्स मार्च महीने में फ़रवरी की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक आंका गया है.  

पिछले तीन वर्षों से अधिक समय में, रूस और यूक्रेन ने साझा रूप से, विश्व में 30 प्रतिशत गेहूँ और 20 फ़ीसदी मक्का का निर्यात किया है. 

उपज में कमी

खाद्य एवं कृषि संगठन की नई रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि यूक्रेन में सर्दियों के दौरान बुआई की गई कुल फ़सल के 20 फ़ीसदी हिस्से की पैदावार नहीं होगी.

साथ ही, सचेत किया गया है कि विश्व भर में अन्न का उत्पादन 279 करोड़ टन हुआ है, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में कुछ ज़्यादा है. चावल उत्पादन 52 करोड़ टन के साथ अपने सर्वाधिक ऊँचे स्तर पर पहुँच गया है. 

वर्ष 2021-22 में वैश्विक अनाज का इस्तेमाल 278 करोड़ टन से अधिक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें चावल के रिकॉर्ड स्तर के अलावा मक्का और गेहूँ के लिये भी बढ़ोत्तरी अपेक्षित है.

यूएन एजेंसी ने यूक्रेन में युद्ध के कारण, इस वर्ष विश्व में अनाज के व्यापार में अपने पूर्वानुमानों में बदलाव करते हुए इसे 46 करोड़ 90 लाख टन तक रखा है, जोकि 2020-21 के स्तर की तुलना में संकुचन को दर्शाता है. 

यूएन एजेंसी का अनुमान है कि योरोपीय संघ और भारत द्वारा गेहूँ का निर्यात बढ़ाया जाएगा, अर्जेन्टीना, भारत और अमेरिका ज़्यादा मात्रा में मक्का का निर्यात करेंगे, जिससे कुछ हद तक काला सागर क्षेत्र से निर्यात में आई गिरावट की क्षतिपूर्ति हो सकेगी.

तेल एवं चीनी 

यूएन एजेंसी का वनस्पति तेल क़ीमत इण्डेक्स 23 प्रतिशत बढ़ा है, जिसकी वजह सूरजमुखी के बीज के तेल के लिये ऊँची निविदाएँ बताई गई हैं. यूक्रेन, दुनिया में इस तेल का अग्रणी निर्यातक है.  

ताड़ और सोया तेल की क़ीमतों में भी उछाल आया है, जिसका एक कारण सूरजमुखी के बीज के तेल के दामों का बढ़ना और कच्चे तेल की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी है. 

सोया तेल की क़ीमतो के पीछे दक्षिण अमेरिका से होने वाले निर्यात में गिरावट पर चिन्ता है. चीनी की क़ीमत वाले इण्डेक्स में फ़रवरी महीने की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे हाल के समय के रुझान अब उलट गए हैं. 

मार्च 2021 के मुक़ाबले यह इण्डेक्स 20 प्रतिशत अधिक है. 

माँस एवं दुग्ध पदार्थ

इस बीच, सूअर के माँस की क़ीमतों में तेज़ वृद्धि की एक वजह पश्चिमी योरोप में कटान के लिये पशुओं की कमी बताई गई है. 

इसके मद्देनज़र, माँस की क़ीमत पर नज़र रखने वाले इण्डेक्स में मार्च महीने में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जोकि अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है.

अन्तरराष्ट्रीय मुर्गी पालन क़ीमतों में भी मज़बूती देखी गई है, चूँकि एवियन फ़्लू के प्रकोप के कारण मुख्य निर्यातक देशों से आपूर्ति में कमी आई है. 

अल्प- एवं दीर्घकालिक वितरण के लिये आयात माँग में तेज़ी के बीच, मक्खन और दूध पाउडर के लिये निविदाओं में उछाल आया है.

इससे यूएन एजेंसी का डेयरी इण्डेक्स 2.6 प्रतिशत तक बढ़ा है, और मार्च 2021 की तुलना में यह 23 फ़ीसदी अधिक आंका गया है.