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जलवायु संकट से निपटने में खेलकूद व एथलीट का नेतृत्व अहम

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में, एक स्कूल में वॉलीबॉल खेलती कुछ स्कूली लड़कियाँ. ये तस्वीर 2016 की है.
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अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में, एक स्कूल में वॉलीबॉल खेलती कुछ स्कूली लड़कियाँ. ये तस्वीर 2016 की है.

जलवायु संकट से निपटने में खेलकूद व एथलीट का नेतृत्व अहम

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने ‘शान्ति व विकास के लिये अन्तरराष्ट्रीय खेलकूद दिवस’ पर अपने सन्देश में कहा है कि एथलीट, विश्व की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में हैं और अपने प्रबन्धकों, प्रशंसकों व अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर वैश्विक जलवायु कार्रवाई में अहम योगदान दे सकते हैं.    

बुधवार, 6 अप्रैल, को अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें यूएन उपप्रमुख ने शिरकत की. 

इस वर्ष ‘अन्तरराष्ट्रीय खेलकूद दिवस’ की थीम में जलवायु आपात स्थिति से निपटने के प्रयासों के ज़रिये मानवाधिकारों और टिकाऊ विकास को बढ़ावा दिये जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. 

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उपमहासचिव ने ध्यान दिलाया कि खेलकूद में विश्व भर में लोगों को एकजुट व प्रेरित करने की शक्ति है, और इसे सम्मान, समानता, विविधता व समावेशन के उत्प्रेरक के रूप में इस्तेमाल लाया जा सकता है. 

आमिना मोहम्मद के मुताबिक़, आमजन व पृथ्वी के समक्ष मौजूद गम्भीरतम ख़तरों, जैसेकि जलवायु परिवर्तन, पर पार पाने के लिये भी खेलकूद एक अहम मंच प्रदान करते हैं. 

इसके मद्देनज़र, उन्होंने सभी सैक्टरों में तात्कालिक व रूपान्तरकारी कार्रवाई की पुकार लगाई है, जिनमें खेलकूद प्रतिभागियों, आयोजकों, विज्ञापनदाताओं व समर्थकों समेत सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जानी होगी.

यूएन की उपप्रमुख ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जलवायु संकट से निपटने के लिये आपात तौर-तरीक़ों का इस्तेमाल किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है.

यूएन महासचिव का मानना है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की लड़ाई को इसी दशक में जीता या हारा जाएगा.

वास्तविक नेतृत्व की दरकार

उपप्रमुख आमिना मोहम्मद ने सचेत किया कि दुनिया फ़िलहाल इस लक्ष्य के रास्ते से भटकी हुई है. 

“बड़े खेलकूद आयोजन और लीग, एथलीट व उनके प्रशंसक, सामूहिक व रचनात्मक राजनैतिक कार्रवाई के शक्तिशाली पैरोकार बनने के लिये लगभग तैयार हैं.”

उन्होंने कहा कि खेलकूद उद्योग को वास्तविक नेतृत्व का परिचय देना होगा, जिसके तहत कार्बन पदचिन्हों को कम किया जाना अहम है.

साथ ही, निजी सैक्टर द्वारा अधिक महत्वाकाँक्षा दर्शाई जानी होगी, और कम क़ीमत पर समावेशी व सुलभ समाधानों को बढ़ावा दिया जाना होगा, ताकि ज़्यादा असर सुनिश्चित किया जा सके.

“ज़्यादा अहम बात यह है कि हमें खेलकूद में शामिल हर एक व्यक्ति के अधिक ऊँची आवाज़ में बोलने और सरकारों व व्यवसायों से ज़्यादा निडर कार्रवाई की मांग करने की ज़रूरत है.”

बुलन्द आवाज़ ज़रूरी

यूएन उपमहासचिव ने कहा कि खेलकूद सितारे, विशेषज्ञ, प्रायोजक और उनके साझीदार, विश्व की सर्वाधिक प्रभावशाली हस्तियों में हैं, और उन्हें जलवायु कार्रवाई में योगदान देना होगा.

आमिना मोहम्मद ने कहा कि वे सरकारों और व्यवसायों से, कोयले पर निर्भरता को चरणबद्ध ढँग से हटाने और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बढ़ने की गति को तेज़ करने का आग्रह कर सकते हैं.

“नेताओं को दिखाइए कि एक न्यायोचित, स्वच्छ और नैट-शून्य कार्बन ग्रह को रोका नहीं जा सकता है, और यह जल्द किया जाना होगा.”

यूएन की शीर्ष अधिकारी ने बताया कि जलवायु संकट से मुक़ाबले और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये वैश्विक प्रयास एक ऐसी लड़ाई है, जिसे साझा रूप से ही जीता या हारा जाएगा.